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जनपद में कहीं डीएपी तो कहीं नहीं मिल रहा एनपीके

बारिश के कारण गेहूं की बुआई भले ही कुछ पिछड़ गई हो लेकिन जनपद के विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों को कहीं डीएपी तो कहीं एनपीके की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 23 Oct 2021 06:17 PM (IST)Updated: Sat, 23 Oct 2021 06:17 PM (IST)
जनपद में कहीं डीएपी तो कहीं नहीं मिल रहा एनपीके
जनपद में कहीं डीएपी तो कहीं नहीं मिल रहा एनपीके

जेएनएन, सहारनपुर। बारिश के कारण गेहूं की बुआई भले ही कुछ पिछड़ गई हो लेकिन जनपद के विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों को कहीं डीएपी तो कहीं एनपीके की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। समितियों से किसानों को 5-5 बैग किसानों को उपलब्ध कराए जा रहे हैं। कुल मिलाकर अभी खाद को लेकर मारामारी की स्थिति नहीं है। जबकि विभागीय अधिकारियों का कहना है कि जिले में डीएपी, एनपीके व यूरिया की कोई दिक्कत नहीं है उनके पास पर्याप्त खाद उपलब्ध है, जो समितियों पर भेजा जा रहा है। सहकारी समिति चिलकाना पर डीएपी एवं एनपीके दोनों ही खाद अभी उपलब्ध न होने के कारण किसान परेशान है। सहकारी समिति पटनी एवं बुड्ढाखेडा पर डीएपी एवं एनपीके खाद उपलब्ध है।

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--------- गंगोह क्षेत्र में सहकारी समिति महंगी पर एनपीके व यूरिया तो उपलब्ध हैं, लेकिन सोमवार से वितरित किया जाएगा। किसान सोनू जाट का कहना है कि एनपीके के दाम बढ़ने से सहकारी समिति अभी खाद नही दे रहे हैं। सहकारी समिति बीनपुर के एमडी ने बताया कि एक किसान को 6 बीघे पर एक बैग यूरिया व एनपीके (50 किलो) ही मिलेगा डीएपी फिलहाल नही है। बड़गांव क्षेत्र में किसान सेवा सहकारी समिति मोरा में डीएपी व एनपीके खाद खत्म होने से किसान परेशान।

----- नकुड़ की टाबर किसान सेवा सहकारी समिति के किसान स.अमरदीप सिंह ने बताया कि पिछले कई दिनों से उसे समिति से डीएपी खाद नही मिल पाया है। उन्होंने बताया कि जिस तरह से समिति में डीएपी खाद की किल्लत है, उस हिसाब से किसानों को गेहूं बुवाई के समय खाद की कमी का सामना करना पड़ सकता है। किसान सेवा सहकारी समिति अघ्याना के एमडी हुकम सिंह ने बताया कि अध्याना समिति में एनपीके खाद उपलब्ध है, डीएपी शाम तक पहुंचने की संभावना है। उन्होंने बताया कि डीएपी के दाम में बढ़ोतरी की संभावना जताई जा रही है, जिस कारण किसान पुराने मूल्य में खाद उठाने के लिए उतावले हो रहे हैं।

--------- छुटमलपुर गंगाली के प्रगतिशील किसान भूपेंद्र सिंह पुंडीर का कहना है कि डीएपी की किल्लत बनी है। सरसों की बुआई चल रही है और गेंहू की तैयारी है। डीएपी खाद ढूंढे भी नहीं मिल रही है। जिससे बुआई प्रभावित हो रही है। साधन सहकारी समिति छुटलमपुर व हलवाना पर भी डीएपी उपलब्ध नहीं है। सचिव ब्रह्मपाल सिंह का कहना है कि डीएपी की मांग के अनुरूप सप्लाई नहीं आ रही है। जिससे दिक्कत बनी हुई है।

--------- सरसावा क्षेत्र के किसान विकास चौधरी का कहना है कि बुढ़ेडा साधान सहकारी समिति पर पिछले कई दिन से एनपीके, डीएपी व यूरिया नहीं है। समिति के अरुण कुमार का कहना है कि खाद पहुंच गया है और सोमवार तक इसका वितरण किया गया जाएगा। अभी प्रत्येक किसान को अधिकतम पांच बैग डीएपी के दिए जा रहे हैं इसके बाद जिलाधिकारी महोदय के आदेशानुसार किसान की खसरा खतौनी नकल देखने व गेंहू बुआई का क्षेत्रफल देखकर ही डीएपी खाद आवंटित किया जाएगा।

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जनपद में नहीं खाद की किल्लत

जनपद में खाद की कोई कमी नहीं है। जनपद की सभी 114 समितियों पर डीएपी, एनपीके व यूरिया मौजूद है। जिस किसी समिति पर खाद खत्म हो गया है वहां सोमवार तक खाद पहुंच जाएगा और किसान को वितरण शुरू होगा। रबी की बुवाई के लिए दस हजार एमटी एनपीके का लक्ष्य है 9000 उनके पास मौूजूद है इसमें से 755 एमटी समितियों में भेजा जा रहा है। इसी तरह 755 एमटी डीएपी भी मौजूद है इसे भी समितियों पर भेजा जा रहा है। यूरिया का भी 5146 एमटी स्टाक मौजूद है। अभी तक 840 एमटी डीएपी उठ चुका है इसलिए जनपद में खाद की कोई किल्लत होने वाली नहीं है।

विजय प्रकाश वर्मा, एआर सहारनपुर मंडल।


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