बर्ड फ्लू को लेकर हाई अलर्ट, राज्यों की सीमाओं पर छह टीमें तैनात
जिलाधिकारी अखिलेश सिंह ने बर्ड फ्लू की आशंका को देखते हुए जरूरी कदम उठाए जाने के निर्देश देते हुए हाई अलर्ट घोषित किया। साथ ही दूसरे राज्यों से लगती सीमाओं पर 6 टीमों का गठन उन्हें वहां तैनात किया है।
सहारनपुर, जेएनएन। जिलाधिकारी अखिलेश सिंह ने बर्ड फ्लू की आशंका को देखते हुए जरूरी कदम उठाए जाने के निर्देश देते हुए हाई अलर्ट घोषित किया। साथ ही दूसरे राज्यों से लगती सीमाओं पर 6 टीमों का गठन उन्हें वहां तैनात किया है। ये टीमें इस बात की जांच करेंगी कि कोई भी पोल्ट्री वाहन जनपद में प्रवेश न कर सके। यदि प्रवेश करेगा तो उसके पास प्रमाण पत्र होना चाहिए कि वह जिस स्थान से आया है, वहां बर्ड फ्लू के लक्षण नहीं हैं। जिलाधिकारी अखिलेश सिंह के निर्देश पर हरियाणा-शाहजहांपुरचेकपोस्ट, मुजफ्फरनगर रोड पर घलौली चेकपोस्ट, बादशाहीबाग चेकपोस्ट, बड़कला चेकपोस्ट, मोहंड चेकपोस्ट, काली नदी चेकपोस्ट पर टीमें तैनात की हैं। इसके अलावा प्रत्येक तहसील में रैपिड रेस्पांस टीम गठित की हैं। ये टीमें उस वक्त सक्रिय होंगी, जब उनके पास चेकपोस्ट से सूचना आएगी कि जनपद में बर्ड फ्लू के लक्षण वाला वाहन आ रहा है। जिलाधिकारी ने पशु पालन विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि जनपद में स्थापित पोल्ट्री फार्म की सूची, पक्षियों की संख्या का विवरण तथा पक्षियों के जनपद में आपूर्ति की सूचना तैयार की जाए, जिससे किसी भी आपात स्थिति में त्वरित कार्रवाई की जा सके। साथ ही अधिकारियों को निर्देशित किया कि प्रचार-प्रसार कर लोगो को जागरूक किया जाए, ताकि किसी भी प्रकार की अफवाह न फैलने पाए।
मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा. बीएस शर्मा ने जनपद में पोल्ट्री पालकों को सलाह दी है कि पक्षियों की स्लाटरिग साफ-सुथरे तरीके से करें। बाहरी पक्षियों को बाडे़ में न जाने दें। मुर्गियों को बाड़े में ही रखें। केवल मुर्गियों की देखभाल करने वाला ही मुर्गी के बाड़े में जाए। प्रत्येक 15 दिन पर बाडे़ की सफाई करें। पिजरा साफ रखें। बर्तनों की सफाई रखें। शेड में कीटनाशक दवा डालें। नए चूजों को 30 दिन तक पृथक रखें। दूसरे फार्म का उपकरण इस्तेमाल करने से पहले कीटनाशक दवा से उपचार जरूर कर लें।
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ये हैं बर्ड फ्लू के लक्षण
बर्ड फ्लू से सतर्क रहने और समय पर इसका इलाज लेने के लिए सबसे जरूरी है कि समय पर इसके लक्षण का पता लग जाए। सीवीओ डा. बीएस शर्मा का कहना है कि इसके लक्षण बुखार आना, बैचेनी होना, शरीर में दर्द होना, सर्दी और गले में खराश होना है। यह समस्याएं बर्ड फ्लू के शुरुआती लक्षणों में से एक हैं। कई बार पेट में दर्द की समस्या, सीने में दर्द और दस्त की समस्या भी हो सकती है। यदि किसी को कुछ ऐसी समस्याएं आती हैं तो अपना टेस्ट जरूर कराएं। गंभीर लक्षणों में सांस लेने में तकलीफ और निमोनिया जैसी समस्या के पीछे कारण बर्ड फ्लू हो सकता है। साफ कर पकाएं खाना
डा. शर्मा का कहना है कि अगर पोल्ट्री प्रोडक्ट्स और चिकन को अच्छे से साफ करके पकाया जाए तो यह खाना सुरक्षित है। क्योंकि गर्मी में यह वायरस कमजोर पड़ जाता है और काफी हद तक खत्म हो जाता है। मीट या अन्य पोल्ट्री प्रोडक्ट्स को कम से कम 70 डिग्री सेल्सियस की आंच पर जरूर पकाएं। गर्मी वायरस को मारने में कारगर होती है। वहीं डबल्यूएचओ के अनुसार पोल्ट्री प्रोडक्ट्स को पकाते समय सफाई का ख्याल रखना भी काफी जरूरी है।