नई तकनीक से हो रहा तालाबों का जीर्णोद्धार
भूमि के गिरते जल स्तर को देखकर एक बार फिर इंसान को तालाब पोखर आदि की आवश्यकता महसूस होने लगी है।
सहारनपुर, जेएनएन। भूमि के गिरते जल स्तर को देखकर एक बार फिर इंसान को तालाब, पोखर आदि की आवश्यकता महसूस होने लगी है। इसे ध्यान में रखकर तालाबों की जमीनों को न केवल कब्जा मुक्त कराया जा रहा है। बल्कि मृत हो चुके तालाबों का नई तकनीक से जीर्णोद्धार भी किया जा रहा है। जागरण के इस अभियान में न केवल नगर निगम बल्कि आइटीसी मिशन सुनहरा कल भी जल की महत्ता पर कार्य कर रहे हैं।
संस्था द्वारा नगर निगम क्षेत्र में तालाब नवीनीकरण का कार्य नगर निगम के साथ किया जा रहा है, जिसमें अब तक 13 तालाबों का जीर्णोद्धार किया गया है। इसी क्रम में जागरण के अभियान के तहत नगर निगम क्षेत्र के ग्राम रामनगर के अंतर्गत आने वाले तालाब के जीर्णोद्धार का कार्य जागरण के साथ मिलकर आइटीसी मिशन सुनहरा कल द्वारा किया गया है। संस्था की ओर से तालाब का जीर्णोद्धार कार्य किया जा रहा है, ताकि इसमें जलीय जीव-जंतुओं का पुनर्वास किया जा सके। तालाब का जीर्णोद्धार तो कर दिया गया परंतु अभी इसमें पानी नहीं छोड़ा गया है। नगर नगर निगम की सहायता से जल उपयोगकर्ता दल का गठन किया गया, ताकि तालाब का रखरखाव अच्छे से हो सके। यही नहीं तालाब के आसपास करीब 300 पौधों का भी रोपण किया गया है।
नगर आयुक्त ज्ञानेंद्र सिंह का कहना है कि प्रथम वर्ष वर्षा के साथ यह तालाब 3272 घन मीटर अंडर ग्राउंड वाटर लेवल को बढ़ाने में मदद देगा। इस संपूर्ण कार्य में आइटीसी मिशन सुनहरा कल भारत सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर कार्य करता रहेगा। उन्होंने बताया कि पानी की महत्ता को समझते हुए नगर निगम क्षेत्र में आने वाले तालाबों को जिम्मेदारी से संवारने का काम कर रहा है। इसके तहत चकहरेटी, जनता रोड, व कुम्हार हेडा में भी ऐसे तालाबों का जीर्णोद्धार किया जा रहा है।