प्रतियोगी परीक्षा को लेकर अलग-अलग पैमाना
प्रदेश में होने वाली प्रतियोगी परीक्षाओं को लेकर अलग-अलग पैमाना अपनाया जा रहा है। कोरोना के कारण दो प्रतियोगी परीक्षाओं को स्थगित किया जा चुका है जबकि यूपीटीईटी कराने की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं।
सहारनपुर, जेएनएन। प्रदेश में होने वाली प्रतियोगी परीक्षाओं को लेकर अलग-अलग पैमाना अपनाया जा रहा है। कोरोना के कारण दो प्रतियोगी परीक्षाओं को स्थगित किया जा चुका है, जबकि यूपीटीईटी कराने की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं।
नवंबर-2021 में पेपर लीक होने के कारण यूपीटीईटी की परीक्षा को रद कर दिया गया था। इसके बाद शासन ने घोषणा की थी कि परीक्षा एक माह के भीतर कराई जाएगी, लेकिन विभिन्न कारणों के चलते परीक्षा की तैयारी में देर हुई। अंतत: 23 जनवरी को दो पाली में परीक्षा कराई जा रही है। जिले में परीक्षा में 32 हजार से अधिक अभ्यर्थी शामिल हो रहे हैं। 34 केंद्रों पर प्रथम पाली और 24 केंद्र पर द्वितीय पाली में यह परीक्षा कराई जाएगी। परीक्षा को लेकर शासन से प्राप्त दिशा निर्देशों के अनुपालन में जिलाधिकारी द्वारा केंद्र व्यवस्थापकों, स्टेटिक मजिस्ट्रेट, सेक्टर मजिस्ट्रेट और पर्यवेक्षकों को आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए जा चुके हैं। वहीं दूसरी ओर कोरोना का संक्रमण तेजी से फैलने के कारण यूपीटीईटी की परीक्षा कराए जाने पर शिक्षक संगठन ने भी एतराज जताया है। उनका तर्क है उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा पीसीएस 2021 की मुख्य परीक्षा और उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा ली जाने वाली एएनएम की भर्ती परीक्षा स्थगित की जा चुकी है। उत्तर प्रदेश मान्यता प्राप्त विद्यालय शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष डा. अशोक मलिक का कहना है कि इन दोनों ही परीक्षाओं में काफी कम अभ्यर्थी शामिल होने थे, जबकि टीईटी में प्रदेश भर में लाखों अभ्यर्थी शामिल हो रहे हैं। कोरोना संक्रमण के कारण शासन को टीईटी की परीक्षा को विधानसभा चुनाव के बाद कराने पर विचार करना चाहिए। उधर, अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत के अध्यक्ष रामकुमार शर्मा ने भी टीईटी को कोरोना संक्रमण से बचाव के मद्देनजर स्थगित किए जाने की मांग की है।