केवीके की प्रगति व आगामी कार्यक्रमों पर हुआ मंथन
कृषि विज्ञान केंद्र की वैज्ञानिक सलाहकार समिति की बैठक एक वर्ष की प्रगति आख्या प्रस्तुत की गई तथा आगामी कार्ययोजना के लिए सुझाव लिये गए।
सहारनपुर, जेएनएन। कृषि विज्ञान केंद्र की वैज्ञानिक सलाहकार समिति की बैठक एक वर्ष की प्रगति आख्या प्रस्तुत की गई तथा आगामी कार्ययोजना के लिए सुझाव लिये गए।
कृषि विज्ञान केंद्र के परिसर में आयोजित बैठक में केंद्र के प्रभारी डा. आईके कुशवाहा ने कोरोना लाकडाउन अवधि में केंद्र द्वारा प्रशिक्षित मशरुम उत्पादकों ने मशरुम के विभिन्न मूल्य वद्धित उत्पाद बनाकर अपनी आय में वृद्धि की तथा पशु स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं ने अपनी सेवाएं प्रदान कर पशुपालकों की मदद की। आइसीएआर के पूर्व निदेशक डा. जयसिंह ने मूल्य वर्द्धन पर जोर देते हुए रोजगार परक प्रशिक्षण पर बल दिया। सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय की प्रबंध परिषद के सदस्य निखिल त्यागी ने नवीनतम कृषि अधिनियमों के पहलुओं पर विस्तार से चर्चा कर जैविक खेती को प्रोत्साहित करने पर बल दिया। संयुक्त निदेशक कृषि डा. डीएस राजपूत ने पराली व फसल अवशेष प्रबंधन के लिए कस्टम हाइरिग केंद्रों से सहायता लेने पर बल दिया। उप निदेशक कृषि रक्षा डा. राकेश बाबू ने बीज उपचार अभियान चलाकर जैव कारकों के प्रयोग पर बल दिया। संयुक्त निदेशक उद्यान भानुप्रकाश राम ने फल एवं सब्जी उत्कृष्ट केंद्र की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए इसके अधिकारिक प्रयोग पर बल दिया। अग्रणी बैंक प्रबंधक संतोष कुमार ने प्रशिक्षित युवाओं को बैंक ऋण लेने को प्रोत्साहित किया तथा हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया। नाबार्ड के प्रबंधक मनीष कुमार ने नाबार्ड की विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी। उप निदेशक कृषि रामजतन मिश्रा व गन्ना विभाग से डा. यशपाल सिंह ने नवीनतम प्रजातियों को अपनाने की जानकारी दी। गोष्ठी में विपिन परमार, सतबीर सिंह, मदनलाल सैनी, कुलदीप, भारत भूषण, गजेंद्र राठी, रविद्र तोगड़ियां, डा. प्रमोद, मोहम्मद सादिक, मैनपाल सिंह, अनुराग सिंह, डा. वीरेंद्र गंगवार, डा. अमरजीत सिंह, अश्वनी कुमार, सुमित आदि मौजूद रहे।