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'बुआ' नहीं चाहतीं 'भतीजा' बने अनुसूचितों का नेता

नीरज गुप्ता, (सहारनपुर) भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर के बुआ कहने पर बसपा सुप्रीमो के एत

By JagranEdited By: Published: Mon, 17 Sep 2018 10:54 PM (IST)Updated: Mon, 17 Sep 2018 10:54 PM (IST)
'बुआ' नहीं चाहतीं 'भतीजा' बने अनुसूचितों का नेता
'बुआ' नहीं चाहतीं 'भतीजा' बने अनुसूचितों का नेता

नीरज गुप्ता, (सहारनपुर)

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भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर के बुआ कहने पर बसपा सुप्रीमो के एतराज जताने के बाद सियासी गलियारे में इसके मायने निकाले जा रहे है। जानकारों का कहना है कि मायावती को पसंद नहीं है कि अनुसूचित समाज में उनके अलावा अन्य कोई नेता अपनी पकड़ बनाए। चंद्रशेखर बुआ से रिश्ता जोड़ कर अपने समाज के लोगों में अपने प्रति सहानुभूति पैदा करने का प्रयास कर रहे हैं, वहीं बसपा सुप्रीमों मायावती के लिए इसके सियासी मायने है।

बसपा के सूत्रों की मानें तो मायावती कतई नहीं चाहतीं कि अनुसूचित समाज में कोई दूसरा चेहरा समाज की कमान संभाले। यही वजह है कि मायावती ने बाकायदा प्रेस कांफ्रेस में एलान किया कि चंद्रशेखर से उनका कोई रिश्ता नहीं है। उनका रिश्ता अनुसूचित समाज से है। मायावती यह स्पष्ट कह चुकी हैं कि भीम आर्मी जैसे संगठन यदि समाज के हित में सोचते तो उन्हें कोई अलग संगठन नहीं बनाना चाहिए था। इससे पहले भी वह समाज के लोगों से ऐसे लोगों से होशियार रहने का आह्वान कर चुकी हैं। यही नहीं भीम आर्मी के पीछे भाजपा का हाथ बताकर चंद्रशेखर को भाजपा का नजदीकी दिखाने की कोशिश भी करने से नहीं चूक रहीं।

शब्बीरपुर ¨हसा के बाद भी मायावती ने भीम आर्मी के पक्ष में एक बार भी हमदर्दी नहीं दिखाई। ¨हसा के बाद चंद्रशेखर की गिरफ्तारी पर कांग्रेस, आरएलडी, एसपी समेत सभी राजनीतिक दलों ने अपनी प्रतिक्रिया दी लेकिन, मायावती चुप्पी साधे रहीं। शब्बीरपुर में समाज के लोगों से हमदर्दी जताने के साथ भीम आर्मी से होशियार रहने की सीख दे गई थीं। राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा भी शब्बीरपुर प्रकरण पर दिया लेकिन, चंद्रशेखर का जिक्र तक नहीं किया। मायावती ने अपने संगठन में किसी भी व्यक्ति को पैर नहीं जमाने दिए। जिसने कोशिश की उसके पर कतर दिए। गत दिनों पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाए गए जयप्रकाश को भी तेजी पकड़ते देख बाहर का रास्ता दिखा दिया। आखिर जयप्रकाश ने भीम आर्मी का दामन थाम लिया। यह भी मायावती की भीम आर्मी से ज्यादा नाराजगी की वजह बताई जा रही है।

रिश्ता उजागर नहीं करने के पीछे सियासी वजह

भीम आर्मी संस्थापक चंद्रशेखर का कहना है कि बुआ-भतीजे का रिश्ता स्वीकार नहीं करने के पीछे सियासी कारण हो सकता है। हालांकि मेरी उनसे कभी मुलाकात नहीं हुई लेकिन, वह प्यार बहुत करतीं हैं। हो सकता कि उनके सलाहकारों ने उन्हें ऐसा करने की सलाह दी है।


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