देवबंद, जागरण संवाददाता। अहमदाबाद जामा मस्जिद के शाही इमाम के मुस्लिम महिलाओं से संबंधित दिए गए बयान पर मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। मंच के जिला संयोजक राव मुशर्रफ अली ने शाही इमाम के बयान को बेतुका बताते हुए कहा कि इस्लाम में औरतों को बराबरी के हकूक दिए गए है। हज भी मर्द और औरत एक साथ करते है।
राव मुशर्रफ ने कहा कि इस्लाम में मस्जिद में भी महिलाओं के जाने पर कोई पाबंदी नहीं है। महिलाओं को मस्जिद में जाने से इसलिए रोका गया है कि मस्जिदों के इमामों ने औरतों के साथ छेड़छाड़ और उनके शिष्यों ने उनके साथ दुष्कर्म के प्रयास शुरू कर दिए थे। कहा कि अपने को मुस्लिम देश कहने वाले बांग्लादेश व पाकिस्तान में भी महिलाएं प्रधानमंत्री रहीं है। ऐसे में लोकतांत्रिक देश हिंदुस्तान में औरतों का चुनाव न लड़ने की बात कहना समझ से परे है।
हिंदुस्तान में सबको चुनाव लड़ने का अधिकार
जिला संयोजक ने कहा कि भारत में सबको चुनाव लड़ने और वोट डालने का अधिकार है। इस तरह के बयान कट्टरवाद फैलाने के लिए है। अलगाववादी और रूढ़िवादी है। ऐसे मौलानाओं के बयानों पर प्रतिबंध लगाना आवश्यक है। अहमदाबाद जामा मस्जिद के शाही इमाम के बयान की हम कड़े शब्दों में निंदा करते हैं।
यह था शाही इमाम का बयान
रविवार को अहमदाबाद जामा मस्जिद के शाही इमाम शब्बीर अहमद ने अपने बयान में मुस्लिम महिलाओं के राजनीति में भाग लेने को गलत ठहराया था। कहा था कि मुस्लिम महिलाओं को टिकट देना इस्लाम के खिलाफ विद्रोह है और यह धर्म को कमजोर करता है।