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खूबसूरती छोड़ औषधीय पौधों से जोड़ रहे नाता

कोरोनाकाल में सब कुछ बदला बदला सा नजर आने लगा है। पश्चिमी उप्र के ग्रीन जोन सहारनपुर के खाते में सबसे ज्यादा नर्सरी का रिकार्ड है। यहां तैयार की गई पौध देश-दुनिया में सप्लाई होती है। पाकिस्तान के करतारपुर कॉरीडोर में भी यहां की नर्सरी से पौधे भेज गए थे। कोरोना के कारण नर्सरियों का मिजाज भी बदल गया है। अब नर्सरियों में खूबसूरत पौधों व महकते फूलों की जगह औषधीय पौधे नजर आ रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 20 Jul 2020 11:09 PM (IST)Updated: Mon, 20 Jul 2020 11:09 PM (IST)
खूबसूरती छोड़ औषधीय पौधों से जोड़ रहे नाता
खूबसूरती छोड़ औषधीय पौधों से जोड़ रहे नाता

सहारनपुर, जेएनएन। कोरोनाकाल में सब कुछ बदला बदला सा नजर आने लगा है। पश्चिमी उप्र के ग्रीन जोन सहारनपुर के खाते में सबसे ज्यादा नर्सरी का रिकार्ड है। यहां तैयार की गई पौध देश-दुनिया में सप्लाई होती है। पाकिस्तान के करतारपुर कॉरीडोर में भी यहां की नर्सरी से पौधे भेज गए थे। कोरोना के कारण नर्सरियों का मिजाज भी बदल गया है। अब नर्सरियों में खूबसूरत पौधों व महकते फूलों की जगह औषधीय पौधे नजर आ रहे हैं। इम्युनिटी बढ़ाने की कोशिश में औषधीय पौधों की ओर रुझान बढ़ा है। लोग भी अपनी बगिया का स्वरूप बदलकर औषधीय कर रहे हैं।

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सहारनपुर उत्तराखंड से लगा है। यहां का वातावरण पेड़-पौधों के लिए काफी अनुकूल है। इसी वजह से यहां नर्सरियों की भरमार है। कोरोना के चलते सजावटी पौधों की मांग कम हुई है और औषधीय पौधों गिलोय, अश्वगंधा, सदाबहार तुलसी, एलोवेरा, अंजीर समेत अन्य औषधीय पौधों की मांग काफी बढ़ गई है। नर्सरी संचालक भी इन्हीं पौधों को तरजीह दे रहे हैं।

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औषधीय पौधों की मांग बढ़ी

नर्सरी संचालक नेत्रपाल व ताहिर हसन ने बताया कि कोरोना के चलते लॉकडाउन व उसके बाद से सजावटी पौधे व फूलों के पौधों की बिक्री में गिरावट आई है। औषधीय पौधों की बिक्री में काफी इजाफा हुआ है। अब नर्सरियों में औषधीय पौधों को बड़े पैमाने पर तैयार किया जा रहा है।

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यहां हैं 80 नर्सरी

पश्चिम में अकेला सहारनपुर ऐसा जनपद है जहां सर्वाधिक छोटी-बड़ी करीब 80 नर्सरी हैं। इनमें 62 बड़ी नर्सरी हैं। इनमें तरह-तरह के फूल, सजावटी व औषधीय पौधे हैं। यहां बाहर से मंगाकर भी नर्सरी तैयार की जाती है।

- विजय सिंह, जिला वनाधिकारी -------

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औषधीय पौधों के लाभ

- तुलसी : रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर खांसी जुखाम में लाभ पहुंचाती है।

- सदाबहार का फूल और पत्तियां: हाई ब्लड प्रेशर, शुगर ,कैंसर आदि में मददगार होते है।

- गिलोय : बेल पकाकर पीने से बुखार समाप्त होता है व प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।

- अश्वगंधा : शारीरिक शक्ति के साथ-साथ रक्त साफ होता है और हड्डियों को मजबूती मिलती है।

- एलोवेरा : अंदर से निकलने वाले जेल से पेट की बीमारियों में राहत मिलती है। चेहरे के लिए भी फायदेमंद।

- रामसुदन शर्मा, आयुर्वेदाचार्य


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