पुलिस से बचने को नहीं, जान बचाने को पहनें हेलमेट
रामपुर : यदि आप गाड़ी चलाते समय सीट बेल्ट नहीं लगाते हैं और अगर आपके बच्चे या परिवार क
रामपुर : यदि आप गाड़ी चलाते समय सीट बेल्ट नहीं लगाते हैं और अगर आपके बच्चे या परिवार का कोई अन्य सदस्य गाड़ी की बैक सीट पर बैठने के कारण सीट बेल्ट लगाना उचित नहीं समझता तो आप सब के लिए यह बहुत खतरनाक हो सकता है। ठीक ऐसे ही बाइक चलाते समय आप और आपके साथी के लिए हेलमेट न पहनना भी किसी बड़ी अनहोनी का कारण बन सकता है। इसलिए, हम आपसे अपील करेंगे कि अपने जीवन के मूल्य को समझें और कार चलाते समय सीट बेल्ट तथा बाइक चलाते समय हेलमेट का प्रयोग अवश्य करें। आप जीवित और सुरक्षित रहेंगे तब ही अपने और देश के लिए कुछ कर पाएंगे। आपको याद रखना होगा कि आपकी जान बचाने का दायित्व सरकार का नहीं आपका स्वयं का है। आइये आज हेलमेट की उपयोगिता और कैसा हेलमेट हमें पहनना चाहिए तथा सीटबेल्ट किस प्रकार हमारी जान बचा सकती है, इन ¨बदुओं पर चर्चा करते हैं।
देश में भी कई लोग ऐसे हैं, जो सीट बेल्ट या हेलमेट न पहन कर, गर्व महसूस करते हैं। वे समझते हैं कि कोई उनका कुछ नहीं बिगाड़ सकता। ऐसे लोगों को यह जान लेना चाहिए कि यदि आपने वाहन चलाते समय सीटबेल्ट नहीं पहनी है तो सड़क दुर्घटना के वक्त झटके के कारण आप गाड़ी के बाहर गिर सकते हैं और इसकी आशंका सीट बेल्ट लगाने वालों की अपेक्षा 30 गुना अधिक होती है। वहीं यदि आगे की सीट पर बैठने वाले लोग सीट बेल्ट पहन लें, तो दुर्घटना की स्थिति में उनकी मौत का ़खतरा 40 से 50 फीसदी तक कम हो जाता है। इसके अलावा पीछे की सीट पर बैठने वालों के लिए यह खतरा 25 से 75 प्रतिशत तक कम हो सकता है। हमारे देश में स्पीड लिमिट, हेलमेट और सीटबेल्ट को लेकर कड़े कानून तो हैं, लेकिन कोई उसका पालन नहीं करता, न ही कोई इन कानूनों को पालन करवाने वाला है। सड़क दुर्घटनाओं के शिकार युवाओं में हेलमेट और सीटबेल्ट न बांधने वाले युवाओं की संख्या अधिक होती है। सीट बेल्ट क्यों पहनें :
हमारे यहां अधिकतर पुलिस से बचने के लिए ही लोग सीट बेल्ट प्रयोग करते हैं। जान लीजिए कि सीट बेल्ट एक ऐसा यंत्र है जो दुर्घटना के समय आपकी जान बचा सकती है। कार जब अचानक सामने किसी वाहन से टकराती है तो अंदर बैठे व्यक्तियों को आगे की ओर झटका लगता है। ऐसी स्थिति में व्यक्ति को सिर पर गंभीर चोट लग सकती है। इस स्थिति से बचने के लिए ही सीट बैल्ट का अविष्कार किया गया है।
आजकल एयर बैग का भी प्रयोग वाहनों में किया जा रहा है। एयर बैग कार सवारों को दुर्घटना के दौरान बड़ी चोटों से बचाता है। यह जानना होगा कि यह एयर बैग भी तब ही काम करता है जब आप सीट बेल्ट पहने हों। बच्चों को भी पहनाएं हेलमेट और सीटबेल्ट
