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सहारनपुर में पत्रकार हत्याकांड : आरोपित महिपाल दो बेटों सहित गिरफ्तार

एसएसपी ने दावा किया कि उधार के 20 हजार रुपये न चुका पाने के कारण हत्याकांड को अंजाम दिया गया।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Tue, 20 Aug 2019 11:26 PM (IST)Updated: Wed, 21 Aug 2019 09:36 AM (IST)
सहारनपुर में पत्रकार हत्याकांड : आरोपित महिपाल दो बेटों सहित गिरफ्तार
सहारनपुर में पत्रकार हत्याकांड : आरोपित महिपाल दो बेटों सहित गिरफ्तार

सहारनपुर, जेएनएन। उप्र के सहारनपुर स्थित पुराना माधोनगर में विगत रविवार को दैनिक जागरण के युवा पत्रकार आशीष धीमान व उनके भाई आशुतोष के हत्यारोपित 25 हजार के इनामी महिपाल व उसके दो बेटों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। यह गिरफ्तारी मुजफ्फरनगर के तितावी थाना क्षेत्र से हुई है। इनके कब्जे से एक लाइसेंसी बंदूक, एक राइफल और इनकी निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त दो तमंचे भी बरामद किए गए।

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हत्यारोपित के हवाले से एसएसपी ने दावा किया कि उधार के 20 हजार रुपये न चुका पाने के कारण हत्याकांड को अंजाम दिया गया। मामले में नामजद छह आरोपितों में से महिपाल का एक बेटा गौरव अभी फरार है। तीनों हत्यारोपितों को बुधवार को जेल भेजा जाएगा। महिपाल की पत्नी को जेल, जबकि नाबालिग बेटी को सोमवार को बाल संप्रेक्षण गृह-नोएडा भेज दिया गया था।

मंगलवार को एसएसपी दिनेश कुमार पी ने गिरफ्तार किए गए तीनों आरोपितों को पुलिस लाइन सभागार में मीडियाकर्मियों के समक्ष पेश किया। हत्याकांड का पर्दाफाश करते हुए उन्होंने बताया कि मंगलवार दोपहर दो बजे पुलिस टीम ने मुजफ्फरनगर के थाना तितावी क्षेत्र में बघरा के जंगल से 25 हजार के इनामी महिपाल सैनी, उसके बेटे सनी सैनी तथा सूरज सैनी को गिरफ्तार कर लिया। इनके कब्जे से महिपाल के पिता जगदीश की 315 बोर की लाइसेंसी राइफल, 12 बोर की डबल बैरल लाइसेंसी बंदूक, 24 कारतूस 12 बोर, 10 कारतूस 315 बोर बरामद किए। इनकी निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त 315 बोर के दो तमंचे, छह कारतूस बरामद किए गए।

एसएसपी के मुताबिक, पूछताछ में पता चला है कि महिपाल 2011 में पुराना सहारनपुर के माधोनगर में आकर बस गया था। इसके बाद आशीष के पिता परिवार के साथ इस मोहल्ले में आए थे। 2015 में मकान में निर्माण कराने के लिए आशीष ने महिपाल से 50 हजार रुपये उधार लिए थे। इसमें से 30 हजार रुपये लौटा दिए थे, जबकि शेष रकम 500 रुपये प्रति महीना लौटाने की बात कही थी। इसके बाद ही इनके बीच रंजिश शुरू हो गई। हालांकि, महिपाल और आशीष पक्ष ने कभी इसकी शिकायत थाने में नहीं की थी। 20 हजार रुपये न लौटाने के कारण ढाई-तीन साल से दोनों परिवारों के बीच बोलचाल भी बंद थी।

पुलिस के दावों के अनुसार, रविवार सुबह नाले में गोबर बहाने को लेकर हुए झगड़े के दौरान दोनों पक्षों के बीच पथराव भी हुआ। इसी के चलते महिपाल व उसके बेटों ने गोली मारकर आशीष व आशुतोष की हत्या कर दी।

सीसीटीवी फुटेज पर एसएसपी खामोश

रविवार को आशीष व आशुतोष की हत्या के बाद महिपाल व उसके बेटे फरार हो गए थे। उनकी फरारी को लेकर पुलिस किसी सीसीटीवी फुटेज को खंगालने पर अब तक खामोश है। सवाल उठता है कि पुलिस द्वारा बयां की गई हत्यारोपितों की स्क्रिप्ट यदि सही है तो वे किसी न किसी कैमरे की जद में जरूर आए होंगे। इससे यह भी पता चलेगा कि आरोपित हथियारों समेत फरार हुए थे या खाली हाथ। यदि खाली हाथ भागे थे तो पुलिस स्क्रिप्ट झूठी साबित हो सकती है। यह बात अलग है कि आरोपितों ने स्वयं प्रेस कांफ्रेंस में यह बात स्वीकार की कि वे मुजफ्फरनगर से असलाह सहित पकड़े गए।

पुलिस को क्लीनचिट

दोहरे हत्याकांड के बाद भी एसएसपी को किसी पुलिसकर्मी का कोई दोष नजर नहीं आ रहा है। मीडिया के सवाल पूछने पर उनका कहना था कि पुलिस की कहीं कोई लापरवाही नहीं है, लिहाजा किसी के खिलाफ कार्रवाई नहीं बनती।


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