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क्रय केंद्र न खुलने से खेतों मे पड़ी कटी फसल

कोरोना के मामले सामने आने पर जनपद के कई गांव सील किए गए हैं। इससे गन्ना किसानों की दिक्कत भी बढ़ गई है। गन्ना अभी भी खेतों में खड़ा है और छिलाई के लिए मजदूर भी नहीं मिल रहे।

By JagranEdited By: Published: Fri, 10 Apr 2020 10:14 PM (IST)Updated: Sat, 11 Apr 2020 06:06 AM (IST)
क्रय केंद्र न खुलने से खेतों मे पड़ी कटी फसल
क्रय केंद्र न खुलने से खेतों मे पड़ी कटी फसल

सहारनपुर, जेएनएन। कोरोना के मामले सामने आने पर जनपद के कई गांव सील किए गए हैं। इससे गन्ना किसानों की दिक्कत भी बढ़ गई है। गन्ना अभी भी खेतों में खड़ा है, और छिलाई के लिए मजदूर भी नहीं मिल रहे। गेहूं की फसल भी पककर तैयार खड़ी है। मगर काटने वाला कोई नहीं है न ही अभी तक क्रय केंद्र खुल पाए हैं। ऐसे में किसान करे तो क्या करे?

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भारतीय किसान मजदूर मंच के प्रदेश अध्यक्ष चौधरी नीरपाल सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपील की है कि ऐसे नाजुक हालात में देश के अन्नदाताओं का खयाल रखते हुए प्रदेश के प्रत्येक गांव में गेहूं खरीद के सरकारी तोल केंद्र खुलवाये जाएं। जिससे किसानों को गेहूं बेचने की दिक्कत न हो और न ही उनको दूर मंडियों में जाना पड़े। कोरोना की भयावह हालत को देखते हुए बचाव के लिए यह कदम जरूरी है।

नानौता: किसान महमूद अख्तर, अभिमन्यु सिंह, पूर्व प्रधान अल्लाह रखा खान, सलमान खान, हाजी सत्तार खान, नरेश सिंह, रमेश चंद, राव असलम खान व हाजी जिदा हसन आदि का कहना है कि पहले ही हुई भारी बारिश व ओलावृष्टि से गेहूं की फसल को नुकसान हुआ है। किसानों का कहना है कि अब फसल पककर तैयार हो चुकी है और कटाई भी शुरू होकर हो गई है, लेकिन अभी तक गेहूं की खरीद के लिए सरकारी क्रय केंद्र नहीं खोले गए हैं।

सरसावा: शेखपुरा गांव के प्रमुख किसान चौधरी कमलजीत सिंह, सतबीर सिंह, गयूर,गफूर,प्रदीप सिंह आदि का कहना है कि गेहूं के उठान के लिए बाजार बंद होने के कारण थ्रेशर मशीनों का मेंटीनेस नहीं हो पा रहा है। लेबर घरों से बाहर नहीं निकल रही जबकि पर्ची के अभाव में किसानों का गन्ना खेत में खड़ा है, दुग्ध उत्पादक डेयरी संचालक बाहर निकलकर अपना दूध नही बेच सकता। इसलिए मजबूर हो वह औने पौने दामों में बेच रहे हैं। किसानों को सोशल डिस्टेंस का भी ख्याल है जिसके चलते उसका खेती चौपट हो चुका।

सड़क दूधली: लॉक डाउन के कारण फसल को लेकर चितित किसानों ने फसल की थ्रेसिग का काम शुरू कर दिया है। निवादा- तिवाया रोड पर किसान फसल की थ्रेसिग में जुटे नजर आए। गेहूं की फसल लगभग पककर तैयार खड़ी है, लेकिन लॉक डाउन के चलते किसान फसल के उठान को लेकर चितित नजर आ रहे हैं कि फसल को आखिर मण्डी तक कैसे पहुंचाएंगे। किसान मुनीर आलम व इमरान आदि का कहना है कि सरकार फसल के बारे में कुछ न कुछ आदेश जारी करे।

जड़ौदापांडा: लॉक ड़ाउन के चलते अनाज मंडी न खुलने से अन्नदाताओं की समस्या लगातार बढ़ती जा रही है। गेहूं की फसल तैयार खड़ी हुई है। कुछ स्थानों पर गेहूं की फसल कटनी शुरू हो गई है। दो सप्ताह में किसान गेहूं को थ्रेशर मशीनों में निकलवाकर घर भी ले आएंगे। यदि अनाज की मंडी नहीं खुली तो किसानों के आगे संकट पैदा हो जायेगा। किसान सतीश भगत ,सुरेन्द्र ,नरेश दरोगा, दिनेश जुल्फी ,राजेन्द्र फौजी, आमोद त्यागी ,प्रधान पति राकेश त्यागी आदि का कहना है कि जब सब्जी की मंडी खुल सकती है तो अनाज की मंडी क्यों नहीं खुल सकती है।

तीतरो: लॉक डाउन में पुलिस की बरती जा रही सख्ती किसानों के लिए परेशानी बन रही है। पुलिस के डंडे के खौफ और शासन के साफ निर्देश न होने के चलते गेहू की तैयार खड़ी फसल के लिए लेबर न मिलने से परेशान किसान अब खुद अपने परिजनों के साथ गेहूं को काटने में जुट गये हैं। किसान श्यामपाल भी अपनी पत्नी संग खुद गेहूं की कटाई में जुट गया। किसान सुखपाल,ऋषिपाल,जसबीर भी बच्चो सहित फसल को काटने में जुटे है। उधर एक तो शुगर मिल से गन्ने की पर्ची कम मिल रही है ऊपर से खेतों में मजदूरों के न जाने से गन्ना वही पर खड़ा सड़ रहा है।


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