कार में हीटर का प्रयोग करते हैं तो रहें सावधान
रामपुर : ठंड का मौसम आ चुका है। इस मौसम में कार में हीटर का इस्तेमाल करना एक आम बात
रामपुर : ठंड का मौसम आ चुका है। इस मौसम में कार में हीटर का इस्तेमाल करना एक आम बात है, लेकिन इसे इस्तेमाल करते समय कई बार हम कुछ ऐसी गलतियां कर जाते हैं, जिनके कारण हादसे हो जाते हैं। हीटर का प्रयोग करते समय यदि सावधानी न बरती जाए तो परिणाम बड़े हादसे के रूप में सामने आ सकता है।
अक्सर देखा जाता है कि कार में हीटर का प्रयोग करते समय लोग पूरी तरह से खिड़की, दरवाजे बंद कर लेते हैं। कई बार कार में एसी या हीटर खुला रख बच्चों को अकेला कार में छोड़ कर चले जाते हैं। गैरेज में कार स्टार्ट रख कर उसमें बैठने की आदत भी कई लोगों में देखी जाती है। याद रखिए, ये सारी आदतें जानलेवा हो सकती हैं। हीटर से निकलती है जानलेवा गैस हम सब जानते हैं कि हीटर से कार्बन मोनोआक्साइड गैस निकलती है। यह गैस आपको बीमारियों की चपेट में ले सकती है। इतना ही नहीं, कई बार यह मौत का कारण भी बन जाती है। इस गैस के विषय में बहुत कम लोग ही जानते है। यह गैस दरअसल ही¨टग सिस्टम के ठीक से न संचालित हो पाने के कारण उत्पन्न होती है।
जानिये कितनी नुकसानदेह है यह गैस पीएचसी रजपुरा के प्रभारी डॉ. मोहित रस्तोगी बताते हैं कि यह एक रंगहीन व गंधहीन गैस होती है, जो कार्बन डाईऑक्साइड से भी खतरनाक है। हवा के साथ शरीर के अंदर पहुंचने पर यह गैस जहरीली हो जाती है। बंद कार में हीटर का प्रयोग आपको गंभीर रूप से बीमार कर सकता है। देर तक इसके संपर्क में रहने से दम घुट सकता है और मौत भी हो सकती है। दरअसल, कार्बन मोनो-ऑक्साइड शरीर को ऑक्सीजन पहुंचाने वाले रेड ब्लड सेल्स को प्रभावित करती है। इससे शरीर का पूरा ऑक्सीजन ट्रांसपोर्ट सिस्टम प्रभावित हो जाता है। ऑक्सिजन की कमी से शरीर के सेल्स मरने लगते हैं।
खतरे को कैसे भांपें
प्रश्न उठता है कि आपको कैसे पता चलेगा कि आप इस गैस के शिकार बन रहे हैं। इसके लक्षण आपके शरीर में साफ दिखने लगते हैं। इसका प्रभाव शुरू होते ही सिर में दर्द होने के साथ ही सांस लेने में परेशानी होने लगती है। घबराहट होती है, साथ ही हाथों और आंखों का कोऑर्डिनेशन खराब होने लगता है। पेट में तकलीफ और उलटी होने के साथ ही हार्ट बीट बढ़ जाती है। शरीर का तापमान गिरने लगता है रक्तचाप भी गिरना शुरू हो जाता है।
इससे बचने के लिए सबसे आवश्यक है कि हीटर का कम से कम ही प्रयोग करें। आवश्यकता पड़ने पर थोड़ी देर के लिए ही इसे चलाएं। घुटन सी महसूस होने पर तत्काल खिड़कियों को थोड़ा खोल कर कुछ ऑक्सीजन को अंदर आने दें। कार के अंदर हीटर या एसी चला कर बच्चों को उसमें छोड़ कर न जाएं। कब अधिक बढ़ जाता है खतरा
कार के केबिन में एसी या किसी अन्य जगह से कोई जहरीली गैस घुस आई हो तो कार में सवार लोगों का दम घुट सकता है। ऐसे हादसे अक्सर खड़ी कार में अधिक होते हैं। यदि कार का एसी चल रहा है और कार सर्कुलेशन मोड पर हो तो जहरीली गैस बढ़ती रहती है। एक बात और, गैस का प्रभाव लोगों पर तत्काल नहीं होता। यदि कार में सवार लोग सो रहे हों तो धीरे-धीरे वे गैस की चपेट में आकर बेहोश हो सकते हैं, यहां तक कि उनकी मौत भी हो सकती है। ये बरतें सावधानियां
ध्यान रखिए, बच्चों को कार के अंदर कभी भी अकेला छोड़कर न जाएं। यदि ऐसा करना आवश्यक हो तो कार के शीशे खुले छोड़ कर जाएं। एसी को फ्रेश एयर मोड पर रखें, इसके अलावा कार को खुली जगह पर खड़ा करें। एक बात और, अक्सर कुछ लोग कार के एसी को ऑन करके सो जाते है, ऐसा बिल्कुल भी न करें, यह घातक हो सकता है। इसके साथ ही कार की सर्वि¨सग कराते रहें। विशेषकर एसी का पूरा सिस्टम अवश्य चेक करवाएं।
कार के शीशे बंद कर हीटर या एसी चला कर सो जाने से कई बार समस्या होने लगती है। ऐसे में शीशे खोलो, तब जा कर राहत मिलती है। इसलिए हीटर का प्रयोग करते समय बहुत सावधानी की आवश्यकता होती है। -रवेन्द्र गंगवार कार में हीटर या एसी खुला होने की स्थिति में कभी बच्चों को उसमें छोड़ कर न जाएं। यह बच्चों की जान के लिए बहुत खतरनाक है। सावधानी बरतेंगे तभी सुरक्षा संभव है।
-ऋतिक चौधरी हीटर हों या एसी, कार्बन मोनो ऑक्साइड गैस बाहर छोड़ते हैं। जहां तक संभव हो इसे अवॉयड ही करना चाहिए। यदि चलाना भी पड़े तो कुछ देर के लिए चला कर बन्द कर दें। कोई समस्या महसूस होने पर तत्काल चिकित्सक से संपर्क करें।
-डॉ. मोहित रस्तोगी