मंत्रोचारण के साथ सामूहिक विवाह में दांमपत्य सूत्र में बंधे 12 जोड़े
तृतीय अष्टोत्तर शत नवकुंडीय होमात्मक लक्ष्मी महायज्ञ में 12 कन्याओं का सामूहिक विवाह मंत्रोचारण के बीच संपन्न हुआ। साधु-संतों ने वर-वधू के सुखी दांपत्य जीवन की कामना करते हुए उन्हें आशीर्वाद दिया।
सहारनपुर, जेएनएन। तृतीय अष्टोत्तर शत नवकुंडीय होमात्मक लक्ष्मी महायज्ञ में 12 कन्याओं का सामूहिक विवाह मंत्रोचारण के बीच संपन्न हुआ। साधु-संतों ने वर-वधू के सुखी दांपत्य जीवन की कामना करते हुए उन्हें आशीर्वाद दिया। प्रभु जी का परिवार द्वारा विवाहित जोड़ों को घरेलू जरूरत का सामान उपहार स्वरूप भेंट किया गया। विवाह के साक्षी बने हजारों श्रद्धालु दूर-दूर से आयोजन स्थल पर पहुंचे थे। देर शाम श्रीमद् भागवत कथा को विश्राम दिया गया।
शनिवार को दिल्ली रोड स्थित साउथ सिटी के मैदान में प्रभु जी का परिवार के तत्वावधान में चल रहे अष्टोत्तर शत श्रीमद् भागवत मूल पाठ कथा स्थल पर सातवें दिन यहां 12 कन्याओं का सामूहिक विवाह मंत्रोच्चार के साथ संपन्न हुआ। पंडाल में एक और भक्ति रस धारा बह रही थी, वहीं दूसरी ओर विवाह संस्कार चल रहे थे। एक और पुराण का पाठ किया जा रहा था। चहुंओर ऐसा लग रहा था मानो भक्ति रस धारा धरा पर उतर आई हो। तहसील शिव मंदिर के अधिष्ठाता पं. अभिषेक कृष्णात्रेय, आचार्य संजीव शास्त्री, पं. कमल नयन वेदपाठी व आचार्य अमित भारद्वाज समेत समस्त ब्राह्मणों ने नवदम्पति को आशीर्वाद दिया। -इनका हुआ सामूहिक विवाह।
-जॉनी शर्मा संग कशिश, अमित संग मोनिका, मनोज संग सरिता, अर्जुन संग डिपल, कपिल कुमार संग रवीना,अंकित संग सोनी, सूर्य कुमार संग सोनिया, अनुज कुमार संग निशा, मुकेश संग राखी, पोपिन संग शिवानी, पंकज संग नेहा, शुभम संग शिवानी
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भक्तों को पुण्य देते हैं भगवान: स्वामी राघवाचार्य
सहारनपुर: जगतगुरु स्वामी राघवाचार्य महाराज ने कहा कि भगवान अपने भक्तों के पुण्य को वितरित कर देते हैं और पाप को नष्ट कर देते हैं। इसका कारण यह है कि पुण्य सभी लेना चाहते हैं लेकिन पाप कोई नहीं लेना चाहता। दिल्ली रोड स्थित साउथ सिटी में प्रभु जी का परिवार के तत्वावधान में चल रही श्रीमद् भागवत कथा में प्रवचनों की अमृत वर्षा करते हुए स्वामी राघवाचार्य ने कहा कि अगर आप पाप कर रहे हैं तो समझ लीजिए कि वह आपको ही भुगतना पड़ेगा। अगर आप पुण्य करते हैं तो उसका लाभ दूसरे लोगों को भी मिल सकता है लेकिन पाप आपको ही भोगना पड़ेगा। स्वामी राघवाचार्य ने यज्ञचार्य आचार्य संजीव शास्त्री, पं.कमलनयन वेदपाठी, आचार्य पं.अमित भारद्वाज को पगड़ी पहनाकर सम्मानित किया। शाम को जूनापीठाधीशवर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज ने कथा को विश्राम दिया।
इससे पूर्व कथा का प्रारंभ वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, दिनेश कुमार पी, नगर आयुक्त ज्ञानेंद्र सिंह ने संयुक्त रूप से किया। मुख्य रूप से जिला जज सर्वेश कुमार, कोतवाली सदर प्रभारी पंकज पंत, आचार्य स्वामी सतप्रीत हरि, अनिल सैनी, सरदार जसवीर सिंह बग्गा, सरदार गुरप्रीत सिंह बग्गा, संजीव मनचंदा, मनमोहन शर्मा, सुधीर चौधरी, प्रवीण कुमार शर्मा, रमन मक्कड़, राजीव वर्मा, अशोक शर्मा मौजूद रहे। संचालन डा. गोपाल शर्मा ने किया।