मौलाना गुलाम नबी कश्मीरी का इंतकाल
इस्लामी तालीम के दूसरे बड़े मर्कज दारुल उलूम वक्फ देवबंद के वरिष्ठ उस्ताद मौलाना गुलाम नबी कश्मीरी का लंबी बीमारी के बाद गुरुवार को निधन हो गया।
सहारनपुर जेएनएन। इस्लामी तालीम के दूसरे बड़े मरकज दारुल उलूम वक्फ देवबंद के वरिष्ठ उस्ताद मौलाना गुलाम नबी कश्मीरी का लंबी बीमारी के बाद गुरुवार को निधन हो गया। वह 63 वर्ष के थे। देर शाम कासमी कब्रिस्तान में शव सुपुर्दे खाक किया गया।
मौलाना गुलाम नबी ने दारुल उलूम वक्फ में करीब 30 वर्षों तक अपनी खिदमात दी। बीमार होने पर दिल्ली के एक निजी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। गुरुवार सुबह मौलाना के निधन के बाद देर शाम तक उनके मोहल्ला खानकाह स्थित आवास पर उलमा और मदरसा छात्रों का तांता लगा रहा। अहाता-ए-मोलसरी में जनाजे की नमाज अदा की गई। मरहूम मौलाना ने विभिन्न विषयों पर किताबें लिखीं। वह दारुल उलूम वक्फ से निकलने वाले माहनामा रिसाला निदा-ए-दारुल उलूम के संपादक भी थे। दारुल उलूम वक्फ के मोहतमिम मौलाना सुफियान कासमी, शेखुल हदीस मौलाना अहमद खिजर शाह मसूदी, मौलाना नसीम अख्तर शाह कैसर ने कहा कि मौलाना की इल्मी खिदमात को हमेशा याद किया जाएगा। दारुल उलूम के मोहतमिम मौलाना अबुल कासिम नौमानी, मौलाना अब्दुल खालिक मद्रासी, मौलाना खिजर मोहम्मद कश्मीरी, मौलाना शकैब कासमी, मुफ्ती अहसान कासमी, कारी इसहाक गोरा, मौलाना फरीद, मौलाना इस्लाम, मौलाना इब्राहीम कासमी आदि ने दुख का इजहार किया है।