अस्सी की उम्र में जला रहे ज्ञान का चिराग
कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो उम्र की कोई बाधा नहीं होती। ऐसे ही वयोवृद्ध शिक्षक हैं श्याम लाल। उम्र 80 साल है लेकिन कोरोना काल में भी वह बच्चों को निशुल्क ज्ञान दे रहे हैं। उनका सपना है कि कोई भी शिक्षा से वंचित न रहे।
नौशाद चौधरी, सहारनपुर। कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो उम्र की कोई बाधा नहीं होती। ऐसे ही वयोवृद्ध शिक्षक हैं श्याम लाल। उम्र 80 साल है लेकिन कोरोना काल में भी वह बच्चों को नि:शुल्क ज्ञान दे रहे हैं। उनका सपना है कि कोई भी शिक्षा से वंचित न रहे।
गांव खालिदपुर निवासी श्याम लाल गांव दूधला स्थित राजकीय जूनियर हाई स्कूल में प्रधानाध्यापक रहे थे। 2002 में सेवानिवृत्ति के बाद भी उन्होंने शिक्षण कार्य जारी रखा और अपने घर पर ही बच्चों को नि:शुल्क पढ़ाने लगे। इसके अलावा अनेक विद्यालयों में नि:शुल्क सेवा देते हुए बच्चों को शिक्षित किया। तीन वर्ष पूर्व उन्होंने जिला विद्यालय निरीक्षक से अवैतनिक रूप से किसी परिषदीय विद्यालय में शिक्षण करने की अनुमति मांगी थी। शिक्षा एवं राष्ट्र सेवा की भावना को देखते हुए 2017 में शिक्षक दिवस पर तत्कालीन जिला विद्यालय निरीक्षक आरके तिवारी ने खादर क्षेत्र के राजकीय हाई स्कूल, लखनौती में नि:शुल्क शिक्षण की अनुमति दी थी। तब से वह उक्त विद्यालय में सेवा दे रहे हैं।
कोरोना के चलते शिक्षण संस्थान बंद हैं। ऐसे में वह घर पर ही शारीरिक दूरी के नियमों का पालन करते हुए बच्चों को पढ़ा रहे हैं। श्याम लाल कहते हैं, वह आजीवन नि:शुल्क शिक्षण करने का संकल्प ले चुके हैं और देश के किसी भी कोने में सेवा देने को सहर्ष तैयार हैं। उनके इस संकल्प से स्वजन भी बेहद खुश हैं। उनकी मेहनत और लगन के चलते कई संस्थाओं ने उन्हें सम्मानित भी किया है।