नवाब खानदान की संपत्ति में हिस्सेदारी के लिए आखिरी दम तक लड़ेंगे लड़ाई Rampur News
तलत फात्मा नवाब रजा अली खान की बेटी स्वर्गीय खुर्शीद लका बेगम की पुत्री हैं। तलत के पिता स्वर्गीय नूरुल हसन पश्चिम बंगाल के राज्यपाल भी रहे हैं।
रामपुर(मुस्लेमीन)। पंजाब वक्फ बोर्ड के चेयरमैन जुनैद रजा खां उर्फ जुगनू खां भी नवाब खानदान के वारिसों में शामिल हैं। उनकी दादी रामपुर के आखिरी नवाब रजा अली खान की बहन थीं। जुगनू खां ने भी नवाब खानदान की संपत्ति में हिस्सा पाने के लिए सात साल पहले सुप्रीम कोर्ट में मुकदमा दायर किया था। लेकिन, सुप्रीम कोर्ट ने अब जो फैसला सुनाया है, उसमें वह हिस्सेदार नहीं बन सके हैं। इसे लेकर उनका कहना है कि वह अपना हक पाने के लिए आखिरी दम तक कानूनी लड़ाई लड़ेंगे। उनकी इस लड़ाई में वे लोग भी शामिल हैं, जो नवाब के वारिस हैं और सुप्रीम कोर्ट के फैसले में हिस्सेदार नहीं बन सके हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने छह माह पहले सुनाया था फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने करीब छह माह पहले नवाब खानदान की अरबों रुपये की संपत्ति के बंटवारे का फैसला सुनाया था। इस फैसले के मुताबिक बंटवारा शरीयत के हिसाब से होगा और यह संपत्ति 16 लोगों में बंटेगी। जुगनू खां कहते हैं कि रामपुर के आखिरी नवाब रजा अली खान के रहते ही नवाबी खत्म हो गई थी और नवाब खानदान की जो संपत्ति है, वह नवाब हामिद अली खान से नवाब रजा अली खान के पास आई थी। इसलिए इस पूरी संपत्ति में नवाब हामिद अली खान के सभी वंशजों की हिस्सेदारी बनती है। शिया ला के मुताबिक बाप की संपत्ति पर भाइयों के साथ ही बहन का भी हक बनता है। उनकी दादी नवाब हामिद अली खान की बेटी थीं, इसलिए उनका हिस्सा इसमें बनता है। इसी को लेकर उन्होंने 2013 में सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगाई कि नवाब खानदान की संपत्ति के मुकदमे में उन्हें भी शामिल किया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने हमारी अर्जी को स्वीकार किया। हमने 2013 में ही सिविल कोर्ट में भी मुकदमा दायर कर दिया था। यह मुकदमा अभी कोर्ट में चल रहा है। छह माह पहले सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुना दिया, जिसमें हमें निर्देश दिया गया कि हम अपनी हकदारी जताने के लिए सिविल कोर्ट में जा सकते हैं। उनका कहना है कि वह अपना हक पाने के लिए आखिरी दम तक कानूनी लड़ाई लड़ते रहेंगे।
दादी का भी है हिस्सा : समीना बी
नवाब हामिद अली की छोटी बेटी कुलसूम बेगम के पौत्र सलमान अली खान और उनकी बहन समीना बी का कहना है कि उनकी दादी का भी हिस्सा बनता है। दादी का इंतकाल हो चुका है, इसलिए हम लोग कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं। हमने जिला जज के यहां भी अर्जी लगाई थी, जो खारिज हो गई है। अब हम आठ लोग मिलकर कानूनी राय मशवरा ले रहे हैं। शीघ्र ही हाईकोर्ट में मुकदमा दायर किया जाएगा और अगर जरूरत पड़ी तो सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे।
राज्यपाल की बेटी ने किया था मुकदमा
नवाब खानदान की अरबों रुपये की जिस संपत्ति के बंटवारे की प्रक्रिया चल रही है। उसके लिए नवाब मुर्तजा अली खान के खिलाफ उनकी भांजी तलत फात्मा ने ही किया था। यह मुकदमा 1972 में दायर किया गया था।