कुछ कमियों के साथ क्रांतिकारी रहा बजट
सहारनपुर : बजट को लेकर जहां लोगों की मिलीजुली प्रतिक्रियाएं मिल रही हैं। वहीं इस बजट क
सहारनपुर : बजट को लेकर जहां लोगों की मिलीजुली प्रतिक्रियाएं मिल रही हैं। वहीं इस बजट को लेकर अर्थशास्त्री खासे उत्साहित नजर आए। शहर के अर्थशास्त्री की मानें तो राजकोष की दशा को सुदृढ़ बनाए रखकर इतना बड़ा और लाभकारी बजट प्रस्तुत करना ही अपने आप में अलग महत्व रखता है। बजट में कुछ बातों को छोड़ दें तो देश के लिए बहुत लाभकारी बजट कहा जा सकता है। किसान, युवा, महिला, उद्यमी, रोजगार, स्वास्थ्य, सड़क, रेल आदि को बजट में बखूबी शामिल किया गया है।
शहर के जैन डिग्री कालेज के अर्थशास्त्री डा. हरवीर ¨सह के मुताबिक बजट को केवल समझने की जरूरत है। बजट बहुत ही लाभदायक रहेगा। सरकार ने किसानों के लिए किए गए वायदे को पूरा करने के उद्देश्य से पहला कदम उठाते हुए खरीफ की फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य लागत से डेढ़ गुणा कर दिया है। यह पहला कदम है इसके बाद रबी की फसलों, सब्जियों आदि पर भी यह योजना लागू की जा सकती है। बदहाल हो चले किसानों के लिए यह बहुत राहत भरा कदम है। इससे देश के किसानों की आर्थिक दशा में बड़ा सुधार होगा। इसी तरह बजट में हर खेत तक पानी पहुंचाने के लिए बनाई गई योजना में 2600 करोड़ रुपये तय किए गए हैं। इससे उन किसानों को राहत मिलेगी जो बरसात के पानी पर ही निर्भर रहते हैं और बारिश नहीं होने पर फसलें नहीं उगा पाते हैं। इसी तरह स्वास्थ्य के क्षेत्र में बड़ा क्रांतिकारी कदम उठाया गया है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत तीस हजार रुपये की सीमा बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दी गई है। इससे देश के करीब 50 करोड़ लोगों को लाभ मिलेगा। देश में एक लाख पच्चीस हजार आरोग्य सेंटरों की स्थापना की जाएगी। टीबी के मरीजों को पौष्टिक आहार के लिए मुफ्त दवा के साथ साथ 500 रुपये दिए जाएंगे। बकौल डा.¨सह नौकरीपेशा लोगों को थोड़ी निराशा जरूर हुई है वे चाहते थे कि आयकर की सीमा बढ़ा दी जाए। लेकिन नौकरीपेशा लोगों को सरकार ने स्टैंडर्ड टैक्स डिडेक्शन योजना के माध्यम से आयकर में छूट देने का प्रयास किया है। बजट में 70 लाख युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए उठाए गए कदम से बेरोजगार युवाओं को बड़ी राहत मिलेगी। गरीब महिलाओं को ध्यान में रखते हुए उज्ज्वला योजना के तहत 8 करोड़ गृहणियों को मुफ्त गैस कनेक्शन वितरित किए जाएंगे। डा.¨सह के मुताबिक तमाम अर्थशास्त्रियों को इस बार आशा थी कि बजट में कौशल विकास को लेकर कुछ कदम उठाए जाएंगे। लेकिन ऐसा नहीं किया गया। यदि कौशल विकास पर ध्यान दिया जाता तो बेरोजगारी दर में भारी कमी आ सकती थी। बावजूद इसके राजकोष पर बिना प्रभाव डाले जो बजट तैयार किया गया है। वह बहुत ही अच्छे परिणाम देने वाला साबित होगा। सड़क, परिवहन, रेल, व्यापार, उद्योग, युवा, गरीबी, शिक्षा आदि का पूरा ध्यान रखा गया है। इस बजट से विकास दर में इजाफा होगा।