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विशेषज्ञों ने माताओं को दिए बेबी की देखभाल के टिप्स

घर में बेबी की किलकारी की आवाज सबसे मधुर होती है। मां के लिए उसके बेबी की आवाज किसी अमृत से कम नहीं होती। मां और बेबी के रिश्ते से अनमोल रिश्ता दुनिया में कोई और दूसरा नहीं। मां से ज्यादा बेबी की जरूरत कौन समझ सकती है? लेकिन फिर भी बेबी की देखभाल के लिए कुछ बातों का ख्याल रखना जरूरी होता है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 19 Oct 2019 10:39 PM (IST)Updated: Sat, 19 Oct 2019 10:39 PM (IST)
विशेषज्ञों ने माताओं को दिए बेबी की देखभाल के टिप्स
विशेषज्ञों ने माताओं को दिए बेबी की देखभाल के टिप्स

सहारनपुर, जेएनएन। घर में बेबी की किलकारी की आवाज सबसे मधुर होती है। मां के लिए उसके बेबी की आवाज किसी अमृत से कम नहीं होती। मां और बेबी के रिश्ते से अनमोल रिश्ता दुनिया में कोई और दूसरा नहीं। मां से ज्यादा बेबी की जरूरत कौन समझ सकती है? लेकिन फिर भी बेबी की देखभाल के लिए कुछ बातों का ख्याल रखना जरूरी होता है। मां का दूध बच्चों के लिए सबसे अच्छा भोजन है, इसमें कार्बोहाइड्रेट, वसा, प्रोटीन, खनिज लवण जैसे तत्व सही मात्रा में मौजूद रहते हैं, इससे बच्चों को बचपन में निमोनिया जैसी बीमारी होने की संभावना नहीं रहती है। बेबी को नहलाने के लिए हमेशा सौम्य साबुन और शैंपू चुनें, जिससे बेबी की त्वचा खुश्क न हो।

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शनिवार को यह बातें कोर्ट रोड स्थित स्थित एक होटल के सभागार में दैनिक जागरण के जॉनसंस जेंटल स्पर्श कार्यक्रम में विशेषज्ञों ने बेबी के साथ आई माताओं को विस्तार से बताईं। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि स्त्री रोग विशेषज्ञ डा. नैना मिगलानी, समाजसेवी अर्चना कश्यप, जॉनसंस से आए हेमंत सचदेवा, दीपक जैन व हरीश रतूड़ी ने दीप प्रज्जवलित कर किया। मुख्य अतिथि डा.मिगलानी ने दैनिक जागरण द्वारा चलाए जाने वाले अभियानों को समाज के लिए हितकर बताया। उन्होंने कहा कि बेबी के लिए मां का दूध अमृत के समान होता है। मां का दूध ही बच्चे का पहला आहार होता है। यह बेबी को कई बीमारियों से बचने की शक्ति देता है। हर मां को चाहिए कि वह अपने बेबी को स्तनपान कराएं। मां को बेबी को तब तक दूध पिलाना चाहिए, जब तक वह पूरी तरह से संतुष्ट न हो जाए। छह महीने की आयु तक बच्चे को सिर्फ मां का दूध ही पिलाना चाहिए। बड़े होने के बाद भी उनमें मोटापा या मधुमेह जैसी बीमारियों का खतरा कम रहता है। सबसे बड़ी बात यह है कि मां का दूध पीने वाले बच्चों की मानसिक क्षमता अन्य बच्चों से बेहतर होती है। उन्होंने कहा कि बच्चों को मां का दूध पिलाने का फायदा बच्चों के साथ-साथ मां को भी होता है। बच्चों को अपना दूध पिलाने वाली माताओं में स्तन कैंसर का खतरा कम रहता है साथ ही इससे मानसिक क्षमता बढ़ती है और स्वास्थ्य अच्छा रहता है।

डा.नैना मिगलानी ने बताया बच्चों की नींद कच्ची होती है और वह बार-बार नींद से उठकर रोने लगते हैं। ऐसा रात के समय ज्यादा होता है। ऐसे में माता-पिता दोनों को ही बच्चे को संभालना चाहिए। अगर मां दिन के समय बच्चे को संभालती है तो रात में ये जिम्मेदारी पिता को लेनी चाहिए। शिशु को गोद में उठाकर उसे सीने से लगाकर सहलाएं, उसे ऐसा एहसास होना चाहिए कि वह अब भी मां के गर्भ में सुरक्षित है। बेबी को आराम से और धीरे-धीरे नहलाना चाहिए। गर्भनाल के आसपास वाले हिस्से को साफ करें क्योंकि ये बहुत जल्दी सूख जाता है इस अवस्था में आप स्पॉन्ज बाथ भी दे सकती हैं। बेबी को तौलिए पर लिटाकर मुलायम कपड़े से उसे साफ करें।

