भीम आर्मी नेता चंद्रशेखर से साक्षात्कार : मैं गठबंधन के साथ
भीमआर्मी संस्थापक चंद्रशेखर उर्फ रावण की जेल से रिहाई सियासी नजरिये से बहुत मायने रखती है और जेल से छूटकर उनका बसपा सुप्रीमो मायावती को बुआ कहना उससे भी अधिक है।
सहारनपुर (जेएनएन)। शब्बीरपुर जातीय हिंसा के बाद सुर्खियों में आए भीमआर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर उर्फ रावण की जेल से रिहाई सियासी नजरिये से बहुत मायने रखती है। प्रदेश सरकार द्वारा अचानक रासुका हटाने के बाद गुरुवार देर रात 2.37 मिनट पर रिहा होने के बाद रावण अपने घर पहुंचा। लोकसभा चुनाव 2019 में चंद्रशेखर द्वारा स्थापित संगठन भीमआर्मी की भूमिका को अहम माना जा रहा है। भीमआर्मी भले ही पश्चिम उत्तर प्रदेश के कुछ जनपदों तक ही सीमित है, लेकिन चुनाव में उसके रुख को लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चा गरम है। भले ही शब्बीरपुर हिंसा के बाद सहारनपुर पहुंच बसपा सुप्रीमो मायावती ने चंद्रशेखर को भाजपा का एजेंट करार दिया था लेकिन आज रावण ने मायावती को अपनी बुआ कहकर राजनीति का मास्टर स्ट्रोक लगाया है। चन्द्रशेखर उर्फ रावण की जागरण संवाददाता नीरज गुप्ता से हुई बातचीत के कुछ अंश -
- बसपा सुप्रीमो मायावती लगातार भीमआर्मी को भाजपा का संगठन बता रही हैं। आपका क्या कहना है?
व्यक्तिगत रिश्ते में मायावती मेरी बुआ हैं। मैं उनका बहुत सम्मान करता हूं। बसपा राजनीतिक दल है और भीमआर्मी गैर-राजनीतिक। दोनों में अंतर विचारधारा का है। मायावती राजनीतिक लड़ाई लड़ रही हैं, और हम सामाजिक। बगैर समाज को साथ लिए राजनीति नहीं हो सकती।
- लोकसभा चुनाव 2019 में भीमआर्मी की क्या भूमिका रहेगी?
इस चुनाव में भीमआर्मी विपक्षी गठबंधन के साथ है। प्रत्येक दशा में भाजपा को सबक सिखाना है।
- चुनाव लडऩे का इरादा है?
भीम आर्मी गैर-राजनीतिक संगठन है। चुनाव लडऩे का कोई इरादा नहीं है।
- प्रदेश की भाजपा सरकार ने जिस तरह से आपकी रिहाई कराई, यह आपकी नजर में क्या है?
यह जीत संगठन व समाज की है। सरकार ने तो कानून के शिकंजे में फंसा ही रखा था, लेकिन वह सिद्ध नहीं कर पाए और अंत में जीत समाज की हुई। सरकार ने इसलिए हमें छोड़ा क्योंकि शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से जवाब मांगा था जो इनके पास नहीं था।
- भीम आर्मी संगठन की भविष्य में क्या रणनीति रहेगी?
21 अगस्त 2015 को स्थापित भीमआर्मी गैर-राजनीतिक संगठन है। वर्तमान में संगठन की उत्तराखंड, पंजाब व हरियाणा आदि में इकाई स्थापित की गई है, और सदस्यों की संख्या बढ़ाई जाएगी। समाज के उत्थान के लिए शिक्षा जरूरी है। वर्तमान में संगठन लगभग 1000 से ज्यादा गांवों में भीम पाठशालाएं चला रहा है।