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सत्र शुरु होने के साथ मिलेंगी बच्चों को किताबें

जागरण संवाददाता सहारनपुर परिषदीय प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों मे सुधार के प्रयास धीरे-धीरे रंग ला रहे है। नए सत्र में

By JagranEdited By: Published: Fri, 22 Mar 2019 11:38 PM (IST)Updated: Fri, 22 Mar 2019 11:38 PM (IST)
सत्र शुरु होने के साथ मिलेंगी बच्चों को किताबें
सत्र शुरु होने के साथ मिलेंगी बच्चों को किताबें

सहारनपुर : परिषदीय प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों मे सुधार के प्रयास धीरे-धीरे रंग ला रहे हैं। नए सत्र में 80 स्कूलों को अंग्रेजी माध्यम से संचालित करने की योजना है। एक अप्रैल से सत्र आरंभ के साथ ही बच्चों को किताबें उपलब्ध कराई जायेंगी। किताबों की पहली खेप विभाग को मिल चुकी है। जूते और मौजे भी अप्रैल में ही दिए जाएंगे।

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बेसिक शिक्षा परिषद के अंतर्गत आने वाले प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों में बच्चों का नामांकन बढ़ाने के लिए इस बार शारदा योजना आरंभ की गई। अभिभावकों, प्रबुद्ध ग्रामीणों

के साथ ग्राम प्रधानों के साथ बैठक कर अधिक से अधिक बच्चों के नामांकन के प्रयास किए

जाएं। रैली निकालकर अभिभावकों को बच्चों को स्कूल भेजने के लिए प्रेरित किया जाए। विभाग का मानना है कि इन प्रयासों के अच्छे परिणाम सामने आएंगे। एक अप्रैल से आरंभ होने वाले सत्र में बच्चों को किताबें उपलब्ध कराई जायेंगी। पहली खेप के रूप में प्राइमरी कक्षाओं की 70 हजार से अधिक किताबें विभाग को मिली है। इसके अलावा जूते और मौजे भी अप्रैल माह में बच्चों को उपलब्ध कराए जाएंगे। बता दें कि स्कूलों में वितरण के लिए 16 लाख से अधिक किताबें पहुंचती

है।

नए सत्र से 80 और स्कूलों को अंग्रेजी माध्यम से संचालित किया जायेगा। हर ब्लाक में कम से कम 5-5 स्कूल होंगे। शिक्षकों के चयन की प्रक्रिया गतिमान है। 190 स्कूलों में कूडे़ आदि के निस्तारण को भस्मक भट्टी की स्थापना कराई गई। 115 उच्च प्राथमिक स्कूलों को फर्नीचर उपलब्ध कराया गया। अन्य स्कूलों के लिए प्रस्ताव बनाकर मुख्यालय को भेजा गया। 100 मॉडल स्कूलों का चयन कर अवस्थापना सुविधाओं का विस्तार किया गया। कंपोजिट ग्रांट योजना में बच्चों की नामांकन संख्या के आधार पर उन्हें धनराशि के आवंटन की पहल की गई। गत सत्र में प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों में अध्ययनरत 1.79 लाख से अधिक बच्चों को स्वेटर उपलब्ध कराए गए। परिषदीय स्कूलों के अलावा, सहायता प्राप्त स्कूलों, मदरसा, माध्यमिक स्कूलों के प्राइमरी व जूनियर स्कूलों के बच्चों 2.12 लाख से अधिक बच्चों को ड्रेस उपलब्ध कराई गई। 52 हजार से अधिक बच्चों को बैग उपलब्ध कराए गए। 1.74 लाख से अधिक बच्चों को जूते और दो-दो जोड़ी मौजे दिए गए। कक्षा 1-8 तक के हिदी व अंग्रेजी माध्यम के 40 से अधिक स्कूलों को नवीन मान्यता मिली। अंग्रेजी माध्यम से आरंभ हुए 80 स्कूलों में प्रवेश परीक्षा के बाद शिक्षकों को तैनाती दी गई।

नए शिक्षकों को मिली नियुक्ति

शिक्षा मित्रों का समायोजन रद्द होने के बाद से रिक्त पदों पर 350 से अधिक नए शिक्षकों को नियुक्ति मिली। नई नियुक्ति में 191 शिक्षा मित्र शामिल रहे। स्कूलों को जनपहल पुस्तिका उपलब्ध कराने के लिए पहल की गई। बच्चों को शिक्षण की नई प्रविधियों से पढ़ाने के टिप्स पुस्तिका में दिए गए। घोषित स्थानान्तरण नीति से शिक्षकों के सपने चकनाचूर हुए। करीब छह माह चली प्रक्रिया के बाद जून में शिक्षकों के स्थानान्तरण हो सके। अंर्तजनपदीय स्थानान्तरण से आए 175 शिक्षकों ने यहां कार्यभार संभाला जबकि 280 शिक्षक यहां से गैर जिलों को भेजे गए

एक ही परिसर में संचालित स्कूलों के विलय की प्रक्रिया आरंभ हुई। खंड शिक्षा अधिकारियों से मांगे डाटा के बाद 400 से अधिक स्कूलों का विलय की प्रक्रिया चल रही है इन स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों को अप्रैल से आरंभ होने वाले सत्र में शिक्षा अधिकार अधिनियम के प्रावधानों के अंतर्गत नए सिरे से तैनात किया जायेगा। एक दर्जन सहायता प्राप्त जूनियर हाईस्कूल जो 10वीं और 12वीं की वित्तविहीन मान्यता ले चुके है, उनका माध्यमिक शिक्षा विभाग ने डाटा मांगा है।

जिले में स्कूल

परिषदीय स्कूल 1931

पंजीकृत छात्र 1,79,386

उच्च प्राथमिक 576

प्राथमिक 1355

शिक्षक 4493

शिक्षा मित्र 1989

अनुदेशक 413

इनका कहना है-

परिषदीय स्कूलों को अंग्रेजी माध्यम से संचालित कराने के बाद से अभिभावकों का रूझान बच्चों का नामांकन कराने के प्रति बढ़ा है। भाजपा सरकार ने स्कूलों को नया कलेवर दिया है। उच्च शिक्षित-प्रशिक्षित शिक्षकों की स्कूलों में नियुक्तियां कराई गई।

राजीव गुंबर, पूर्व विधायक भाजपा।

-परिषदीय स्कूलों के सुधार के लिए भाजपा सरकार ने कोई प्रयास नही किए, जो योजनाएं सपा सरकार ने शुरु की थी, केवल उन्हीं को आगे बढ़ाया गया। भाजपा केवल लोगों को गुमराह कर रही है।जिसे जनता जान चुकी है।

संजय गर्ग, नगर विधायक समाजवादी पार्टी।

-भाजपा सरकार में परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया साफ-सुथरी नहीं है। हर भर्ती प्रक्रिया के बाद घपलेबाजी के मामले सामने आए है, जिससे अभ्यर्थियों को निराशा का सामना करना पड़ा है। शिक्षा में सुधार के दावे हकीकत से कोसो दूर हैं।

शशि वालिया, जिलाध्यक्ष कांग्रेस।


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