चंद्रशेखर के समर्थन में शुरू हुई भूख हड़ताल
सहारनपुर: दो अप्रैल को मारे गए दलित समाज के लोगों के परिजनों को मुआवजा व मुकदमों को खत्म क
सहारनपुर: दो अप्रैल को मारे गए दलित समाज के लोगों के परिजनों को मुआवजा व मुकदमों को खत्म करने की मांग को लेकर रविवार को गांव जानीपुर व हौजखेड़ी में महिलाओं व युवकों ने भूख हड़ताल शुरू की। अधिकारियों ने समझाने का प्रयास किया, लेकिन उनकी एक नहीं सुनी।
भीम आर्मी के जिलाध्यक्ष कमल वालिया के नेतृत्व में हौजखेड़ी में भूख हड़ताल शुरू हुई। वालिया ने कहा कि चंद्रशेखर समेत अन्य लोगों के खिलाफ दर्ज मुकदमे वापस लेने व मृतकों के परिजनों को मुआवजा मिलने तक भूख हड़ताल जारी रहेगी। उधर, मुजफ्फराबाद ब्लाक के गांव जानीपुर में भी संगठन कार्यकर्ता अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठ गए। प्रवक्ता सनी गौतम ने कहा कि सरकार जानबूझकर दलितों पर निशाना साध रही है। दो अप्रैल के शांतिपूर्ण बंद के बावजूद उन पर लाठीचार्ज किया। दलित साथियों को मार दिया गया। अब सरकार फर्जी मुकदमों के जरिए प्रताड़ित करा रही है। ब्लाक अध्यक्ष प्रदीप खोदनाल, सचिव ¨मटू गौतम, पंकज, अंकित, सोनम, मोनिका, दीपिका, शिवानी, अन्नू आदि भूख हड़ताल पर बैठ गए।
'बेटा जेल से निकलेगा तो एक-एक को देख लूंगी'
जासं, सहारनपुर: रविवार दोपहर करीब 12 बजे कमलेश देवी एक युवती व भीम आर्मी प्रचारक ¨टकू के साथ अपने बेटे चंद्रशेखर से मिलने जेल पहुंचीं। इंस्पेक्टर जनकपुरी शैलेंद्र शर्मा ने गेट से दूर हटने को कहा तो कमलेश ने धमकी दी कि 'अभी तो तुम्हारा जोर है, लेकिन जिस दिन मेरा बेटा जेल से निकलेगा एक-एक को देख लूंगी। मेरा बेटा शेर है, देखती हूं कितने दिन तक उसे जेल में रखते हो'। वह डीएम की कोठी पर भी पहुंचीं, मगर डीएम से मुलाकात नहीं हो सकी।