समाजसेवी अर्चना कश्यप ने कहा कि हर एक महिला के लिए मां बनना सुखद एहसास होता है। बेबी के सुरक्षा के लिए सेफ और सुरक्षित प्रोडक्ट का इस्तेमाल ही करें। जॉनसंस के सभी प्रोडेक्ट बेबी को सुरक्षा प्रदान करते हैं, इसका साबुन त्वचा को कोमल रखता है और यह क्लीनिकली प्रमाणित भी है, जब परिवार में कोई बेबी होता है, तो उसे जॉनसंस के उपहार में जॉनसंस के प्रोडेक्ट ही देते हैं। उन्होंने कहा कि बेबी की मालिश सावधानीपूर्वकत करनी चाहिए। मालिश से बच्चों का शारीरिक विकास होता है, और उसकी हड्डियां मजबूत बनती हैं। मालिश करते समय जोर न लगाएं। हमेशा हल्के हाथ से मालिश की जानी चाहिए, जोर लगाकर मालिश करने से बच्चे को नुकसान हो सकता है। मालिश के लिए बेबी ऑयल का इस्तेमाल करना अच्छा रहेगा। अगर बेबी को नींद से जगाना भी चाहते हैं, तो उसे शेक करने के स्थान पर उसके पैरों में गुदगुदी करें या फिर उसके गाल सहलाएं। ---इनसेट---

इस तरह करें बेबी की देखभाल

-बेबी को मां के सीने या पेट पर लिटाएं, इससे शिशु को गरमाई मिलती है।

-जन्म के बाद किसी साफ कपड़े से पोंछकर सिर से पैर तक कवर कर दें।

-बेबी के मुंह और नाक से म्यूकस एवं एम्नियोटिक फ्लूइड को साफ करें।

-छह माह तक बेबी को मां ही अपना दूध पिलाएं। ऊपर का दूध न पिलाएं

-बेबी की नाजुक त्वचा की सुरक्षा को मुलायम कपड़े और अन्य वस्तुएं खरीदें।

-बेबी के मुंह-नाक की सफाई को सक्शनिग डिवाइस का इस्तेमाल किया जाता है।

-तेल में विटामिन ई बेबी की मुलायम त्वचा के लिए काफी अच्छा रहता है

-बेबी के लिए ऐसे पाउडर का चयन करें, जो मुलायम हो, नुकसान न पहुंचाए।

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इन माताओं को मिले पुरस्कार

दैनिक जागरण जॉनसंस जेटल स्पर्श कार्यक्रम में अपने बेबी का ध्यान रखने के लिए माताएं काफी सजग नजर आईं। बेबी की माताओं के लिए निकाले गए लक्की ड्रा में दस माताओं को जॉनसंस की ओर से उपहार दिए गए। लक्की ड्रा विजेताओं में सुनीता, तब्बसुम, बबली, सायरा, सपना, कविता, सबीना, सुमन, पूजा, तनीषा शामिल थी।

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बेबी के अच्छे स्वास्थ्य को पूछे सवाल

दैनिक जागरण जॉनसंस जेंटल स्पर्श कार्यक्रम में शामिल माताएं अपने बेबी के अच्छे स्वास्थ्य के लिए काफी सजग थी। एक के बाद एक कई माताओं ने बेबी के स्वास्थ्य से संबंधित विभिन्न सवाल पूछे। सोनिया ने पूछा कि बेबी की मालिश कैसे करनी चाहिए? विशेषज्ञ ने बताया कि बेबी की मालिश हल्के हाथ से करनी चाहिए। मालिश ऊपर से नीचे की ओर करें। हथेली को गर्म करके ही मालिश करें। बबीता ने पूछा कि जॉनसंस के आइटम बेबी के लिए कैसे सुरक्षित है? जॉनसंस विशेषज्ञ ने बताया कि इनमें कोई खतरनाक रसायन आदि नहीं होते। लेब्रोटरी में कड़ी जांच के बाद ही इन्हें इस्तेमाल के लिए बाजार में उतारा जाता है।

इनका रहा सहयोग

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि डा.नैना मिगलानी, समाजसेवी अर्चना कश्यप, जॉनसंस से हेमंत सचदेवा, दीपक जैन, हरीश रतूड़ी आदि का सहयोग रहा। इस दौरान अतिथियों का तुलसी के पौधे देकर स्वागत किया गया।


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