सब्जियों की पैदावार बढ़ाने को हो रहा रासायनिक पदार्थो का इस्तेमाल
कम समय में अधिक सब्जियां उगाकर मोटे रुपये कमाने के लालच में सब्जी उत्पादक मानव जीवन से खिलवाड़ कर रहे है। सब्जी उत्पादक हरी सब्जियों की उत्पादन क्षमता बढ़ाने को कीटनाशकों व रासायनिक पदार्थों का इस्तेमाल करने से भी गुरेज नहीं कर रहे है।
सहारनपुर, जेएनएन। देवबंद में कम समय में अधिक सब्जियां उगाकर मोटे रुपये कमाने के लालच में सब्जी उत्पादक मानव जीवन से खिलवाड़ कर रहे हैं। सब्जी उत्पादक हरी सब्जियों की उत्पादन क्षमता बढ़ाने को कीटनाशकों व रासायनिक पदार्थो का इस्तेमाल करने से भी गुरेज नहीं कर रहे हैं।
ज्यादा मुनाफा कमाने के लालच में सब्जी उत्पादक सब्जियों की पैदावार को बढ़ाने के लिए गोबर की खाद के स्थान पर डीएपी तथा कीटनाशकों का प्रयोग कर रहे हैं। इतना ही नहीं लौकी के पत्तों को कीट से बचाने के लिए चूल्हे की राख के स्थान पर मेलाथियान पाउडर, जबकि लौकी, खीरा व तुरई के आकार को बढ़ाने के लिए ऑक्सीटोसीन इंजेक्शन का प्रयोग जारी है। ऐसा करने से जहां सब्जियों का वास्तविक स्वाद बदलने लगा है। वहीं, सेहत के लिए लाभदायक मानी जाने वाली सब्जियां बीमारियों का कारण बन रही है। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार कीटनाशकों व रसायनों के प्रयोग से खतरनाक बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
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क्या कहते है चिकित्सक
प्रसिद्ध चिकित्सक डा. शमीम देवबंदी का कहना है कि सब्जियों में कीटनाशक रसायनों के प्रयोग से सब्जियों की प्राकृतिक शक्ति समाप्त हो जाती है। कृत्रिम सब्जी के सेवन से गैसटाइटिस, आंतों की सूजन, उल्टी, दस्त सहित पेट संबंधी अन्य बीमारियां हो सकती है।
इन्होंने कहा..
कीटनाशकों व रासायनिक पदार्थों का इस्तेमाल करने वाले सब्जी कारोबारियों को किसी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। इस संबंध में अभियान चलाने के लिए रूपरेखा तैयार की जाएगी।
-राकेश कुमार (एसडीएम, देवबंद)
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