घर लौटे व्यापारी की कहानी से पुलिस हैरान
सहारनपुर: कपड़ा व्यापारी कार्तिक सुखेजा करीब 14 घंटे बाद घर लौट आया। पुलिस ने पूछताछ
सहारनपुर: कपड़ा व्यापारी कार्तिक सुखेजा करीब 14 घंटे बाद घर लौट आया। पुलिस ने पूछताछ की तो उसने खुद के अपहरण व मुक्त होने की जो कहानी सुनाई, उसे सुनकर पुलिस भी हैरान रह है। व्यापारी की पूरी स्क्रिप्ट किसी के भी गले नहीं उतर रही है। यह कहानी व्यापारियों व मोहल्ले में भी चर्चा का विषय बनी हुई है।
मिशन कंपाउंड निवासी बलदेव सुखेजा का बेटा कार्तिक (27) शनिवार सुबह अचानक लापता हो गया था। कार्तिक की गुमशुदगी थाना सदर बाजार में दर्ज हुई थी। इसके बाद इसकी तलाश शुरू हुई तो उसने स्वयं ही शाम करीब साढ़े सात बजे फोन कर खुद की कुशलता के विषय में बताया तो सभी की जान में जान आ गई थी। शनिवार रात करीब एक बजे कार्तिक घर लौटा तो सदर बाजार पुलिस ने पूछताछ की। दारोगा प्रदीप यादव ने बताया कि कार्तिक के अनुसार वह शनिवार को जब दुकान पहुंचा तो उसे अहसास हुआ कि गल्ले की चाबी घर छूट गई है। चाबी लेने के लिए एक्टिवा से घर लौट रहा था तो रास्ते में रेलवे फाटक के निकट उसे स्कार्पियो सवार चार युवकों ने रोक लिया। उक्त लोगों ने उसे पानी पिलाया, जिसके बाद मैं बेहोश हो गया। होश आया तो मैं सोनीपत में था, देखा तो चारों युवक ढाबे पर चाय पी रहे थे। सड़क पर मेरा एक्टिवा भी चाबी लगा ही खड़ा था। मैं नजर बचा कर स्कार्पियो से उतरा और एक्टिवा पर सवार होकर निकल भागा। रास्ते में मैंने अपने मोबाइल से घर फोन कर ही रहा था कि स्कार्पियो वाले युवक मेरे पीछे आ गए। डर के मारे मैंने मोबाइल वहीं फेंक दिया और दिल्ली की तरफ एक्टिवा से निकल लिया। सड़क पर ट्रैफिक की वजह से स्कार्पियो वाले पीछे ही रह गए और मैं दिल्ली पहुंच गया। ड्राइविंग लाइसेंस व हेलमेट न होने की वजह से दिल्ली पुलिस ने मेरा चालान काट दिया था। लोनी पहुंच कर मैंने किसी व्यक्ति से फोन लेकर घर पर बहन को फोन किया और घर पहुंच गया। दारोगा प्रदीप यादव ने बताया कि कार्तिक जब घर पहुंचा तो उसकी जेब में 28 हजार रुपये थे। मोबाइल अभी इसका सोनीपत के थाना मुरथल पुलिस के पास ही है। सीडीआर निकलवाई तो इस दौरान कार्तिक ने जितने भी फोन किए ,वह अपनी मंगेतर को ही किए। कार्तिक की इस कहानी को सुनकर न सिर्फ व्यापारी बल्कि क्षेत्रवासी भी हैरान हैं।