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..तो यहां शाम ढलते ही धुआं उगलने लगती है शराब की भट्टी

तहसील क्षेत्र में शराब का धंधा फिर जोर पकड़ने लगा है। शाम ढलते ही ग्रामीण क्षेत्रों में शराब की भट्टी दहकने लगती है। गांव-गांव में शराब माफियाओं द्वारा रेक्टिफाइड युक्त शराब बनाई जा रही है। जानकारी के बावजूद भी पुलिस आंखें बंद करके बैठी है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 27 Oct 2020 06:31 PM (IST)Updated: Tue, 27 Oct 2020 06:31 PM (IST)
..तो यहां शाम ढलते ही धुआं उगलने लगती है शराब की भट्टी
..तो यहां शाम ढलते ही धुआं उगलने लगती है शराब की भट्टी

सहारनपुर जेएनएन। तहसील क्षेत्र में शराब का धंधा फिर जोर पकड़ने लगा है। शाम ढलते ही ग्रामीण क्षेत्रों में शराब की भट्टी दहकने लगती है। गांव-गांव में शराब माफियाओं द्वारा रेक्टिफाइड युक्त शराब बनाई जा रही है। जानकारी के बावजूद भी पुलिस आंखें बंद करके बैठी है।

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गौरतलब हो कि विगत एक वर्ष पूर्व थाना नागल के सलेमपुर, कोटा, माही समेत अन्य गांव में जहरीली शराब पीने से करीब सौ से भी ज्यादा लोगों की मौत हुई थी। क्षेत्रवासी संजय कुमार, राजेंद्र सिंह, दीपक कुमार आदि ने पुलिस प्रशासन से शराब माफियाओं के खिलाफ उच्च स्तर पर अभियान चलाने की मांग की है।

गन्ने के खेतों को बनाया ठिकाना

तहसील क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों में शराब माफियाओं द्वारा गन्ने के खेतों को सुरक्षित ठिकाना बना रखा है। क्षेत्र के अब्दुल्लापुर, चंदेना कोली, नगली मेहनाज, बास्तम, रास्तम समेत कई स्थानों पर माफियाओं द्वारा जहरीली शराब बनाई जा रही है।


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