हम सभी जानते हैं कि हर देश में दोपहिया वाहन चलाने वाले और पीछे बैठने वाले, दोनों के लिए हेलमेट पहनना आवश्यक है, लेकिन अकसर देखा जाता है कि लोग बिना हेलमेट लगाये ही मोटरसाईकिल या अन्य किसी दोपहिया वाहन को लेकर निकल पड़ते हैं। इतना ही नहीं, अपने सबसे प्यारे बच्चों के जीवन के साथ भी खिलवाड़ करने से नहीं चूकते। उन्हें भी बिना हेलमेट के वाहन पर लिए घूमते हैं। याद रखें, यदि आप अपने बच्चों को स्कूल छोड़ने जा रहे हैं, तब भी आप बच्चों और खुद को हेलमेट लगाएं। किसी लोकल मार्केट या कहीं भी थोड़ी दूर जा रहें हो तो भी हेलमेट लगायें क्योकि दुर्घटना कहीं भी और कभी भी हो सकती हैं। बच्चों को फ्रंट सीट पर न बैठाएं :
कार में लगी सीट बेल्ट का एयरबैग से सीधा संबंध होता है। ध्यान रहे कि सीट बेल्ट नहीं लगाई है तो एयर बैग किसी काम का नहीं होता, इसलिए सिर्फ एयरबैग के भरोसे नही रहना चाहिए। चाइल्ड सीट को कभी भी एयरबैग के सामने नहीं रखना चाहिए। कभी भी 13 वर्ष अथवा इससे कम आयु के बच्चों को आगे की सीट पर कभी न बैठाएं। बच्चों को सदा पीछे की सीट पर बैठाएं, क्योंकि एयरबैग खुलने की स्थिति में बच्चे एयरबैग की चोट से गंभीर रूप से घायल हो सकते हैं। बाइक पर पीछे बैठने वाले भी लगाएं हेलमेट :
बाइक या स्कूटर पर पीछे बैठने वाले अक्सर हेलमेट नहीं लगाते। क्यूवे समझते हैं कि पुलिस केवल बाइक चलाने वाले का ही हेलमेट चेक करती है, लेकिन आंकड़े बताते हैं कि हादसा होने पर चालक से अधिक खतरा पीछे बैठने वाले व्यक्ति को होता है, इसलिए सभी बैठने वालों को हेलमेट लगाना चाहिए और पुलिस को दिखाने या उससे बचने के लिए नहीं, बल्कि अपनी सुरक्षा के लिए। आईएसआई मार्का हेलमेट ही पहनें कुछ लोग अक्सर पुलिस को दिखाने या चे¨कग से बचने के लिए सस्ता और खराब क्वालिटी का हेलमेट पहनते हैं। यह ठीक नहीं है। खराब क्वालिटी का हेलमेट आपको पुलिस से तो बचा सकता है, लेकिन मौत से नहीं। याद रखिए, कोई भी हादसा होने पर हेलमेट चोट को 70 प्रतिशत से अधिक तक कम कर सकता है और जान बचने की संभावना को 50 प्रतिशत तक बढ़ा सकता है। सिर की चोट अक्सर जान जाने का कारण बनती है, इसलिए इसे बचाना बहुत आवश्यक है। किस प्रकार का हो हेलमेट और कैसे करें प्रयोग
आइये यहा जानते हैं कि सही हेलमेट कैसा होना चाहिए। हेलमेट ऐसा होना चाहिए जो वह पूरे सिर को अच्छी तरह से ढके रहे। यह न ही बहुत ढीला हो और न ही बहुत टाइट। आपका हेलमेट आपके पूरे चेहरे को ठीक से कवर करने वाला हो, जिससे आपका सिर और पूरा चेहरा चोट लगने से बचा रहे। इसके अलावा, हेलमेट के सामने वाला ग्लास अच्छी गुणवत्ता का होना चाहिए, जिससे आरपार देखने में कोई समस्या न हो। हेलमेट की स्ट्रैप भी मजबूत होना चाहिए ताकि दुर्घटना होने पर टूटे नहीं। हेलमेट बांधते समय इसे न ही बहुत टाईट रखे और न हीं बहुत ढीला। कैसी चोटों से बचता है हेलमेट :
हेलमेट से माथे की बचत होती है, जिस पर ज्यादा चोट लगने से व्यक्ति को पैरालाइसिस हो सकता है। बोलने में भी परेशानी पैदा हो सकती है। सिर के पीछे के ऊपरी भाग में चोट लगने से व्यक्ति की याददाश्त भी जा सकती है। कनपटी की तरफ की चोट से याददाश्त पूरी तरह से जा सकती है। इसके साथ ही आपकी सेक्स लाइफ भी खराब हो सकती है। सिर के निचले हिस्से की चोट से आंखों पर अधिक प्रभाव पड़ता है। हेलमेट को लेकर प्रचलित कुछ मिथक :
