खतरे की घंटी बजा रहा नीचे खिसकता जलस्तर
रामपुर: जिले में तेजी से नीचे खिसक रहा जल स्तर खतरे की घंटी बजा रहा है। जिले के छह म
रामपुर: जिले में तेजी से नीचे खिसक रहा जल स्तर खतरे की घंटी बजा रहा है। जिले के छह में से चार ब्लाक चमरौआ, सैदनगर, स्वार व शाहबाद डार्क जोन में आ गए हैं। बिलासपुर और मिलक में भी जलस्तर नीचे खिसकता जा रहा है। जिले में हर साल वाटर लेबल कम होता जा रहा है। इसके कई कारण हैं। एक तो बारिश कम हो रही है, दूसरे पानी की डिमांड बढ़ रही है। जमीन के अंदर से पानी ज्यादा निकाला जा रहा, जबकि भूगर्भ में कम पहुंच पा रहा है। नीचे खिसकते जल स्तर को लेकर सरकार भी ¨चतित है। उसने पानी बचाने के लिे कई प्रयास किए हैं। बड़े मकानों में ौन वाटर हार्वे¨स्टग सिस्टम जरूरी कर दिया, लेकिन आज भी कम लोग ही ऐसा कर पा रहे हैं। हालांकि जिला अस्पताल की इमारत में इसका इस्तेमाल हो रहा है। जल स्तर बढ†ाने के लिए गांवों में तालाबों की खुदाई कराई गई है। तालाबों में पानी भरने से पानी जमीन के अंदर चला जाता है। जिले में किसान साठा धान की फसल उगाकर समस्या को और बढ़ा रहे हैं।
साठा धान से बढ़ रही दिक्कत
रामपुर : जिले में जल स्तर नीचे खिसकने का एक बड़ा कारण साठा धान है। इस धान की फसल की बार बार ¨सचाई करनी पड़ती है। इस कारण साठा धान से धरती की कोख सूख रही है। जिले के छह ब्लॉकों में से चार ब्लॉक डार्क जोन घोषित हो चुके हैं। पहले साठा धान की फसल हरियाणा और पंजाब में बड़े पैमाने पर की जाती थी, लेकिन वहां जल स्तर घटने पर रोक लगा दी गई। उत्तर प्रदेश में साठा धान की फसल पर रोक नहीं लगाई जा रही है। कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर उत्तर प्रदेश में भी जल्द कदम नहीं उठाए गए तो स्थिति खतरनाक हो सकती है। जिले में साठा धान की खेती किसानों को अपनी ओर खींच रही है। कम समय में पैदा होने वाली साठा धान की फसल में किसानों को अच्छा मुनाफा हो रहा है। लिहाजा, बड़ी संख्या में किसान इस फसल को उगा रहे हैं। इस साल भी जिले में साठा धान की फसल का क्षेत्रफल 6000 हेक्टेयर है। फरवरी, मार्च में किसान मटर, लाही और सरसों की फसल काटने के बाद धान लगाते हैं। कुछ किसान गेंहू काटने के फौरन बाद भी धान लगाते हैं। इस मौसम में धान को पानी की ज्यादा जरूरत होती है। लिहाजा, किसान पं¨पग सेट और नलकूपों के माध्यम से जमीन से अंधाधुंध पानी निकालते हैं। जिले में कई साल से कम बारिश होने की वजह से जल स्तर तेजी से घट रहा है। चमरौआ, स्वार, सैदनगर, शाहबाद ब्लाक पहले ही डार्क जोन घोषित हो चुके हैं। सिर्फ मिलक और बिलासपुर ही बचे हैं, वहां भी हालात ठीक नहीं हैं।
साठा धान न उगाएं किसान
जिला कृषि अधिकारी विश्वनाथ कहते हैं कि साठा धान को ¨सचाई की आवश्यकता ज्यादा होती है। इसलिए गोष्ठी और मेले लगाकर किसानों को
साठा धान की फसल नहीं करने के लिए समझाया जा रहा है। साठा धान की फसल जल स्तर के लिए बहुत ही खतरनाक है। जिले में जल स्तर तेजी से घट रहा है। किसानों को खुद बी जागरूक होने की जरूरत है। अगर किसान समय रहते नहीं जागे तो स्थिति खतरनाक हो सकती है। जिले में हर साल जल स्तर नीचे गिरता जा रहा है।
जल संरक्षण को तालाबों मे करा रहे बो¨रग
रामपुर : जल संरक्षण के लिए रेडिको खेतान ने अनोखा तरीका अपनाया है। गांव-गांव तालाबों में बो¨रग कराए हैं, ताकि बारिश के दिनों मे तालाब भरने पर उसका पानी सीधे भूगर्भ में जा सके और वाटर लेबल ऊपर आ सके। ऐसा करने से कई गांवों मे जलस्तर मे काफी सुधार हुआ है। दो साल पहले दैनिक जागरण ने सरोवर हमारी धरोहर अभियान शुरू किया था। इसी से प्रेरित होकर रेडिको खेतान ने जल संरक्षण की मुहिम शुरू की। गांवों में तालाबों का जीर्णोद्धार कराया। 26 गांव के 60 तालाबों में 84 बो¨रग कराए हैं। इनकी देख-रेख भी की जा रही है। आजकल इनकी मरम्मत का काम चल रहा है। इस साल तालाबों में नए बो¨रग कराने की तैयारी चल रही है।
सीधे भूगर्भ मे जाता पानी तालाब मे बो¨रग कराने के साथ ही उसका पांच फुट ऊंचा फाउंडेशन बनाया जाता है। इसके ऊपर बो¨रग के मुंह पर जाली लगाई जाती है, ताकि बारिश के दिनों मे तालाब भर जाने पर फालतू पानी बो¨रग के जरिये सीधे भू गर्भ में जा सके। ऐसा करने से इन गांवों में वाटर लेवल ऊपर आया है। चमरौआ ब्लाक के मढ़ैयान बल्लू के ग्राम प्रधान अकरम अली कहते हैं कि उनके गांव में दो साल पहले रेडिको खेतान की ओर से तालाब का जीर्णोद्धार कराया गया, उसमें तीन बो¨रग भी कराए गए .ऐसा करने से बारिश के दिनों में जब तालाब पानी से लबालब भर गया तब उसका काफी पानी बो¨रग के जरिए सीधे भूगर्भ मे चला गया और फिर गांव का जलस्तर भी करीब पांच फुट ऊपर आ गया। उनका कहना है कि अगर तालाब में बो¨रग नहीं होते तो बारिश का पानी तालाब भर जाने पर इधर-उधर बह जाता।
इस साल 25 बो¨रग कराएंगे
रेडिको खेतान के डायरेक्टर केपी ¨सह कहते हैं कि तालाबों में बो¨रग कराने से जल संरक्षण हो रहा है और वाटर लेवल भी ऊपर आ रहा है। हमारी कंपनी की ओर से इस साल भी 25 तालाबों में बो¨रग कराए जाएंगे।