शौहर के पास लौटूं या दूसरा निकाह, यह फैसला अम्मी-अब्बू पर
सहारनपुर : सुप्रीम कोर्ट मे तीन तलाक की लड़ाई जीतने के बाद अपने घर पहुंची अतिया साबरी
सहारनपुर : सुप्रीम कोर्ट मे तीन तलाक की लड़ाई जीतने के बाद अपने घर पहुंची अतिया साबरी ने कहा कि अब वह अपने शौहर वाजिद के पास लौटे या दूसरा निकाह करें, यह फैसला अम्मी अब्बू पर छोड़ दिया है। आतिया कहती हैं कि यह लड़ाई अम्मी-अब्बू व भाइयों के साथ के बगैर मुमकिन नहीं थी। भाई रिजवान ने उसका कदम-कदम पर साथ दिया। आतिया ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला उन लाखों मुस्लिम महिलाओं की जीत है जो तीन तलाक का दंश झेल रही हैं। आली की चुंगी निवासी मजहर हसन के बच्चों में सबसे छोटी अतिया साबरी तीन बड़े भाइयों की अकेली और लाडली बहन हैं। अतिया दो बेटियों के साथ मां-बाप के साथ ही रह रही है। बुधवार को अपने घर पर जागरण से बातचीत में अतिया ने कहा कि पति से तलाक होने के बाद इस लड़ाई को लड़ने का उसका सिर्फ इतना मकसद था कि जो कुछ उसके साथ हुआ है वह दूसरी औरतों के साथ न हो। सायरा की तरह अब आगे हलाला की लड़ाई लड़ने के सवाल पर अतिया ने कहा कि जब तीन तलाक पर कानून बन जाएगा तो किसी भी महिला को हलाला की नौबत ही नहीं आएगी। बहुविवाह प्रथा के बारे में पूछे जाने पर अतिया ने कहा कि इसे उसने अपनी याचिका में शामिल किया हुआ है, इस पर आगे की लड़ाई अभी जारी रहेगी। उसका मकसद है कि महिलाओं को सभी जगह बराबरी का हक मिले। सुप्रीम कोर्ट में लड़ते समय क्या उन्हें किसी तरह का डर भी था? इस पर अतिया का कहना था कि डर तो लगा मगर जब उन्होंने इस लड़ाई को शुरू किया तो सरकार ने भी उनके बारे में सोचा। कल जब यह फैसला आया तो उसके घर पहुंचने से पहले ही यहां पुलिस तैनात कर दी गई।
वाजिद का दूसरा निकाह भी ज्यादा दिन नहीं चला
अतिया को तलाक देने के बाद उसके शौहर वाजिद अली ने तलाक के पांच माह बाद ही दूसरा निकाह कर लिया था। परंतु अपनी दूसरी बीवी से भी उसकी ज्यादा दिन तक नहीं बन पाई और उस पर भी तरह-तरह के आरोप लगा निकाह के दो माह बाद ही उसे बिना तलाक दिए छोड़ दिया था।