सुरक्षित रहना है तो हेलमेट लगाओ
सहारनपुर: पिछले 48 घंटों में जनपद में हुए तीन हादसों में दो किशोर सहित सात लोग मौत का
सहारनपुर: पिछले 48 घंटों में जनपद में हुए तीन हादसों में दो किशोर सहित सात लोग मौत का शिकार हो चुके हैं। इनमें से यदि एक ने भी हेलमेट पहना होता तो इनकी जान बच सकती, मगर इस बात को कोई भी समझने को तैयार नहीं है। यह हादसे तो महज उदाहरण मात्र हैं, लेकिन यहां तो बिना हेलमेट के दोपहिया वाहन को दौड़ाना फैशन बन चुका है। हालांकि समय-समय पर यातायात विभाग अभियान चला कर लोगों को जागरूक करता है, मगर इसे समझने के लिए कोई भी तैयार नहीं। बाइक संग हेलमेट खरीदना जरूरी: आरटीओ
आरटीओ कपिल देव ¨सह का कहना है कि दोपहिया वाहन चलाते समय हेलमेट पहनना अनिवार्य है। इसके लिए नियम भी बना है। साथ ही जो भी एजेंसी दोपहिया वाहन बेचेगी, उसके साथ हेलमेट जरूर देगी। बगैर हेलमेट के दोपहिया वाहन नहीं बेचा जाएगा। सस्ते के चक्कर में न पड़ें
हेलमेट खरीदने वालों को एक सुझाव यह है कि वो सस्ते के चक्कर में न पड़े। अमूमन देखा गया है कि पुलिस प्रशासन की सख्ती के चलते चालान से बचने के लिए दोपहिया वाहन चालक सड़क किनारे बैठे लोगों से सस्ते हेलमेट खरीद लेते हैं। ऐसा हरगिज न करें। इन बातों का रखें ध्यान
- दोपहिया वाहन चलाते समय हेलमेट जरूर पहनें
- दोपहिया वाहन चलाते समय ईयरफोन का इस्तेमाल न करें
- जल्दी ऑफिस या घर पहुंचने के चक्कर में गलत तरीके से किसी वाहन को ओवरटेक न करें।
- रात में वाहनों की स्पीड हल्की रखें, साथ ही ओवरटेक से बचें। आइएसआइ मार्का हेलमेट में हैं खूबी
बाजार में एक से बढ़कर एक हेलमेट मौजूद हैं। ओरिजिनल हेलमेट के साथ काफी डुप्लीकेट और लोकल हेलमेट खुलेआम बिक रहे हैं, कम कीमत की वजह से लोग इस तरह के हेलमेट को खरीद भी लेते हैं क्योंकि उनको हेलमेट सिर्फ चालान से बचने के लिए ही चाहिए होता है, लेकिन कुछ पैसे बचाने के चक्कर में लोग अपनी जान को जोखिम में डाल देते हैं इसलिए हेलमेट हमेशा ओरिजिनल ही खरीदें। ओरिजिनल हेलमेट पहनने के दौरान यदि कभी हादसा हो जाता है तो यह हेलमेट ही सिर पर लगने वाली चोट से बचाता है। इनका कहना है..
हमेशा आइएसआइ मार्क वाला ही हेलमेट खरीदना और पहनना चाहिए, नकली हेलमेट बेचना, नकली दवाई बेचने के समान है। इसलिए हमेशा ओरिजिनल हेलमेट ही खरीदें और पहनें, ताकि आप हमेशा सेफ रहें। हेलमेट पहनने में किसी को शर्म नहीं आनी चाहिए।
विनीत भटनागर, एसपी ट्रैफिक। इन दिनों हेलमेट और सीट बेल्ट को लेकर अभियान चलाया जा रहा है। शहर में प्रतिदिन चालान होते हैं। मगर लोग सुधरने को तैयार नहीं हैं। कुछ लोग ही ऐसे हैं, जो यातायात नियमों का पालन करने में गर्व महसूस करते हैं, मगर इनकी संख्या बहुत कम है। यहां ऐसे लोगों की संख्या अनगिनत है, जो यातायात नियमों को तोड़ने में ही अपनी शान समझते हैं।
तेजप्रताप ¨सह, टीएसआइ।