मलेरिया डाल रहा लीवर और गुर्दों पर असर
सहारनपुर : समय के साथ बीमारियां भी अब अपना असर बदलती नजर आ रही हैं। जनपद में करीब दो माह स
सहारनपुर : समय के साथ बीमारियां भी अब अपना असर बदलती नजर आ रही हैं। जनपद में करीब दो माह से मलेरिया और टाइफाइड का प्रकोप जारी है। चिकित्सकों की मानें तो अब मलेरिया का असर लीवर और गुर्दों पर होने लगा है। मलेरिया के 60 फीसदी मरीजों की जांच में लीवर पर सूजन सामने आ रही है। इससे मरीज की भूख खत्म हो जाती है और मरीज लगातार कमजोरी की ओर चला जाता है। वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. संजीव मिगलानी ने बताया कि मलेरिया में लीवर और गुर्दों पर असर आना मलेरिया की टिपिकल अवस्था है। जिसमें सही और सटीक इलाज की जरूरत रहती है। मरीजों को चाहिए कि वह बुखार आने पर किसी अच्छे चिकित्सक से संपर्क कर इलाज शुरू कराएं। मलेरिया से बचने का सबसे बेहतर उपाय मच्छरों को पनपने से रोकना है। बेहतर हो कि हम अपने आसपास मच्छरों को पैदा न होने दें। खाली डिब्बों, बर्तनों और टायर आदि में पानी जमा न होने दें, जहां पानी जमा हो वहां मिट्टी का तेल या डीजल डालें। मच्छरों से बचने के उपाय जैसे मच्छर दानी का उपयोग करें, फुल बाजू के कपड़े पहनें, मच्छरों को मारने के उपकरणों का इस्तेमाल करें। दिल, शुगर और सांस के मरीजों तथा 60 साल की उम्र पूरी कर चुके मरीजों को अधिक खतरा है। ऐसे में जरूरी है कि बुखार की स्थिति में लापरवाही न बरतें और किसी अच्छे चिकित्सक से संपर्क कर सही इलाज शुरू कराएं।
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मलेरिया के लीवर पर प्रभाव के लक्षण
-पेशाब का पीला आना।
-आंखों का पीला हो जाना।
-भूख नहीं लगना और उल्टी आना।
-बेहोशी की हालत में चले जाना।
-लगातार हिचकी का बने रहना।
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मलेरिया के गुर्दे पर असर के लक्षण
-हाथों और पैरों पर सूजन आना।
-पेशाब का न होना।
-ब्लड में यूनिया का बढ़ जाना।
-चेहरे का सूज जाना।