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देवबंद में पढ़ाया जा रहा Þइस्लाम खतरे में हैÞ का पाठ

सहारनपुर देवबंद से जैश-ए-मोहम्मद के दो संदिग्ध आतंकियों की गिरफ्तारी के बाद राष्ट्रवादी

By JagranEdited By: Published: Fri, 22 Feb 2019 11:00 PM (IST)Updated: Fri, 22 Feb 2019 11:00 PM (IST)
देवबंद में पढ़ाया जा रहा Þइस्लाम खतरे में हैÞ का पाठ
देवबंद में पढ़ाया जा रहा Þइस्लाम खतरे में हैÞ का पाठ

सहारनपुर: देवबंद से जैश-ए-मोहम्मद के दो संदिग्ध आतंकियों की गिरफ्तारी के बाद राष्ट्रवादी मुस्लिम महिला संघ की राष्ट्रीय अध्यक्ष फरहा फैज ने कहा कि एक बार फिर साबित हो गया है कि देवबंद आतंकवादियों का गढ़ है। दीनी तालीम के नाम पर गरीब बच्चों को 'इस्लाम खतरे में है' का पाठ पढ़ाया जाता है। ताकि वो गजवा ए ¨हद के लिए तैयार होकर ¨हदुस्तान में कत्लेआम मचा सकें।

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सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता फरहा फैज ने शुक्रवार को जारी बयान में कहा कि जिस बात को वह पिछले दो वर्ष से कह रही हैं। शुक्रवार को उसकी पुष्टि हो गई है। दारुल उलूम देवबंद में हजारों की संख्या में गैरपंजीकृत विद्यार्थी हैं। इसकी पुष्टि स्वयं दारुल उलूम कर चुका है। मई 2016 में उस पर हमले की जांच में दारुल उलूम में छात्रों की संख्या 30 हजार बताई गई थी। इसके बाद दारुल उलूम देवबंद को अपना एडमिशन रिकार्ड दिखाने के लिए दिल्ली पुलिस द्वारा धारा-91 का नोटिस जारी किया गया था। दारुल उलूम ने अपना रिकार्ड तो नहीं दिया। अलबत्ता यह जरूर कहा कि मदरसे में छात्रों की संख्या छह हजार है। छात्रों की संख्या में इतने बड़े अंतर से स्पष्ट है कि ये वही विद्यार्थी हैं, जिन्हें मुल्ला के इस्लाम में रंगा जाता है।


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