हेलमेट को लेकर लोगों में कुछ गलत जानकारियां प्रचलन में हैं।जैसे कि हेलमेट के कारण गर्दन और कमर में दर्द होने लगता है।
हेलमेट पहनने से सामने के शीशे में कारण नजर कमजोर हो जाती है।
लगातार हेलमेट पहनने से बाल झड़ने लगते हैं। सच्चाई :
इससे इतर सच्चाई यह है कि कमर या गर्दन में यदि दर्द होता है तो वह हेलमेट के कारण नहीं है, बल्कि वाहन को अधिक समय तक चलाने के कारण है। हेलमेट का ग्लास सा़फ-सुथरा रखने से नजर पर कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ता, बल्कि यह आंखों की सेफ्टी ही करता है। हेलमेट का साइज बहुत टाईट नहीं होना चाहिए और याद रखिए, हेलमेट के प्रयोग से बाल झड़ने जैसी भी समस्या नहीं होती। आपके सिर को कैसे बचाता है हेलमेट :
दुर्घटना के समय हेलमेट, सिर को पत्थर, कील, नुकीले तार और कंकड़ जैसी वस्तुओं से बचाता है। हेलमेट में लगा कुशन शॉक अब्जार्वर की तरह काम करता है और होनी वाले चोट को बहुत कम कर देता है। सिर के बीच में हवा की मात्रा को बढ़ा देता है, जिससे चोट कम लगती है। सस्ते के चक्कर में न करें जान का सौदा :
सोचने वाली बात यह है कि आप एक 60 हजार रुपये की बाइक तो शौक से खरीद लेते हैं, लेकिन हेलमेट की बात आती है तो सड़कछाप सस्ता सा हेलमेट तलाशते हो। आजकल बाजार में एक या दो हजार रुपये में बढि़या आईएसआई मार्क का हेलमेट मिल जाता है। इसलिए अच्छा आईएसआई वाला हेलमेट ही प्रयोग करें। सड़कछाप हेलमेट पर क्यों नहीं लगती रोक :
आईएसआई मार्किंग के बगैर तमाम हेलमेट सड़क किनारे कहीं भी 100-200 रुपए में मिल जाते हैं। प्रश्न यह है कि जब मोटर वेहीकल ऐक्ट कहता है कि बहेलमेट आईएसआई मार्क का होना आवश्यक है, फिर इन सड़कछाप हेलमेट की बिक्री पर रोक क्यों नहीं लगती। आखिर क्यों पुलिस इनके इस्तेमाल पर चालान नहीं काटती?
जनता की राय :
कार में बैठते समय सीट बेल्ट का प्रयोग हर हाल में करें। छोटी सी सावधानी आपके जीवन की लिए बड़ी सुरक्षा प्रदान कर सकती है। इसलिए जब भी यात्रा पर निकलें कार में सवार प्रत्येक व्यक्ति सीटबेल्ट का प्रयोग करे। -संजय ¨सहल बाइक चला रहे हों या कार, अपने जीवन की सुरक्षा का ध्यान अवश्य रखें। दुर्घटना कभी भी, कहीं भी हो सकती है, इसलिए थोड़ी सी दूरी पर भी निकलना हो तो हेलमेट लगाना न भूलें।
-विकास अग्रवाल कार हो या बाइक, छोटे बच्चों को अगली सीट पर कभी न बैठाएं। थोड़े से पैसे के लालच में जीवन दांव पर न लगाएं। अच्छा आईएसआई मार्क का ही हेलमेट प्रयोग करें। बाइक पर यदि पीछे भी बैठे हों, तब भी हेलमेट लगाना न भूलें।
-डीके अग्रवाल अक्सर लोग बस पुलिस के चालान से बचने को ही हेलमेट या सीटबेल्ट का प्रयोग करते हैं। ऐसा नहीं करना चाहिए। आप हेलमेट पहनेंगे या सीटबेल्ट का प्रयोग करेंगे तो पुलिस का को कोई लाभ नहीं होगा, हां आपका जीवन किसी खतरे से अवश्य बचेगा। -राजू बैरागी