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प्रवासी कामगारों को हंगामे के बाद पिलखनी भिजवाया

बेहट कस्बे के जनता इंटर कालेज के आश्रय स्थल पर ठहरे 85 प्रवासी कामगारों को देर रात मुख्य आश्रय स्थल पिलखनी प्रशासन द्वारा भिजवा दिया गया जबकि मुजफ्फराबाद वैदिक इंटर कॉलेज एवं जीवाला में ठहरे कुल 229 प्रवासी कामगारों को अभी तक उनके गृह जनपदों को भेजने का इंतजाम प्रशासन की ओर से नहीं किया गया।

By JagranEdited By: Published: Wed, 20 May 2020 11:25 PM (IST)Updated: Wed, 20 May 2020 11:25 PM (IST)
प्रवासी कामगारों को हंगामे के बाद पिलखनी भिजवाया
प्रवासी कामगारों को हंगामे के बाद पिलखनी भिजवाया

सहारनपुर, जेएनएन। बेहट कस्बे के जनता इंटर कालेज के आश्रय स्थल पर ठहरे 85 प्रवासी कामगारों को देर रात मुख्य आश्रय स्थल पिलखनी प्रशासन द्वारा भिजवा दिया गया, जबकि मुजफ्फराबाद वैदिक इंटर कॉलेज एवं जीवाला में ठहरे कुल 229 प्रवासी कामगारों को अभी तक उनके गृह जनपदों को भेजने का इंतजाम प्रशासन की ओर से नहीं किया गया। दोनों स्थानों पर ठहराए गए कामगार विभिन्न प्रदेशों के रेड जोन क्षेत्रों से आए हुए हैं।

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गौरतलब है कि विगत दो सप्ताह से पब्लिक इंटर कालेज साढ़ौली कदीम में दो सप्ताह से पैदल हिमाचल, पंजाब व हरियाणा से पैदल चलकर पूर्वांचल में अपने गृह जनपद जाने को पैदल आए प्रवासी मजदूरों को बेहट पुलिस ने छोड़ दिया था। इसके बाद प्रशासन अथवा पुलिस ने इनके खाने पीने की सुध तक नहीं ली। हालांकि दो सप्ताह तक ग्रामीणों ने इन प्रवासी कामगारों के खाने का इंतजार किया था।

दैनिक जागरण द्वारा मुद्दा उठाने के बाद प्रशासन व पुलिस की नींद टूटी और इन कामगारों को रविवार को साढा़ैली कदीम से बेहट जनता इंटर कालेज पहुंचाया गया। कस्बे के व्यापारी नेता वशिष्ठ गुप्ता के साथ समाजसेवी भूपेन्द्र चौधरी ने इनके खाने की व्यवस्था की। मंगलवार को इन कामगारों ने प्रशासन पर उपेक्षा का आरोप लगाते हुये खाना खाने से इंकार करते हुये हंगामा किया था। इसके बाद प्रशासन ने मंगलवार रात मुख्य आश्रय स्थल पिलखनी भिजवाया।

मुजफ्फराबाद खंड विकास अधिकारी रवि प्रकाश ने बताया कि वैदिक इंटर कॉलेज में बुधवार सवेरे तक 127 ओर जीवाला के बीएस इंटर कॉलेज में 112 कामगारों की विदाई के बावजूद 102 प्रवासी ठहरे हुए हैं। उन्होंने बताया कि इनमें महाराष्ट्र, अहमदाबाद, हैदराबाद, जोधपुर के रेड जोन क्षेत्रों से आए प्रवासी शामिल हैं । यहां ठहरे प्रवासी रोजे भी रख रहे हैं और रमजान में इबादत भी कर रहे हैं।


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