दुकानों पर खरीदादारी के लिए भारी भीड़
सहारनपुर: छोटी दीपावली पर महानगर के बाजार पूरी तरह रोशनी से नहा गए। यूं तो सुबह से
सहारनपुर: छोटी दीपावली पर महानगर के बाजार पूरी तरह रोशनी से नहा गए। यूं तो सुबह से ही बाजारों में भीड़भाड़ रही। शाम होते ही बाजार पूरी तरह ग्राहकों से गुलजार हो गए। खरीददारी के लिए उमड़े ग्राहकों को देखकर दुकानदारों की खुशी का ठिकाना न था।दुल्हन की तरह सजे बाजारों में देर रात भारी भीड़ रही।
छोटी दीपावली पर मंगलवार को बाजारों में रंग बिरंगी लाइटों, आर्टिफिशियल फूलों की सज्जा देखते ही बनती थी। सुबह से लेकर देर रात तक लोग खरीददारी में जुटे रहे। गिफ्ट आइटमों के साथ-साथ बर्तनों व साज-सज्जा का खरीदने को भारी भीड़ रही। आतिशबाजी की दुकानों पर भी खरीददार उमड़े। बाजारों में बिजली की भव्य सजावट देखने को विशेष आकर्षण रहा।
कोर्ट रोड, दिल्ली रोड, जैन कालेज कालेज रोड, हकीकत नगर, बाजोरिया रोड, खलासी लाइन, गंगोह रोड, घंटाघर घर नेहरू मार्केट, प्रताप मार्केट, नुमाइश कैंप, बेरीबाग, चकरोता रोड, शहीदगंज, चौक फव्वारा, नया बाजार, सर्राफा बाजार, कक्कड़ गंज, मोरगंज, सब्जी मंडी, हिरनमारान, खालापार, मटियामहल, पुल खुमरान, बेहट रोड, रायवाला, चिलकाना रोड, सुभाष नगर, गुरुद्वारा रोड सहित पूरे महानगर में पर्व का उल्लास नजर आया। प्रतिष्ठानों पर बिजली की आकर्षक सजावट को देखने के लिए भी लोगों की बाजारों में काफी भीड़ रही। मिठाई की दुकानों के साथ ही आतिशबाजी की दुकानों पर भी जमकर खरीददारी हुई। छोटी दीपावली पर जलाए दीये
सहारनपुर: छोटी दीपावली पर कृष्ण भगवान, यमराज और हनुमान जी की पूजा को महत्व दिया गया है। नरक चतुर्दशी के इस दिन शाम के समय घर के मेन गेट पर चार बत्तियों वाला दीया जलाया। पूर्व दिशा की ओर मुंह करके दीपदान किया। ज्योतिषाचार्य पं.योगेश दीक्षित ने बताया कि इसके बाद शाम को तिल के तेल के 14 दीए जलाए और उनका पूजन करके मंदिर से लेकर घर के हर कमरे, नल, पानी की टंकी और तुलसी के पौधे में रखे गए।
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प्रदोष काल में 5.39 से होगी पूजा
सहारनपुर: धनतेरस से आंरभ होकर भैया दूज तक पांच दिन चलने वाले दीपावली पर्व को लेकर खूब उत्साह है। घर और व्यापारिक प्रतिष्ठानों में प्रदोष काल में दीपावली पूजन का शुभ मुहूर्त शाम 5.39 बजे से आरंभ होकर 8.12 तक रहेगा।
ज्योतिषाचार्य पंडित योगेश दीक्षित बताते है कि बुधवार को दीपावली के दिन विशेष मुहूर्त में गणेश लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है। विशेष विधान के अनुसार ऐसा माना जाता है कि इस दिन मां लक्ष्मी जी की पूजा करने से पूरे वर्ष लक्ष्मी की कमी नहीं रहती। कुछ लोग विशेष रात्रि की पूजा भी करते हैं। मां लक्ष्मी की पूजा सोलह पदार्थों से की जाती है जिसमें दूध, दही, घी, शहद, बूरा, पंचामृत, हल्दी, रोली, सुगंधित जल, गंगाजल एवं सुगंधित द्रव्य, फल, मिठाई, पान इत्यादि से यह पूजा की जाती है। मां लक्ष्मी से इस दिन घर में स्थिर लक्ष्मी की प्रार्थना की जाती है। उन्होंने बताया कि दुकान, व्यापारिक प्रतिष्ठान एवं घरों के लिए प्रदोष काल का मुहूर्त श्रेष्ठ रहता है यह शाम 5.24 बजे से आरंभ होकर 8.04 बजे तक रहेगा। चौघडियां मुहुर्त
चौघडिया मुहुर्त में सुबह 6.42 से 9.23 तक लाभ अमृत, प्रात:काल शुभ 10.43 से 12.03 बजे तक, अपराहन चर लाभ 14.44 से 17.25 तक, सांय काल शुभ अमृत चर 19.04 से 21.08 तक, मकर लग्न जो 11.43 मिनट से 1.25 तक रहेगा इसमें किसी भी प्रकार का कोई पूजन न करें, क्यों कि मकर लग्न पर शनि की तीसरी ²ष्टि है, जो अनिष्टकारी होती है। लक्ष्मी पूजन प्रदोष काल में सांय 5.24 बजे से से 20.04 बजे तक, वृषभ लग्न काल में 17.54 बजे से 7.48 बजे तक, ¨सह काल में रात्रि 12.25 मिनट से 2.43 मिनट तक पूजा कर सकते हैं। निशीध काल में 11.37 से 12.30 तक पूजा होगी। यह निषिध काल वह काल होता है जिस समय समुद्र मंथन हुआ था तो महालक्ष्मी का प्रादुर्भाव इसी समय में हुआ था। जो व्यक्ति निषिध काल की पूजा करता है उसे महालक्ष्मी पूरे वृष धन से परिपूर्ण रखती है। अमावश्या तिथि रात्रि 9.31 तक ही रहेगी।