नियम विरुद्ध यमुना नदी की जमीनों में खनन परमिट जारी करने का आरोप
बेहट में यमुना नदी के पास के तीन गांव में खनन के लिए जारी किए गए परमिटों को लेकर शासन स्तर पर शिकायत की गई। गांव लतीफपुर भूड़ निवासी एक व्यक्ति ने इन पट्टों को राजस्व अभिलेखों में यमुना नदी के नाम से दर्ज भूमि पर जारी करने का आरोप लगाया है जो राजस्व अधिनियम तथा उच न्यायालय के आदेशों के विरुद्ध है।
सहारनपुर, जेएनएन। बेहट में यमुना नदी के पास के तीन गांव में खनन के लिए जारी किए गए परमिटों को लेकर शासन स्तर पर शिकायत की गई। गांव लतीफपुर भूड़ निवासी एक व्यक्ति ने इन पट्टों को राजस्व अभिलेखों में यमुना नदी के नाम से दर्ज भूमि पर जारी करने का आरोप लगाया है, जो राजस्व अधिनियम तथा उच्च न्यायालय के आदेशों के विरुद्ध है।
ग्राम लतीफपुर भूड़ निवासी ब्रह्मपाल सिंह पुत्र बारू सिंह ने मुख्यमंत्री, खनन निदेशक, मंडलायुक्त, डीएम व एसडीएम को भेजे शिकायती पत्र में कहा है कि खनन विभाग ने ग्राम आलमगीरपुर, रसूली व धोलरा में ऐसी जमीनों पर खनन के लिए परमिट जारी कर दिए हैं जो राजस्व अभिलेखों में यमुना नदी की भूमि दर्ज है। उसका कहना है कि राजस्व अधिनियम तथा उच्च न्यायालय द्वारा वर्ष 2005 में एक याचिका को निस्तारित करते हुए दिए गए आदेशों के अनुसार नदी की जमीन में व्यक्तिगत तौर पर कोई खनन परमिट जारी नहीं किया जा सकता है। शिकायतकर्ता का कहना है कि खनन विभाग द्वारा जारी किए गए इन परमिटों से पूर्व की प्रक्रिया में राजस्व विभाग द्वारा इन जमीनों को संक्रमणीय भूमिधर दर्शाया गया है, जबकि यह यमुना नदी की जमीन है और कृषकों को कृषि पट्टे के लिए आवंटित की गई थी। शिकायतकर्ता ने मांग की है कि इन परमिट को निरस्त करते हुए इन्हें जारी करने वाले विभाग के अधिकारियों के खिलाफ भी जांच कर कार्रवाई की जाए। उधर, मामले में एसडीएम दीप्ति देव यादव ने बताया कि ऐसी एक शिकायत मिली है उसकी जांच कराई जा रही है। यदि यमुना नदी राजस्व अभिलेखों में दर्ज है तो उसकी जांच रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को प्रेषित कर दी जाएगी। इस बारे में तहसीलदार ने भी राजस्व निरीक्षकों से रिपोर्ट मांगी है।