हज सब्सिडी खत्म करने का फैसला मुस्लिम विरोधी: उलमा
संवाद सहयोगी, देवबंद (सहारनपुर) : केंद्र सरकार द्वारा हज सब्सिडी समाप्त किए जाने के फैसले को द
संवाद सहयोगी, देवबंद (सहारनपुर) : केंद्र सरकार द्वारा हज सब्सिडी समाप्त किए जाने के फैसले को देवबंदी उलमा ने मुस्लिम विरोधी करार दिया है। कहा, सब्सिडी खत्म होने के बाद भी मुसलमान हज का फरीजा अदा करते रहेंगे।
दारुल उलूम वक्फ के शेखुल हदीस एवं तंजीम उलेमा ए ¨हद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अहमद खिजर शाह मसूदी ने कहा कि अच्छा हुआ कि सरकार ने मुसलमानों के ऊपर से यह एहसान उतार दिया। जमीयत उलेमा ए ¨हद के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष एवं खादिमुल हुज्जाज (हज सेवक) मौलाना हसीब सिद्दीकी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने हज सब्सिडी को दस वर्षो में धीरे धीरे खत्म करने के निर्देश दिए थे, लेकिन मोदी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों को धता बता एक झटके में ही पौने दो लाख हज यात्रियों की सब्सिडी खत्म कर अपनी मुस्लिम विरोधी सोच को दर्शाया है। ऑल इंडिया अल कुरआन फाउंडेशन के अध्यक्ष मौलाना नदीमुल वाजदी ने कहा कि केंद्र सरकार का यह निर्णय मुसलमानों को ठेस पहुंचाने वाला है। कहा कि हज यात्रा के नाम पर सरकार यात्रियों से अधिक रुपये वसूल रही थी, क्योंकि हाजियों को लेकर आने वाले इंडियन एयरलाइंस को सऊदी सरकार तेल भी फ्री देती है। कहा कि सरकार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हाजियों को लाने और ले जाने का टेंडर जारी कराए।
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बेंगलुरु सम्मेलन में दारुल उलूम करेगा शिरकत : नोमानी
देवबंद: दारुल उलूम के मोहतमिम मौलाना अबुल कासिम नोमानी ने जारी बयान में बताया कि आगामी 19 जनवरी को बेंगलुरु में आयोजित होने वाले केंद्र सरकार के सम्मेलन में दारुल उलूम की ओर से शूरा के वरिष्ठ सदस्य मुफ्ती इस्माईल मालेगांव शिरकत करेंगे।
नोमानी ने बताया कि संस्था को मानव संसाधन मंत्रालय की ओर से आए पत्र में नई शिक्षा नीति के संबंध में अपनी राय रखने की दावत दी गई थी। कहा कि सम्मेलन में दारुल उलूम का प्रस्ताव होगा कि शिक्षा की नई नीति में अल्पसंख्यक शैक्षिक संस्थानों की आजादी पर कोई अंकुश न लगाया जाए।