वो आठ सवाल, जिनके जवाब आप तलाश रहे
कोरोना वायरस लगातार घातक होता जा रहा है लेकिन बढ़ रहे संक्रमण के बावजूद लोग सड़कों पर निकलकर यहां-वहां घूम रहे हैं। हालांकि जिला अस्पताल के सीनियर चिकित्सक अरविद चौधरी तथा डा. कर्मवीर सिंह बता रहे हैं कि लोगों को समूह में जाने से बचना चाहिए क्योंकि संक्रमण किसी से किसी को भी हो सकता है।
सहारनपुर, जेएनएन। कोरोना वायरस लगातार घातक होता जा रहा है, लेकिन बढ़ रहे संक्रमण के बावजूद लोग सड़कों पर निकलकर यहां-वहां घूम रहे हैं। हालांकि जिला अस्पताल के सीनियर चिकित्सक अरविद चौधरी तथा डा. कर्मवीर सिंह बता रहे हैं कि लोगों को समूह में जाने से बचना चाहिए, क्योंकि संक्रमण किसी से किसी को भी हो सकता है। दैनिक जागरण ने उक्त दोनों ही चिकित्सकों से आम शहरी के मन में उमड़ रहे सवालों को पूछा तो दोनों चिकित्सकों ने संतुष्ट पूर्ण जवाब दिया: 1. कोरोना के संक्रमण और उसके लक्षण सामने आने में कितना समय लगता है?
डा. अरविद चौधरी का कहना है कि कोरोना वायरस से संक्रमण के बाद इसके लक्षण सामने आने में पांच दिन का समय लगता है। हालांकि कुछ लोगों में इसके लक्षण और भी देरी से दिखाई देते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक कोरोना से संक्रमित व्यक्ति के लक्षण 14 दिनों तक रहते हैं, इसलिए सतर्क रहिए।
2. कोरोना से संक्रमण के बाद ठीक होने वाले लोग दोबारा संक्रमित नहीं होंगे?
डा. कर्मवी सिंह ने बताया कि, फिलहाल यह कहना जल्दबा•ाी होगा। इस वायरस का बीते दिसंबर में ही पता चला है। इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता के जरिए बचाव संभव है। सार्स और कोरोना परिवार के अन्य विषाणुओं को लेकर अभी यही माना जा रहा है कि इसके दोबारा संक्रमित होने के आसार कम ही हैं, लेकिन चीन से मिलने वाली कुछ रिपोर्टों में यह कहा गया है कि हॉस्पिटल से छुट्टी के बाद भी कुछ लोगों के टेस्ट पॉजिटिव पाए गए हैं।
3. फ्लू और कोरोना वायरस में क्या अंतर है?
डा. अरविद चौधरी ने बताया कि कोरोना वायरस और फ्लू (बुखार और संक्रामक जुकाम) के कई लक्षण एक जैसे ही हैं। बिना मेडिकल टेस्ट के इसके अंतर को समझना मुश्किल है। कोरोना के प्रमुख लक्षण बुखार और सर्दी हैं। फ्लू में अक्सर दूसरे लक्षण भी दिखाई देते हैं। जैसे गले में दर्द, जबकि कोरोना से संक्रमित व्यक्ति को सांस की तकलीफ की शिकायत रहती है।
4. खुद को एकांत में कैसे रखें?
डा. कर्मवीर सिंह ने बताया कि, सेल्फ आइसोलेशन यानी खुद को एकांत में रखने का मतलब 14 दिनों तक घर में रहना, काम पर नहीं जाना, स्कूल या किसी अन्य सार्वजनिक जगह पर नहीं जाना और सार्वजनिक परिवहन और टैक्सी से दूर रहना। आपको घर के भीतर भी खुद को परिवार के दूसरे लोगों से अलग रखना चाहिए। अगर आपको घरलू सामान या दवा की जरूरत है तो दूसरों की मदद लें। अपने पालतू पशुओं से भी दूर रहें, लेकिन अगर ये मुमकिन न हो तो उन्हें छूने से पहले और बाद ठीक से हाथ साफ करें।
5. अस्थमा के मरीजों के लिए कोरोना वायरस कितना खतरनाक?
डा. अरविद चौधरी ने बताया कि, हमारे श्वसन तंत्र या हमारी सांस लेने की प्रणाली में किसी भी तरह का संक्रमण, वो चाहे कोरोना ही क्यों न हो, अस्थमा की तकलीफ बढ़ा सकता है। अस्थमा के मरीज इनहेलर का इस्तेमाल कर सकते हैं।
6. क्या कोरोना का संक्रमण फोन से भी हो सकता है?
डा. कर्मवीर सिंह ने बताया कि, कोरोना का संक्रमण छींकने या खांसने से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में होता है। यह किसी सतह पर भी अस्तित्व में रह सकता है और वो भी संभवत: कई दिनों तक। इसलिए यह अहम है कि आपका फोन चाहे घर पर हो या दफ्तर में, हर बार साफ किया जाए। कोटिग लेयर को नुकसान पहुंचने से कीटाणुओं के लिए मोबाइल फोन में फंसे रहना आसान हो जाता है।
7. क्या कोरोना दरवाजे के हैंडल से भी फैल सकता है?
डा. अरविद चौधरी ने बताया कि अगर कोई संक्रमित व्यक्ति छींकते वक्त मुंह पर हाथ रखता है और फिर उसी हाथ से किसी वस्तु या दरवाजे को छू लेता है तो वो सतह विषाणु युक्त हो जाती है। दरवाजे के हैंडल ऐसी सतहों के अच्छे उदाहरण हैं।
8. बच्चों के लिए कितना ़खतरा?
डा. अरविद चौधरी ने बताया कि, चीन से मिल रहे आंकड़ों के अनुसार बच्चे तुलनात्मक रूप से कोरोना संक्रमण से बचे हुए हैं। हालांकि जिन बच्चों को फेफड़े की बीमारी है या फिर अस्थमा है। उन्हें ज्यादा सावधान रहने की •ारूरत है। वायरस को फैलने से रोकने के लिए शासन और प्रशासन के पास स्कूल बंद करने का अधिकार होता है। अगर वो चाहें तो ऐसा कर सकते हैं।