पेटिग पर लाखों खर्च, राहगीरों की सुरक्षा नजरअंदाज
महानगर को स्मार्ट सिटी बनाने की दिशा में कदम बढ़ाने वाला नगर निगम राहगीरों की सुरक्षा को नजरअंदाज कर रहा है। कचहरी पुल सहित कई स्थानों पर स्ट्रीट लाइट के पोल बाक्स खुले पड़े हैं जबकि कई स्थानों से सालों से रेलिग भी लापता है।
सहारनपुर, जेएनएन। महानगर को स्मार्ट सिटी बनाने की दिशा में कदम बढ़ाने वाला नगर निगम राहगीरों की सुरक्षा को नजरअंदाज कर रहा है। कचहरी पुल सहित कई स्थानों पर स्ट्रीट लाइट के पोल बाक्स खुले पड़े हैं, जबकि कई स्थानों से सालों से रेलिग भी लापता है। वीवीआइपी के आगमन के दौरान टूटी रेलिग की जगह फ्लेक्स से कवर कर दिया जाता है। महानगर और पुल की पेटिग पर ही निगम लाखों रुपये खर्च कर चुका है।
महानगर में स्मार्ट सिटी परियोजना के पहले काम का शुभारंभ इंटीग्रेटिड कमांड कंट्रोल सेंटर के रूप में गुरुवार को कंपनी आइइसी द्वारा किया गया। महानगर के कचहरी पुल पर नगर निगम द्वारा फुटपाथ पर स्ट्रीट पोल लगवाए गए थे, जबकि सप्लाई देने वाली विद्युत लाइन भी फुटपाथ से प्लास्टिक के पाइप से पहुंचाई गई है। कई पोल के बाक्स आज भी खुले पड़े हैं, जो राहगीरों के लिए दुर्घटना का सबब बने हुए हैं। दोबारा रेलिग लगवाने की जरूरत नहीं समझी गई।
वहीं दूसरी और नगर निगम द्वारा महानगर के लोगों को स्मार्ट सिटी का एहसास कराने के लिए लाखों रुपये वाल पेंटिग पर खर्च कर दिए गए हैं। सूत्रों का कहना है कि निगम द्वारा पेंटिग पर 30 रुपये वर्गफुट की दर से खर्च किए जा रहे हैं। कचहरी पुल पर करीब दो हजार वर्ग फुट में गत डेढ़ वर्ष के दौरान इन दिनों तीसरी बार पेंटिग कराई जा रही है। एक बार का खर्च करीब 60 हजार रुपये आता है। तीन पेटिग पर औसत 1.80 लाख खर्च का आंकलन है। इन्होंने कहा
पुल पर रेलिग आदि को कार्ययोजना में शामिल कर लिया गया है। जल्द ही काम शुरू कराया जाएगा। स्ट्रीट लाइट के पोल आदि भी चेक कराकर ठीक कराए जाएंगे।
ज्ञानेंद्र सिंह, नगरायुक्त।