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गृहमंत्री की सोच संविधान के विरुद्ध : मदनी

देवबंद में जमीयत उलमा-ए-हिद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि देश के वर्तमान हालात चिंताजनक हैं। गृहमंत्री की सोच संविधान के विरुद्ध है। भारतीय संविधान और कानून को दरकिनार कर न्याय की संवैधानिक परंपरा को खत्म करने की कोशिश की जा रही है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 19 Oct 2019 11:01 PM (IST)Updated: Sun, 20 Oct 2019 06:11 AM (IST)
गृहमंत्री की सोच संविधान के विरुद्ध : मदनी
गृहमंत्री की सोच संविधान के विरुद्ध : मदनी

सहारनपुर, जेएनएन। देवबंद में जमीयत उलमा-ए-हिद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि देश के वर्तमान हालात चिंताजनक हैं। गृहमंत्री की सोच संविधान के विरुद्ध है। भारतीय संविधान और कानून को दरकिनार कर न्याय की संवैधानिक परंपरा को खत्म करने की कोशिश की जा रही है। यह अच्छे संकेत नहीं हैं।

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शनिवार को जारी बयान में मौलाना अरशद मदनी ने गृहमंत्री अमित शाह के उस बयान का विरोध किया जिसमें उन्होंने गैर मुस्लिम लोगों को भारतीय नागरिकता देने की बात कही थी। मदनी ने कहा कि अमित शाह के बयान से स्पष्ट है कि उनके निशाने पर सिर्फ मुसलमान हैं। गृहमंत्री की सोच संविधान की धारा 14-15 के विरुद्ध है। इसमें सभी नागरिकों से उनकी धार्मिक भाषा, खानपान, रहन-सहन के नाम पर भेदभाव नहीं करने की बात की गई है। अयोध्या मामले में सुनवाई पूरी होने पर मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि जमीयत उलमा-ए-हिद को पूरा यकीन है कि न्यायपालिका का निर्णय आस्था की बुनियाद पर नहीं, बल्कि सुबूतों और कानून की बुनियाद पर होगा। बता दें कि कुछ दिनों पूर्व गृहमंत्री ने कोलकाता में एनआरसी पर बयान देते हुए कहा था कि हिदू, बौद्ध और जैन को देश से नहीं निकाला जाएगा। उसके बाद से ही जमीयत इसका विरोध कर रही है।


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