जनहित की अनदेखी करने वाला है बजट
देवबंद में प्रदेश सरकार के सोमवार को पेश हुए बजट पर किसानों ने मिलीजुली प्रतिक्रिया दी है। जहां कुछ किसान बजट से खुश नजर आए वहीं कुछ किसानों ने बजट को निराशा भरा बताया है।
सहारनपुर, जेएनएन। देवबंद में प्रदेश सरकार के सोमवार को पेश हुए बजट पर किसानों ने मिलीजुली प्रतिक्रिया दी है। जहां कुछ किसान बजट से खुश नजर आए वहीं, कुछ किसानों ने बजट को निराशा भरा बताया है।
भारतीय किसान संघ के प्रदेश संयोजक श्यामवीर त्यागी ने कहा कि बजट में किसानों की आय दोगुना करने के लिए आत्मनिर्भर कृषक समन्वित विकास योजना, मुख्यमंत्री कृषक दुघर्टना कल्याण योजना चलाने, फसलों की सिचाई का मुफ्त पानी और 62 लाख 50 हजार कुंतल बीज का वितरण और सोलर पंप लगाने का जो लक्ष्य रखा गया है, उससे आने वाले समय में किसानों को फायदा पहुंचेगा। पश्चिम प्रदेश मुक्ति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भगत सिंह वर्मा ने कहा कि प्रदेश सरकार का बजट किसानों को निराश करने वाला है। बजट में गन्ने की फसल के लिए 20 हजार करोड़ रुपये की व्यवस्था किसानों के भुगतान के लिए रखनी चाहिए थी। इससे गन्ना किसानों को सीधे 200 कुंतल गन्ने का रेट अधिक मिलता।
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मेडिकल केयर पर नहीं दिया गया खास ध्यान : सिद्दीकी
देवबंद : कांग्रेसी नेता साद सिद्दीकी ने योगी सरकार के बजट को निराशाजनक करार देते हुए कहा कि बजट में मेडिकल केयर पर खास ध्यान नहीं दिया गया है। कहा कि कोविड-19 के बाद दुनिया भर की सरकारों ने अपने बजट में स्वास्थ्य के लिए बड़ा हिस्सा रखा और मेडिकल केयर को और अधिक मजबूत करने का काम किया। लेकिन भाजपा सरकार ने इस ओर कोई मजबूत कदम नहीं उठाया है। कुल मिलाकर बजट से जनता के हाथ सिर्फ निराशा ही लगी है।
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प्रदेश सरकार का बजट किसान मजदूर विरोधी : सिकंदर
देवबंद : सपा के पूर्व जिला महामंत्री सिकंदर अली ने योगी सरकार के बजट को जनहितों की अनदेखी करने वाला और किसान मजदूर विरोधी करार दिया। कहा कि किसानों के बकाया भुगतान व खाद बिजली पर कोई सब्सिडी व लाभ पहुंचाने की घोषणा नहीं की गई। किसानों के 5 लाख के बीमा व निशुल्क सिचाई की योजना पहले से ही सपा सरकार द्वारा चलाई गई थी। भाजपा सरकार ने अपने बजट में कुछ भी नहीं दिया है। सी-133
व्यापारी नेता अवनीश अग्रवाल का कहना है कि बजट में व्यापारी जगत को निराशा हाथ लगी है। व्यापारी पेंशन, मंडी शुल्क आधा करने की मांग को ध्यान में नहीं रखा गया है। पेट्रोल-डीजल पर वैट कम करने की मांग को भी अनदेखा किया गया है। सी-134,
किसान महक सिंह गुर्जर का कहना है कि बजट किसानों के हित में नहीं है। देश के अन्नदाता कहे जाने वाले किसान का बकाया गन्ने का भुगतान नहीं किया है, जिसके चलते आज प्रदेश का किसान आंदोलन करने को बाध्य है।