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प्रशासन ने स्थानीय कालेज भवनों में 360 प्रवासी कामगारों को ठहराया

बेहट में प्रवासी कामगारों की क्षेत्र में संख्या बढ़ती ही जा रही है। साढ़ौली कदीम इंटर कालेज में रोके गए 85 कामगारों की रविवार को प्रशासन ने सुध ली। उन्हें एक ट्रक द्वारा जनता इंटर कालेज बेहट लाया गया जहां प्रशासन उनके खाने की व्यवस्था की जाएगी।

By JagranEdited By: Published: Sun, 17 May 2020 10:36 PM (IST)Updated: Sun, 17 May 2020 10:36 PM (IST)
प्रशासन ने स्थानीय कालेज भवनों में 360 प्रवासी कामगारों को ठहराया
प्रशासन ने स्थानीय कालेज भवनों में 360 प्रवासी कामगारों को ठहराया

सहारनपुर, जेएनएन। बेहट में प्रवासी कामगारों की क्षेत्र में संख्या बढ़ती ही जा रही है। साढ़ौली कदीम इंटर कालेज में रोके गए 85 कामगारों की रविवार को प्रशासन ने सुध ली। उन्हें एक ट्रक द्वारा जनता इंटर कालेज बेहट लाया गया, जहां प्रशासन उनके खाने की व्यवस्था की जाएगी। अब तक यह लोग ग्रामीणों के भरोसे ही थे। इनमें सात लोग वह भी हैं, जो नासिक से दो दिन पहले आये थे, लेकिन उनका अभी तक सैंपल जांच के लिये नहीं भेजा गया है।

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गौरतलब है कि यह क्षेत्र उत्तराखंड, हिमाचल व हरियाणा का सीमावर्ती क्षेत्र है। हरियाणा, पंजाब व हिमाचल से पूर्वांचल व बिहार के प्रवासी कामगारों का यूपी में यमुना नदी के रास्ते आने का सिलसिला यहां तीन मई के बाद शुरू हो गया था। बहुत से कामगारों को यहां से पिलखनी मुख्य आश्रय स्थल पर भेजा गया, जबकि बहुत से लोग पैदल ही अपने गंतव्य को निकल गए। यहां साढ़ौली कदीम पब्लिक इंटर कालेज में क्वारंटाइन केन्द्र बनाया गया था। वहां पुलिस रास्ते में मिले कामगारों को लगातार छोड़कर आती रही, लेकिन उनके खाने आदि की व्यवस्था राम भरोसे रही, जिसके चलते इन कामगारों में शामिल महिलाएं व बच्चे भी भूख से बिलखते रहे। ग्रामीण ही इनके भोजन की व्यवस्था करते थे। दैनिक जागरण ने मामले को प्रमुखता से उठाया तो रविवार को प्रशासन ने इनकी सुध ली और इन्हें एक ट्रक से जनता इंटर कालेज बेहट में छोड़ा गया। उधर फतेहपुर इंटर कालेज में भी जरूरत पड़ने पर प्रवासी कामगारों को रोकने की व्यवस्था की जा रही है।

मुजफ्फराबाद प्रतिनिधि के अनुसार वैदिक इंटर कालेज में भी राजस्थान और महाराष्ट्र से आये 115 प्रवासी कामगारों को रोका गया है, जबकि जीवाला में 160 कामगार ठहरे हुए हैं। बीडीओ रवि प्रकाश ने बताया कि यह संख्या 275 है। इनका मेडिकल कराने के बाद ही इन्हें यहां से भेजने की व्यवस्था की जाएगी।


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