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सरकारी लापरवाही ने बुझा दिए दो घरों के तीन चिराग

बेहट (सहारनपुर) : पिछले तीन दिन से कस्बे में लगातार बारिश हो रही है। जिस कारण शाकंभरी माग

By JagranEdited By: Published: Sat, 28 Jul 2018 10:36 PM (IST)Updated: Sat, 28 Jul 2018 10:36 PM (IST)
सरकारी लापरवाही ने बुझा दिए दो घरों के तीन चिराग
सरकारी लापरवाही ने बुझा दिए दो घरों के तीन चिराग

बेहट (सहारनपुर) : पिछले तीन दिन से कस्बे में लगातार बारिश हो रही है। जिस कारण शाकंभरी मार्ग के बीचो-बीच पांच दिन पूर्व तेज हवा से गिरे पड़े जिला पंचायत के विशालकाय पेड़ ने अलीपुरा नौगांवा व चौहड़पुर के दो घरों के तीन चिराग बुझा दिए। दोनों सगे भाइयों के शव जब घर पहुंचे तो वहां कोहराम मच गया। पांच दिन पहले भरी गई साधना की मांग भी उजड़ गई। दोनों सगे भाइयों के शवों का सुबह अंतिम संस्कार कर दिया गया, जबकि चौहड़पुर निवासी विनय का शव पोस्टमार्टम के बाद शाम को घर लाया गया।

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बुधवार की रात हुई तेज वर्षा में बेहट-शाकंभरी मार्ग पर बेलका गांव से पहले जिला पंचायत का शीशम का पुराना पेड़ सड़क किनारे खड़ा था। जो गिर गया था। लोगों ने पेड़ा का कुछ हिस्सा काट दिया था। बावजूद इसके अभी भी पेड़ लगभग 60 प्रतिशत सड़क को घेरे हुए था। बेहट में शाकंभरी मार्ग रेडीमेड-गारमेंट की दुकान करने वाले अलीपुर नौगांवा निवासी दो सगे भाई वतन चौहान (25) व अश्वनी चौहान उर्फ कुणाल (22) पुत्र जगदेव ¨सह व गांधी चौक में ऐसी ही दुकान करने वाले चौहड़पुर निवासी विनय (23) पुत्र नरेश शुक्रवार की देर रात बेहट से बाइक पर लौटते हुये इस पेड़ में टकरा गये। जिससे तीनों ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। पुलिस शवों को सीएचसी ले गयी। जहां पहुंचे परिजनों ने इस सरकारी लापरवाही के कारण हुये दर्दनाक हादसे को लेकर रोष जताया। जगदेव का परिवार तो दोनों सगे भाइयों के शवों को बिना पोस्टमार्टम के रात में ही घर ले गया था। जबकि विनय के शव को पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिये भेज दिया था। दुर्घटना का पता चलते ही दोनों गांव में शोक छा गया। सगे भाईयों के शव जैसे ही घर पहुंचे तो कोहराम मच गया। शनिवार सुबह शवों का अंतिम संस्कार कर दिया गया। जबकि विनय का शव पोस्टमार्टम के बाद ही घर पहुंचा।

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अभी तो साधना की मेहंदी का रंग भी नहीं पड़ा था फीका

बेहट : दुर्घटना में काल के गाल में समाए वतन चौहान की नवविवाहिता साधना की तो अभी शादी में लगी हाथों की मेहंदी का रंग भी फीका नहीं पड़ा था। पांच दिन पहले ही उसने अपने घर जसमोर में 22 जुलाई को वतन चौहान के साथ सात फेरे लिए थे। वह तो अपनी मांग उजड़ने की खबर सुनने के साथ ही बेहोश हो गई थी।


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