सहारनपुर जातीय हिंसा का आरोपी 'रावण' गिरफ्तार, बढ़ाई गई कोर्ट की सुरक्षा
चन्द्रशेखर आजाद उर्फ रावण को मुकदमा दर्ज होने के 28 दिन बाद पुलिस व एसटीएफ की टीम ने आज तड़के हिमाचल प्रदेश के डलहौजी में सुभाष चौक से गिरफ्तार कर लिया।
सहारनपुर(जेएनएन)। उत्तराखंड तथा हरियाणा की सीमा से उत्तर प्रदेश को जोडऩे वाले जिले सहारनपुर को जातीय हिंसा में जलाने वाले आरोपी को पुलिस व एसटीएफ की टीम ने आज अपनी गिरफ्त में ले लिया। भीम आर्मी के संस्थापक चन्द्रशेखर आजाद उर्फ रावण को मुकदमा दर्ज होने के 28 दिन बाद पुलिस व एसटीएफ की टीम ने आज तड़के हिमाचल प्रदेश के डलहौजी में सुभाष चौक से गिरफ्तार कर लिया।
उत्तर प्रदेश के अपर महानिदेशक कानून-व्यवस्था आदित्य मिश्रा ने बताया कि चंद्रशेखर आजाद उर्फ रावण को उत्तर प्रदेश पुलिस हिमाचल प्रदेश के थाना डलहौजी में अपनी आमद दिखाकर उसे देर शाम तक सहारनपुर लाएगी। उन्होंने कहा कि चंद्रशेखर आजाद की गिरफ्तारी के बाद से हमको बड़ी राहत मिली है।
उसको हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले से गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने कहा कि चंद्रशेखर के खिलाफ दो नामजद एफआईआर दर्ज है। इसके अलावा भी अन्य मामलों में भी यह शामिल है। शाम तक पुलिस चंद्रशेखर को कोर्ट में पेश कर सकती है। इसको देखते हुए कोर्ट परिसर छावनी मे तब्दील किया गया है।
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पेशे से अधिवक्ता चंद्रशेखर (30 वर्ष) ने चार वर्ष पहले 2013 में भीम आर्मी का गठन किया। चंद्रशेखर का दवा है कि मौजूदा समय में देश के सात राज्यों में 40 हजार से ज्यादा लोग इसके सदस्य हैं।दूसरी ओर, रावण के दोस्त व निगाहें संगठन के अध्यक्ष नवाब सतपाल तंवर की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने गुरुग्राम में दबिश दी लेकिन वह नहीं मिला।
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भीम आर्मी मुखिया चंद्रशेखर आजाद उर्फ रावण निवासी हरिजन कालोनी छुटमलपुर पर सहारनपुर में जातीय हिंसा भड़काने का आरोप है। चन्द्रशेखर के खिलाफ सहारनपुर कोतवाली देहात में चार मुकदमे दर्ज हैं। उसके विरुद्ध 9 मई को यह मुकदमें दर्ज हुए थे। रावण पर 12 हजार का इनाम भी घोषित है। अब पुलिस ने 28 दिन बाद उसे गिरफ्तार किया है। उसके समर्थकों पर रामनगर में एक पुलिस चौकी, कई मोटरसाइकिलें, कारें जलाने और पुलिस पर हमले के आरोप हैं।
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गृह सचिव मणि प्रसाद मिश्रा साहरनपुर एसएसपी बबलू कुमार ने चन्द्रशेखर आजाद उर्फ रावण की गिरफ्तारी की पुष्टि की है। रावण की गिरफ्तारी के बाद सहारनपुर में सतर्कता बढ़ा दी गई। डीएम पी के पांडेय व एसएसपी ने सभी थानाध्यक्ष को अपने-अपने क्षेत्रों में सतर्कता बरतने को कहा है। रावण के घर छुटमलपुर, शब्बीर पुर आदि क्षेत्रों में पीएसी भी लगाई गई है।
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गौरतलब है कि 5 मई को सहारनपुर में महाराणा प्रताप की जयंती के दिन शुरू हुआ विवाद तारीखें बदलने के साथ-साथ और भी विकराल होता चला गया। मूर्ति पर माल्यार्पण और डीजे बजाने को लेकर शुरू हुआ विवाद जातीय हिंसा में तब्दील हो गया। इस हिंसा में पूरा जिला सुलग उठा और सियासी दलों को राजनैतिक रोटियां सेकने का मौका भी मिल गया।
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सहारनपुर हिंसा पर एक नजर
5 मई : हिंसा की शुरुआत जिले के शब्बीरपुर गांव में महाराणा प्रताप की मूर्ति पर माल्यार्पण करने जा रहे राजपूत व दलितों के बीच झड़प से हुई। इस हिंसा में राजपूत पक्ष के एक युवक सुमित की मौत हो गई। इसके बाद ठाकुरों ने बदला लेने के लिए 60 दलितों के घर फूक दिए. इस मामले में पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर 17 लोगों को गिरफ्तार किया।
9 मई : भीम आर्मी के नेतृत्व में पीडि़त दलितों ने मुआवजे की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़की। उपद्रवियों ने कई जगह तोडफ़ोड़ व आगजनी की। दो पुलिस चौकी फूक दी गई, कई वाहन को आग के हवाले कर दिया गया। इस मामले में 24 मुकदमे दर्ज कर 30 लोग गिरफ्तार किया।
21 मई : बड़ी तादाद में दलितों ने दिल्ली में जंतर-मंतर पर प्रोटेस्ट किया।
23 मई : बसपा प्रमुख मायावती के दौरे से पहले शब्बीरपुर में आगजनी और पथराव के बाद कई स्थानों पर जमकर हिंसा।
23 मई : मायावती की रैली से लौट रहे लोगों पर अज्ञात लोगों ने किया हमला एक की मौत। 10 से ज्यादा घायल हुए। मामले में 25 लोग गिरफ्तार।
24 मई : अज्ञात हमलावर ठाकुर समुदाय के एक शख्स को गोली मारकर फरार।