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रामगंगा में भी उफान, बाढ़ का खतरा मंडराया

रामपुर चार दिन से लगातार बारिश होने और उत्तराखंड के रामनगर बैराज से कोसी नदी में पानी छोड़े जाने बाढ़ का खतरा बढ़ गया है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 21 Jul 2021 11:08 PM (IST)Updated: Wed, 21 Jul 2021 11:08 PM (IST)
रामगंगा में भी उफान, बाढ़ का खतरा मंडराया
रामगंगा में भी उफान, बाढ़ का खतरा मंडराया

रामपुर: चार दिन से लगातार बारिश होने और उत्तराखंड के रामनगर बैराज से कोसी नदी में पानी छोड़े जाने से अब रामगंगा नदी में भी उफान आ गया है। शाहबाद में कोसी नदी रामगंगा में मिल जाती है। इस कारण शाहबाद क्षेत्र के कई गांव में खेतों में पानी घुस गया है, जिससे फसलों को नुकसान पहुंच रहा है। ग्रामीणों को बाढ़ का खतरा का सता रहा है।

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जिले में पिछले चार दिन से बारिश हो रही है। दो दिन तो मूसलाधार बारिश हुई। इस दौरान कोसी नदी में रामनगर बैराज से रुक रुककर हजारों क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जिससे कोसी नदी में उफान आ गया। नदी किनारे के कई गांवों में खेतों में पानी घुस गया, जिससे फसल को नुकसान हुआ। कोसी नदी से होता हुआ यह पानी अब शाहबाद और सैफनी क्षेत्र में रामगंगा नदी में पहुंच गया है। दरअसल शाहबाद क्षेत्र में आकर कोसी नदी, रामगंगा में मिल जाती है। इस कारण अब क्षेत्र के कई गांवों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। खेतों में पानी घुसने से फसलों को नुकसान हो रहा है, क्योंकि पहले से ही इन खेतों में बारिश का पानी भरा हुआ है। कई दिन से पानी जमा होने के कारण फसलें खराब होने लगी हैं। क्षेत्र के जटपुरा, बेरुआ, मझरा घाट, पुराना ललवारा, चकफेरी, चंद्रपुर खुर्द, मझरा छिददन खां आदि गांवों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। लोगों का कहना है कि नदी का जलस्तर वृद्धि यदि इसी तरह बरकरार रही तो बड़े पैमाने पर फसलें जलमग्न होकर काश्तकारों को भारी आर्थिक क्षति हो जाएगी। नदी का जलस्तर बढ़ने से क्षेत्र के बाढ़ प्रभावित गांवों के ग्रामीणों की चिता बढ़ गई है। रामनगर बैराज से एक साथ ज्यादा पानी नहीं छोड़ा जाना चाहिए, क्योंकि ज्यादा पानी छोड़े जाने से नदी में बाढ़ आ जाती है और किसानों को भारी नुकसान होता है।

अंसार अहमद प्रधान जटपुरा। प्रशासन को बाढ़ से निपटने के लिए अभी से इंतजाम करने चाहिए। बाढ़ आने पर तो लोगों को भारी नुकसान हो जाता है। इसलिए प्रशासन को इस ओर ध्यान देने की जरूरत है।

जमीर अहमद, पूर्व प्रधान बैरुआ। अधिकारियों को समय रहते बाढ़ से बचाव के लिए उचित प्रबंध करने चाहिए। हर साल बाढ़ से क्षेत्र के लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।

डॉ. राजेश, प्रधानपति चंद्रपुर कला। बाढ़ से बचाव के लिए नदी किनारे बांध बनाने की आवश्यकता है, जिन गावों में बाढ़ आती है, उन गांवों को बाढ़ से बचाने के लिए शीघ्र बांध बनवाया जाए।

उबैद


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