एएमयू में मारपीट, फायरिंग और पुतला दहन, उलमा की तस्वीर हटाने की सलाह
एएमयू में जिन्ना की तस्वीर पर सियासी घमासान मचा है। परिसर में मारपीट, फायरिग और पुतला दहन भी हुआ। ऐसे में देवबंद के उलमा ने फोटो हटाए जाने की सलाह दी है।
सहारनपुर (जेएनएन)। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के छात्रसंघ भवन में लगी जिन्ना की तस्वीर पर सियासी घमासान मचा है। ऐसे में देवबंद के उलमा ने फोटो पर एतराज जताया और जमीयत उलमा-ए-हिंद भी चिंतिंत है। उल्लेखनीय है कि भाजपा सांसद सतीश गौतम ने विश्वविद्यालय के कुलपति को पत्र लिखकर पूछा है कि छात्रसंघ भवन में जिन्ना की तस्वीर क्यों लगाई गई है। इस पर उलमा की राय में विवाद की स्थिति में तस्वीर हटाने में कोई हर्ज नहीं है। दरअसल तस्वीर प्रकरण आज भी तनातनी बनी रही। दोनों पक्ष आंदोलित बने रहे। एएमयू में फायरिंग की गई। हालांकि उस समय छात्र एक फोटो जर्नलिस्ट की पिटाई कर रहे थे। फायरिंग उसे बचाने के लिए हुई या दूसरों को डराने के लिए, पता नहीं चल पाया। एएमयू के मेन गेट (बॉबे-सैयद) पर छात्रों ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत और स्थानीय भाजपा सांसद सतीश गौतम का पुतला भी फूंका। धरनारत हजारों छात्रों ने गेट पर ही जुमे की नमाज अदा की।
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के वर्तमान हालात पर जमीयत उलमा ए हिंद महासचिव मौलाना महमूद मदनी ने चिंता जाहिर की और कहा कि जिन्ना की तस्वीर ऐसा मुद्दा नहीं है, जिसके लिए एएमयू छात्र अपने सम्मान का बलिदान दें। मदनी ने निहत्थे छात्रों पर प्रशासन द्वारा लाठियां बरसाने को लोकतंत्र के खिलाफ बताया। आज जारी बयान में मौलाना महमूद मदनी ने कहा कि जिन्ना को हमारे बुजुर्गों ने कभी अपना आदर्श नहीं माना और न उनके द्विराष्ट्र सिद्धांत का समर्थन किया। कहा कि जिन्ना की तस्वीर के बहाने एक बड़े विश्वविद्यालय को निशाना बनाया जाना निंदनीय है। सांप्रदायिक ताकतें मूल मुद्दों से ध्यान हटाने को षड्यंत्र रच रही हैं। मदनी ने अपील की कि एएमयू छात्रों को चाहिए कि धर्मनिरपेक्ष परंपराओं का दामन मजबूती से पकड़ते हुए इस मुद्दे पर अपनी जिद छोड़ें और जिन्ना की तस्वीर वहां से हटा लें।
सुर्खियां बटोरने को जिन्ना के नाम का सहारा
देवबंद के मदरसा मोहतमिम नूनाबड़ी मुफ्ती अथर कासमी ने कहा कि जिस समय जिन्ना ने बंटवारे की बात उठाई थी तो उलमा ने इसका विरोध किया था। उनका कहना है कि जब भारत के मुसलमान ही जिन्ना को पसंद नहीं करते तो उनकी तस्वीर को कैसे पसंद करेंगे। कहा कि यदि तस्वीर लगाने को लेकर विश्वविद्यालय में विवाद हो रहा है, तो इसे हटा देना चाहिए। विश्वविद्यालय में जिन्ना की तस्वीर को लेकर भाजपा सांसद सतीश गौतम द्वारा कुलपति प्रो. तारिक मंसूर को लिखे पत्र के बाद हंगामा हुआ है। एएमयू के पूर्व मीडिया सलाहकार डॉ. जसीम मोहम्मद ने सांसद गौतम को खुला पत्र लिखा है। कहा कि सांसद ने सुर्खियां बटोरने को जिन्ना के नाम का सहारा लिया। पत्र में सांसद की तीखी आलोचना भी की गई है।
सांसद को चाहिए सस्ती लोकप्रियता और अखबारबाजी
डॉ. जसीम ने कहा कि आपने कुलपति प्रो. तारिक मंसूर से छात्रसंघ भवन में मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर लगने के औचित्य पर सवाल किया है। आज से पहले भी ऐसे सवाल उठते रहे हैं। एएमयू ने हालांकि अभी पत्र न मिलने की बात कही है। डॉ. जसीम ने चुटकी लेते हुए कहा कि कोई बात नहीं है, आप सांसद हैं और आपने पहले ही ये बात मीडिया को बता दी होगी। एक सभ्य नेता को सुर्खियों की जरूरत भी होती है। आप एएमयू कोर्ट के सदस्य हैं। चार साल के दौरान आपको सभ्य तरीके से कोर्ट की बैठक में जिन्ना की तस्वीर या जो आपको लगता है प्रश्न रखने चाहिए थे, लेकिन आपने ऐसा नहीं किया। अब आप सस्ती लोकप्रियता और अखबारबाजी के लिए ये सब कर रहे हैं। पत्र में लिखा है कि आप ऐसा कोई काम न करें, जिससे सांप्रदायिक सद्भाव को ठेस पहुंचे। पाकिस्तान की स्थापना की मंत्रणा अलीगढ़ में हुई है, इसको आप मिटा नहीं सकते।