एलएलसी व उनके भतीजे सहित 12 के खिलाफ मुकदमा दर्ज
बेहट में अब्दुल वहीद एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की करीब 50 बीघा भूमि प्रकरण में ट्रस्ट के सदस्य एमएलसी महमूद अली उनके भतीजे जावेद तथा तत्कालीन एसडीएम शीतल प्रसाद गुप्ता एवं तत्कालीन दो रजिस्ट्रार कानूनगो लेखपाल सहित 12 लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया गया है।
सहारनपुर, जेएनएन। बेहट में अब्दुल वहीद एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की करीब 50 बीघा भूमि प्रकरण में ट्रस्ट के सदस्य एमएलसी महमूद अली उनके भतीजे जावेद तथा तत्कालीन एसडीएम शीतल प्रसाद गुप्ता एवं तत्कालीन दो रजिस्ट्रार कानूनगो, लेखपाल सहित 12 लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया गया है।
बरथा निवासी रणवीर सिंह की शिकायत पर अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व ने एसडीएम को विस्तृत जांच कर आख्या देने के निर्देश दिए थे। एसडीएम ने जांच के बाद एडीएम को जांच आख्या प्रेषित कर दी थी, जिसमें बताया गया कि ग्राम अली अकबरपुर के खसरा नंबर 225 म व 147-2 के संबंध में कूटरचना कर पूर्व दिनांकित आवंटन आदेश सुरेंद्र पुत्र रघुवीर सिंह, संजय कुमार पुत्र अमर सिंह, राशिद पुत्र शकील व अब्दुल रहमान पुत्र रशीद निवासी गांव शेरपुर पेलो के नाम राजस्व अभिलेख में दर्ज किए गए। इसके बाद पूर्व दिनांकित आवंटन से असंकरमणीय भूमिधर की 10 वर्ष की अवधि पूर्ण करते हुए विधि विरुद्ध तरीके से 3 सितंबर 2014 तथा 30 सितंबर 2014 को इस भूमि को संकरमणीय भूमिधर की श्रेणी में दर्ज कर दिया गया। इस आदेश के बाद इस भूमि को अब्दुल वहीद एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट को बेच दिया गया। एसडीएम की इस रिपोर्ट को एडीएम ने जिलाधिकारी को प्रेषित किया। जिस पर जिलाधिकारी ने कार्रवाई के निर्देश दिये। इस मामले में तत्कालीन हल्का लेखपाल मोहम्मद शोएब, कानूनगो बीरबल सिंह, रजिस्ट्रार कानूनगो पवन कुमार व तत्कालीन उपजिलाधिकारी शीतल प्रसाद गुप्ता, अखलाक, सुरेंद्र, संजय, राशिद, अब्दुल रहमान ने यह जमीन अब्दुल वहीद एजुकेशनल ट्रस्ट के ट्रस्टी उपाध्यक्ष महमूद अली तथा कोषाध्यक्ष मोहम्मद जावेद को आरोपित किया है। इसमें महमूद अली व जावेद को क्रेता व अखलाक, सुरेंद्र, संजय, राशिद, अब्दुल रहमान को विक्रेता होने के कारण नामजद किया गया है। ट्रस्ट पदाधिकारियों का कहना है कि इस मामले में राजस्व परिषद बहुत पहले सुनवाई कर चुकी है। इसमें परिषद ने एडीएम एफ के आदेशों को स्थगित करते हुए निगरानी की हरी झंडी दे दी थी। अब की यह कार्रवाई राजस्व परिषद के आदेशों की अवहेलना है।