रमजान के पहले जुमे पर नमाजियों से भर गईं मस्जिदें
रामपुर: रमजानुल मुबारक के पहले जुमे को मस्जिदें नमाजियों से भर गईं। रोजेदारों ने भीषण ग
रामपुर: रमजानुल मुबारक के पहले जुमे को मस्जिदें नमाजियों से भर गईं। रोजेदारों ने भीषण गर्मी की परवाह किए बिना अपने रब के आगे सजदा किया। गुनाहों से माफी की दुआ मांगी। उलमा ने रमजानुल मुबारक के मुकद्दस महीने की फजीलत बयान की। शहर की तमाम मस्जिदों के साथ जामा मस्जिद में जुमे की नमाज अदा की गई। नमाज के बाद मस्जिदों में अमन और गर्मी से निजात के लिए दुआ कराई गई। तेज धूप और भीषण गर्मी की फिक्र किए बगैर नमाजी सुबह से ही जामा मस्जिद में पहुंचना शुरू हो गए। किसी ने कुरआन की तिलावत की तो किसी ने तस्बीहात में वक्त गुजारा। खुतबे की अजान होने तक पूरी मस्जिद नमाजियों से भर गई। इस दौरान शहर काजी सैयद खुशनूद मियां ने रमजानुल मुबारक की फजीलत बयान की। कहा कि खुदा का शुक्र है कि उसने हमें रमजानुल मुबारक का महीना अता किया। अल्लाह इस महीने की बरकतों से हर मुसलमान को मालामाल फरमाए। अल्लाह ने हर मुसलमान आकिल, बालिग और मुकीम पर रोजे फर्ज किए। अल्लाह ने इस माह को तीन हिस्सों में बांटा है।
पहला हिस्सा रहमत, दूसरा हिस्सा मगफिरत और तीसरा हिस्सा जहन्नुम से निजात का है। आज भीषण गर्मी में जो रोजा रख रहे हैं, यही रोजा जहन्नुम की गर्मी से बचाएगा। जहन्नुम की गर्मी से बचना है तो इस गर्मी में ज्यादा से ज्यादा इबादत करो।
शहर काजी ने कहा कि अल्लाह ने रोजेदारों के लिए जो इनाम रखा है, उसके सामने इस भूख प्यास और गर्मी की कोई हैसियत नहीं है। दूसरे अमल के लिए अल्लाह ने नेकियां रखी हैं किसी अमल के लिए 10 नेकियां तो किसी अमल के लिए 100 नेकियां, लेकिन रमजान के रोजे के बारे अल्लाह फरमाता है कि इसका बदला मैं खुद दूंगा। रमजान में अल्लाह ताला जहन्नुम के दरबाजे बंद कर जन्नत के दरबाजे कोल देता है। रहमतें और बरकतें बरसने लगती हैं। नमाज के बाद शहर काजी ने दुआ कराई। जामा मस्जिद के अलावा शहर में मोती मस्जिद, कचहरी वाली मस्जिद, लाल मस्जिद, मदीना मस्जिद, ऊंची मस्जिद, नई मस्जिद में भी बड़ी संख्या में लोगों ने नमाज अदा की। इसके अलावा कस्बों और गांवों में भी रमजान के पहले जुमे को मस्जिदें नमाजियों से खचाखच भर गईं।