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यूपी सरकार ने नहीं भरा बिल तो हरियाणा सरकार ने काटी गांव की बिजली

नकुड़ में आजादी के 73 साल बाद भी प्रदेश सरकार गांव ढिक्का टपरी की आबादी का विद्युतीकरण नहीं करा सकी है। हरियाणा बिजली विभाग से अनुरोध पर ली गई बिजली का प्रदेश सरकार द्वारा भुगतान नहीं करने से गांव की बिजली आपूर्ति गत दस दिनों से कट जाने से पूरी आबादी एक बार फिर अंधेरे में जीवन गुजारने को मजबूर है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 24 Nov 2020 11:21 PM (IST)Updated: Tue, 24 Nov 2020 11:21 PM (IST)
यूपी सरकार ने नहीं भरा बिल तो हरियाणा सरकार ने काटी गांव की बिजली
यूपी सरकार ने नहीं भरा बिल तो हरियाणा सरकार ने काटी गांव की बिजली

सहारनपुर, जेएनएन। नकुड़ में आजादी के 73 साल बाद भी प्रदेश सरकार गांव ढिक्का टपरी की आबादी का विद्युतीकरण नहीं करा सकी है। हरियाणा बिजली विभाग से अनुरोध पर ली गई बिजली का प्रदेश सरकार द्वारा भुगतान नहीं करने से गांव की बिजली आपूर्ति गत दस दिनों से कट जाने से पूरी आबादी एक बार फिर अंधेरे में जीवन गुजारने को मजबूर है। ग्रामीणों ने एसडीएम से मिलकर आपूर्ति बहाल कराने की मांग की है।

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गांव ढिक्का टपरी सरसावा परगना का एक गांव है। जो यमुना की धारा के उस पार हरियाणा प्रदेश की ओर बसा हुआ है। गांव की कुल आबादी करीब साढ़े चार हजार है। परंतु खास बात यह है कि देश की आजादी के 73 साल गुजर जाने के बावजूद प्रदेश सरकार इस गांव में बिजली करण नहीं करा सकी है। गांववासी एडवोकेट राजवर्धन सिंह, प्रदीप राणा व अमर सिंह ने बताया कि गांववासियों के लगातार संघर्ष पर प्रदेश सरकार ने चार वर्ष पूर्व सन 2016 में हरियाणा सरकार से गांव में बिजली आपूर्ति का काम कराया था। इसी के साथ ग्रामीणों को घरेलू कनेक्शन भी जारी किए गए। तभी से स्थानीय विभाग बिजली बिल जारी करने व वसूली का काम करता आ रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि वे लगातार बिजली बिलों के समय रहते भुगतान करते आ रहे हैं। हालांकि गांव के करीब 35 लोगों ने भुगतान नहीं किए है। बिजली विभाग ने ग्रामीणों से बिलों की वसूली के बाद हरियाणा को लाखों रूपए के भुगतान करीब डेढ़ साल से नहीं किए। ग्रामीण मोनू राणा व सोनू ने बताया कि 36 लाख रूपए बिल के बकाएदारी के चलते हरियाणा ने दस दिन पूर्व गांव की बिजली आपूर्ति काट दी। जिससे गांव में मात्र चार साल रोशनी जगमगाने के बाद एक बार फिर अंधेरा छा गया है।

ग्रामीणों ने बताया कि वें मंत्री डाक्टर धर्म सिंह सैनी व बिजली विभाग के अधिकारियों के चक्कर लगा कर थक चुके हैं। परंतु समस्या समाधान नहीं सूझ रहा है। ग्रामीणों ने एसडीएम हिमांशु नागपाल से मिलकर गांव में बिजली आपूर्ति कराने की मांग की है।

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-जन प्रतिनिधियों की लापरवाही से आज तक नहीं मिली बिजली

संवाद सूत्र, नकुड़: जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा के चलते गांव ढिक्का टपरी के लोग आजादी के 73 साल बाद भी अंधेरे में जीवन गुजारने पर मजबूर हैं। गौरतलब है कि यमुना की मुख्य धारा के उस पार हरियाणा प्रदेश की तरफ तहसील नकुड के परगना सरसावा का ढिक्का टपरी बसा हुआ है। जिसमें आज तक प्रदेश सरकार बिजली करण नहीं करा सकी है। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश की ओर यानी यमुना के इस ओर हरियाणा के यमुना नगर जिले के घोड़ा पीपली, टापू, नारायणपुर, नकुंभ, प्रहलादपुर व पभारी गांव बसे हुए हैं। खास यह है कि हरियाणा सरकार यमुना नदी से उत्तर प्रदेश की ओर बसे इन गांवों में दशकों पहले ही खंभे खड़े कर विद्युतीकरण कर चुकी है। परंतु जनप्रतिनिधियों की घोर उपेक्षा के परिणामस्वरूप गांव ढिक्का टपरी में बिजली नहीं पहुंचाई जा सकी है। गांववासी एडवोकेट राजवर्धन सिंह राणा व अमर सिंह का कहना है कि उत्तर प्रदेश सरकार भी हरियाणा की तरह ही गांव में बिजलीकरण करा सकती है। परंतु जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों की लापरवाही के चलते ऐसा नहीं हो सका है।

चीनी मिलों के ओवरलोड काटे जाने से किसान परेशान

संवाद सूत्र जड़ौदापांडा: क्षेत्र के किसान गन्ना पर्ची न आने व चीनी मिलों द्वारा ओवरलोड काटे जाने से परेशान हैं। क्षेत्र के किसानो ने चीनी मिलों से गन्ना पर्ची भिजवाने की मांग की है।

क्षेत्र के किसान काला त्यागी,नवीन त्यागी, पवन त्यागी, दिनेश जुल्फी, महेश, राजिन्द्र फौजी, संदीप, संजू त्यागी, उमेश, सुशील कुमार, जयप्रकाश त्यागी, दिनेश त्यागी आदि का कहना है कि तीन दिनों से नानौता चीनी मिल द्वारा गन्ना पर्ची नहीं भेजी जा रही है, जिसके चलते क्षेत्र के किसान परेशान हैं। बताया गया कि ओवरलोड काटे जाने के कारण भी किसान चितित है। उधर, गेहूं की बुवाई के लिए भी दिसंबर का माह बचा है। क्षेत्र के किसानों ने चीनी मिल से गन्ना पर्ची भिजवाने की मांग की है।


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