विश्वविद्यालय में 20 फीसदी कर्मचारी कालेजों से आएंगे
मां शाकंभरी विश्वविद्यालय के अस्थाई कार्यालय भवन के लिए कामकाज तेज हो गया है। विश्वविद्यालय में स्वीकृत पदों के 20 प्रतिशत कर्मचारी मंडल के राजकीय व अशासकीय सहायता प्राप्त कालेजों से आ सकेंगे। इसके साथ ही विश्वविद्यालय की विभिन्न समितियों के गठन के लिए भी आवश्यक कार्रवाई शुरू कर दी गई है। विवि की वेबसाइट भी जल्द ही तैयार हो जायेगी।
सहारनपुर, जागरण संवाददाता। मां शाकंभरी विश्वविद्यालय के अस्थाई कार्यालय भवन के लिए कामकाज तेज हो गया है। विश्वविद्यालय में स्वीकृत पदों के 20 प्रतिशत कर्मचारी मंडल के राजकीय व अशासकीय सहायता प्राप्त कालेजों से आ सकेंगे। इसके साथ ही विश्वविद्यालय की विभिन्न समितियों के
गठन के लिए भी आवश्यक कार्रवाई शुरू कर दी गई है। विवि की वेबसाइट भी जल्द ही तैयार हो जायेगी।
शनिवार को विवि पहुंचे कुलपति प्रोफेसर एचएच सिंह ने विश्वविद्यालय निर्माण स्थल का दौरा कर कार्य की प्रगति का जायजा लिया। बाद में उन्होंने राजकीय महाविद्यालय पुवांरका में नोडल अधिकारी और शिक्षकों के साथ बातचीत की। निर्माण एजेंसी के अधिकारियों से कार्यों की प्रगति की जानकारी ली। कुलपति ने बताया कि राजकीय महाविद्यालय पुवांरका के भवन के एक हिस्से में अस्थाई रूप से विश्वविद्यालय कार्यालय के संचालन की कार्यवाही जल्द ही शुरू की जा रही है। कुलपति और रजिस्ट्रार के कार्यालय को तैयार कराया जा रहा है। गणतंत्र दिवस के बाद वह यहां पर बैठना शुरु कर देंगे। उन्होंने बताया विश्वविद्यालय की विभिन्न समितियों के गठन के लिए कार्यवाही शुरू कर दी गई है, इसके लिए शासन से अनुमति लेने की प्रक्रिया चल रही है। गणतंत्र दिवस पर विश्वविद्यालय पर समारोहपूर्वक ध्वजारोहण किया जाएगा। कुलपति ने बताया विश्वविद्यालय का कार्य शुरू होने के साथ ही मंडल के राजकीय व अशासकीय सहायता प्राप्त कालेजों के कर्मचारी विश्वविद्यालय में काम करने के लिए आवेदन कर सकते हैं, इनकी संख्या विश्वविद्यालय के लिए स्वीकृत होने वाले कर्मचारियों की संख्या के 20 प्रतिशत तक सीमित होगी। नए वित्त वर्ष से ही विश्वविद्यालय को बजट आदि मिलने की संभावना है। उन्होंने बताया कि द्वितीय और चतुर्थ सेमेस्टर की परीक्षाएं विश्वविद्यालय द्वारा ही कराई जायेंगी। इसके साथ ही विश्वविद्यालय की वेबसाइट भी जल्द ही शुरू हो जाएगी, इससे कोई भी आवश्यक जानकारी वेबसाइट से मिल सकेगी।