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राष्ट्रीय लोक अदालत में हुआ 2401 वादो का निस्तारण

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत में 2401 वादों का निस्तारण किया गया। सिविल कोर्ट के सभा कक्ष में आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत आयोजन की अध्यक्षता जिला जज सर्वेश कुमार की अध्यक्षता में संपन्न हुई।

By JagranEdited By: Published: Sat, 08 Feb 2020 11:24 PM (IST)Updated: Sun, 09 Feb 2020 06:10 AM (IST)
राष्ट्रीय लोक अदालत में हुआ 2401 वादो का निस्तारण
राष्ट्रीय लोक अदालत में हुआ 2401 वादो का निस्तारण

सहारनपुर, जेएनएन। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत में 2401 वादों का निस्तारण किया गया। सिविल कोर्ट के सभा कक्ष में आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत आयोजन की अध्यक्षता जिला जज सर्वेश कुमार की अध्यक्षता में संपन्न हुई। लोक अदालत में नोडल अधिकारी के रूप में अपर जिला जज राजेश कुमार तृतीय व सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सुनील कुमार सिंह रहे।

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राष्ट्रीय लोक अदालत का उदघाटन जिला जज सर्वेश कुमार, बार एसोसियेशन के अध्यक्ष राजेन्द्र सिंह चैहान व महासचिव राजीव गुप्ता ने सयुक्त रूप सें दीप प्रज्वलित कर की। इसके बाद जिला जज ने कहा कि सुलह समझौते के आधार पर ज्यादा ज्यादा वादकारियों को अपने वादों को निस्तारित कर लेना चाहिए। इससे वाद के निस्तारण होने पर मुकदमें में अदा की गई कोर्ट फीस भी वापिस हो जाती है तथा मुकदमें की कोई अपील भी नहीं होती। दोनों पक्षकार खुशी-खुशी अपने घर जाते है। इस मौके पर बार के अध्यक्ष राजेन्द्र सिंह चैहान ने भी आपसी सुलह समझौते के आधार पर वादों के निस्तारण कराने पर बल दिया। महासचिव बार एसोसियेशन राजीव गुप्ता ने कहा कि काफी पुराने मुकदमें जो न्यायालयो में विचाराधीन है अगर उनमें दोनो पक्ष सुलह का प्रयास करे तो मुकदमों का निस्तारण हो सकता है। नवनियुक्त न्यायिक अधिकारी कुमार आशीष, कुमारी हुमा व कुमारी शिल्पा ने भी लोक अदालतों की महत्ता पर प्रकाश डाला। राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल 2401 वादों का निस्तारण किया गया। निस्तारित किए गए वादों में 16 मोटर दुर्घटना प्रतिकर के वाद निस्तारित हुए। इसमें पीडित लोगों को 42 लाख 50 हजार रुपये की धनराशि दिलाई गई। बैकों के लोन संबधी 358 वाद निस्तारित हुए तथा लोन की राशि तीन करोड़ 53 लाख 41 हजार 629 रुपये वसूली गई। प्रशासन के 905 राजस्व वाद भी राष्ट्रीय लोक अदालत में निस्तारित हुए। इस मौके पर परिवार न्यायाधीश मनोरमा, एडीजे सुरेश चंद भारती, वीर कनेडी लाल, सुभाष चन्द्रा, कृष्ण चन्द पांडे, विजय कुमार डुगंराकोटी, तैययब अहमद, ललिता गुप्ता, राजेश कुमार तृतीय, विकास गोयल, अनामिका चौहान, दीनानाथ, बॉकर शमीम रिजवी, सुरेन्द्र प्रसाद तथा अनिल कुमार तृतीय मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट आदि उपस्थित रहे।


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