समय से गन्ना पर्ची नहीं मिलने से 30 प्रतिशत किसान गेहूं की बुवाई से वंचित
जड़ौदापांडा में चीनी मिलों से किसानों को समय से गन्ना पर्ची नहीं मिलने से क्षेत्र के करीब 30 प्रतिशत किसानों के खेत खाली नहीं हो पा रहे हैं। इसके चलते ये किसान गेहूं की बुवाई से वंचित रह गए हैं।
सहारनपुर, जेएनएन। जड़ौदापांडा में चीनी मिलों से किसानों को समय से गन्ना पर्ची नहीं मिलने से क्षेत्र के करीब 30 प्रतिशत किसानों के खेत खाली नहीं हो पा रहे हैं। इसके चलते ये किसान गेहूं की बुवाई से वंचित रह गए हैं।
नवंबर-दिसंबर और आधी जनवरी तक किसान खेतों में गेहू की फसल की बुवाई कर सकता है। चीनी मिलों का पेराई सत्र शुरू हुए लगभग दो माह बीत चुके हैं। क्षेत्र के किसान सतीस भगत, नवीन त्यागी, पवन त्यागी, शालू, राजेंन्द्र फौजी, महेश, मांगेराम, पूर्वप्रधान जगदींप, महेश मास्टर, संदीप किशनपुरा, संजू, जीवन, सुशील आदि किसानों का कहना है कि नवंबर दिसंबर माह ही गेहूं की बुवाई के लिए अच्छा समय होता है, लेकिन कुछ किसान खेत न खाली होने पर 15 जनवरी तक गेहूं की बुवाई करते है। सीएम से डिग्री कालेज बनवाने की मांग
संवाद सूत्र जड़ौदापांडा: क्षेत्र के ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर किसान इंटर कालेज की मोरा तिलफरा की खाली पड़ी भूमि पर राजकीय डिग्री कालेज बनवाने की मांग की है।
थाना क्षेत्र के गांव मोरा निवासी ओमप्रकाश ग्रामप्रधान पति विनोद ,पूर्व प्रधान यशवीर ,चेयरमैन कर्मवीर सिह राणा ,धीर सिह सहित क्षेत्र के अन्य ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र भेजते हुए बताया कि क्षेत्र में दूर दूर तक राजकीय डिग्री कालेज नहीं है। डिग्री कालेज बनवाने के लिए भूमि भी उपलब्ध है। उच्च शिक्षा के लिए पर्याप्त कालेज व सीट नही होने के कारण प्रत्येक वर्ष क्षेत्र के हजारों युवा व युवती स्नातक में प्रवेश से वंचित रह जाते है। ऐसे में हजारों छात्र छात्राओं को मजबूरन उच्च शिक्षा ग्रहण करने के लिए गांव से यमुनानगर, मेरठ, देहरादून, दिल्ली, रुड़की आदि शहरों में जाना पड़ता है। आस पास राजकीय डिग्री कालेज न होने के कारण कुछ छात्राएं उच्च शिक्षा ग्रहण करने से वंचित रह जाती है। क्षेत्र के ग्रामीणों ने सीएम से किसान इंटर कालेज मोरा तिलफरा की खाली पड़ी जमीन पर राजकीय डिग्री कालेज बनवाने की मांग की है।