भारी बारिश के बाद घाड़ में बाढ़ के हालात
रविवार की आधी रात के बाद शिवालिक पहाडि़यों व मैदानी क्षेत्र में हुई भारी बरसात के बाद घाड़ क्षेत्र की सभी नदियों में बाढ़ के हालात बन गए हैं। नदी किनारे बसें गावों का कई घंटे आपस में संपर्क कटा रहा। बारिश के चलते फसलें व आम के बागों में जलभराव हो गया। कई स्थानों पर नदियों की तेज धार ने उपजाऊ भूमि का कटान भी किया। नदी में तेज धार के चलते शाकंभरी पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को भी घंटों भूरादेव पर इंतजार करना पड़ा।
सहारनपुर, जेएनएन। रविवार की आधी रात के बाद शिवालिक पहाडि़यों व मैदानी क्षेत्र में हुई भारी बरसात के बाद घाड़ क्षेत्र की सभी नदियों में बाढ़ के हालात बन गए हैं। नदी किनारे बसें गावों का कई घंटे आपस में संपर्क कटा रहा। बारिश के चलते फसलें व आम के बागों में जलभराव हो गया। कई स्थानों पर नदियों की तेज धार ने उपजाऊ भूमि का कटान भी किया। नदी में तेज धार के चलते शाकंभरी पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को भी घंटों भूरादेव पर इंतजार करना पड़ा।
सोमवार की तड़के हुई बारिश इस मौसम की सबसे अच्छी बारिश मानी जा रही है। रविवार की आधी रात के शुरू हुई भारी वर्षा ने सोमवार की सुबह तक घाड़ क्षेत्र की नदियों में बाढ़ के हालात पैदा कर दिए। बारिश से शिवालिक पहाडि़यों से निकलने वाली बरसाती नदियां उफान पर आ गई। जिससे क्षेत्र में नदी किनारे बसें गांवों का तहसील मुख्यालय के साथ ही एक दूसरे से घंटों संपर्क कटा रहा। पानी की तेज धार ने कहीं-कहीं तो नदी किनारे कटाव कर किसानों के यूकेलिप्टिस व पापुलर आदि के पेड़ भी बहा दिए। कई घंटे के बाद जल स्तर कम होने के बाद ही ग्रामीण नदी पार कर अपने गंतव्य तक पहुंच सके।
दो दिन लॉकडाउन के बाद सोमवार की सुबह माता शाकंभरी देवी के दर्शनों को पहुंचे श्रद्धालुओं को घंटों भूरादेव पर नदी में पानी कम होने का इंतजार करना पड़ा। जलस्तर कम होने के बाद ही यह लोग पैदल माता के मंदिर तक पहुंचे। कई गांवों की गलियों में जल भराव की स्थिति उत्पन्न होने के कारण लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा है।