सहारनपुर में डबल मर्डर : भारी सुरक्षा के बीच पोस्टमार्टम, घटना से गुस्साए लोगों ने किया हंगामा
double murder in saharanpur रात करीब आठ बजे दोनों भाइयों के शव उनके परिजनों को सौंपे गए।
सहारनपुर, जेएनएन। दोहरे हत्याकांड का वो मंजर क्षेत्रवासी भुला नहीं पा रहे हैं। प्रत्यक्षदर्शियों सहित मोहल्ले की महिलाएं आग-बबूला हैं। दहाड़े मार-मार कर रोते हुए एक ही बात कह रही हैं कि 'महिपाल व उसके परिवार का एनकाउंटर कर दो, ऐसे लोगों को जिंदा रहने का कोई हक नहीं है'। घटना से गुस्साई महिलाओं ने बीच सड़क पर घंटों तक जाम लगाए रखा। पुलिस ने लाठियां फटकारीं तो महिलाएं और आक्रोशित हो उठीं और पुलिस को खरी-खोटी सुनाई। पुलिस ने कड़ी मशक्कत के बाद जाम खुलवाया। उधर, मोहल्लावासियों के गुस्से और धरने के चलते पोस्टमार्टम में भी देरी होती रही। रात करीब आठ बजे दोनों भाइयों के शव उनके परिजनों को सौंपे गए।
शहर के पुराना माधोनगर में रविवार सुबह हुई दिल दहला देने वाली वारदात से सभी स्तब्ध हैं। बहुत ही सरल स्वभाव के पत्रकार आशीष व उनके भाई की हत्या के आरोपित महिपाल व उसके परिवार से पूरा मोहल्ला त्रस्त था। करीब तीन साल पहले ही महिपाल अपने परिवार के साथ यहां रहने आया था। आपराधिक प्रवृत्ति के महिपाल ने यहां आने के कुछ दिन बाद ही घर में बनी एक दुकान को किराए पर दिया था। इसमें किसी ने दूध की डेयरी खोल ली थी। कुछ महीनों बाद महिपाल ने मारपीट कर उसे निकाल दिया था और खुद परचून की दुकान शुरू कर दी थी। हर किसी से अभद्रता करने की वजह से मोहल्लावासी महिपाल के खिलाफ थे। इस जघन्य वारदात के बाद तो लोग आगबबूला हो गए। आक्रोशित होकर आरोपित के घर में आगजनी की कोशिश की तो पुलिस ने सड़क पर लाठियां फटकार कर सभी को खदेड़ दिया। इसके बाद उन्होंने जाम लगा दिया।
महिपाल पर दर्ज है दुष्कर्म व अपहरण का मुकदमा
पत्रकार आशीष व उनके भाई की हत्या का मुख्य आरोपित महिपाल झिंझाना थाना क्षेत्र के मन्नूगढ़ का रहने वाला है। महिपाल झिंझाना में भी अपराध कर चुका है। वर्ष 2011 में महिपाल ने अपनी परिचित एक युवती का अपहरण कर लिया था। पुलिस एक माह बाद युवती को बरामद कर पाई थी। युवती ने अपने साथ दुष्कर्म किए जाने का बयान कोर्ट में दिया था। इसके बाद महिपाल पर दुष्कर्म की धारा भी बढ़ाई गई थी। साढ़े तीन महीने जेल में रहने के बाद उसे जमानत मिल गई थी। यह केस कोर्ट में विचाराधीन है। फिलहाल वह जमानत पर था।
जेल से बाहर आने पर महिपाल परिवार के साथ यहां से लगभग चार साल पहले सहारनपुर जाकर बस गया था। उसके माता-पिता और चाचा मन्नूगढ़ में ही रह रहे हैं। ये सभी रविवार सुबह वारदात के बाद घर पर ताला लगाकर भूमिगत हो गए। फरार हत्यारोपितों की तलाश में झिंझाना क्षेत्र में भी सहारनपुर पुलिस की तीन टीमों ने दबिश दी। उनके नहीं मिलने पर टीमों ने यहीं डेरा डाल लिया है। आरोपितों के सगे संबंधियों व परिचितों के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। इस मामले में झिंझाना पुलिस भी सहारनपुर पुलिस के साथ लगी हुई है। पुलिस ने महिपाल के कुछ परिचितों पर दबाव बनाया हुआ है। सूत्र बताते हैं कि झिझाना क्षेत्र से पुलिस ने दो लोगों को हिरासत में लिया है।
जमीन बेचकर गया था सहारनपुर
झिंझाना थाना प्रभारी के अनुसार जांच में पता चला है कि महिपाल ने जमानत पर आने के बाद परिवार सहित क्षेत्र छोड़ दिया था। उसने अपनी जमीन भी बेच दी थी। गांव में उसके माता-पिता रहते हैं। उसके पिता के पास कुछ जमीन है। कुछ जमीन ठेके पर ले रखी है। शामली एसपी अजय कुमार ने कहा कि महिपाल के माता-पिता गांव में रहते हैं। उनके घर के पांचों कमरों पर ताला लटका हुआ है। वह सुबह से फरार हैं। सहारनपुर की स्वाट टीम व शामली पुलिस गिरफ्तारी के लिए प्रयासरत है।
पूर्व नियोजित था हत्याकांड, घर में नहीं मिला सामान
आरोपित महिपाल ने शनिवार को ही घर का अधिकतर सामान ट्रक से कहीं और शिफ्ट कर दिया था। इससे प्रतीत हो रहा है कि आरोपित ने नियोजित तरीके से हत्याकांड को अंजाम दिया। वारदात के बाद जब पुलिस ने आरोपित के घर की तलाशी ली तो वहां सामान नहीं मिला। दो साल पहले कैंसर से पिता प्रवीण धीमान उर्फ बिट्टू की मौत के बाद दैनिक जागरण के पत्रकार आशीष पर ही पूरे परिवार की जिम्मेदारी थी। घर में तीन गाय पाली हुई थीं, जिनका दूध बेचते थे। गायों की जिम्मेदारी मां उर्मिला व छोटे भाई आशुतोष पर थी। दो साल पहले आशीष ने अवैध शराब बिक्री को लेकर खबर भी लिखी थी। इससे महिपाल और चिढ़ गया। वह दबंगई दिखाने लगा। लोगों ने बताया कि महिपाल ने पूरी प्लानिंग के साथ हत्या की है। उसने शाम को अपने घर का ज्यादातर सामान भिजवा दिया था।